May 20, 2024 : 1:20 AM
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उत्तराखंड को मिला यंग CM:45 साल के धामी नए मुख्यमंत्री, 11 मंत्री पुरानी टीम से; शपथ के 3 घंटे बाद ही कैबिनेट मीटिंग बुलाई

देहरादून6 घंटे पहले

45 साल के पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री के बाद सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, डॉ. धन सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, बिशन सिंह, गणेश जोशी, रेखा आर्य और यतीश्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ली। ये सभी पहले भी मंत्रिमंडल में शामिल थे।

पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट के साथ मीटिंग की। उनका जोर युवाओं को रोजगार देने पर है।

पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट के साथ मीटिंग की। उनका जोर युवाओं को रोजगार देने पर है।

शनिवार को हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी के नाम पर सहमति बनी थी। शपथ लेने से पहले वह मंच से उतरकर वरिष्ठ मंत्री सतपाल महाराज से मिलने गए। सतपाल महाराज धामी को CM बनाने से नाराज बताए जा रहे थे। मुख्यमंत्री बनते ही धामी एक्शन में आ गए हैं। शपथ लेने के 3 घंटे बाद ही उन्होंने रात 8 बजे कैबिनेट की पहली बैठक बुला ली। मीटिंग के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि इसमें युवाओं और बेरोजगारों के लिए कई अहम फैसले लिए गए हैं।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उन्होंने ईश्वर के नाम पर यह शपथ ली।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उन्होंने ईश्वर के नाम पर यह शपथ ली।

कभी मंत्री नहीं रहे, सीधे CM की कुर्सी संभालेंगे धामी
पिथौरागढ़ में जन्मे 45 साल के पुष्कर सिंह धामी राज्य के सबसे कम उम्र के CM हैं। दो बार के विधायक धामी कभी उत्तराखंड सरकार में मंत्री नहीं रहे, लेकिन अब सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। शनिवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि एक सामान्य कार्यकर्ता को राज्य की सेवा का मौका देने के लिए वे पार्टी हाईकमान के शुक्रगुजार हैं। बहुमत के बावजूद लगातार नेतृत्व की अस्थिरता से जूझ रही भाजपा ने मुख्यमंत्री बदलने का फैसला लिया था।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देहरादून के बीजापुर सेफ हाउस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को देहरादून के बीजापुर सेफ हाउस में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

शपथ के बाद पुष्कर सिंह धामी ने बताया प्लान

  • मैं युवाओं के बीच काम करता रहा हूं और मुद्दों को अच्छी तरह समझता हूं। कोरोना ने उनकी जिंदगी पर असर डाला है। हम उनके लिए हालात को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे। राज्य में खाली पदों पर नौजवानों को अपॉइंट करने की कोशिश की जाएगी।
  • इसमें कुछ मुश्किलें हैं लेकिन, राज्य में टूरिज्म और चार धाम यात्रा फिर से शुरू करना हमारे लिए बहुत जरूरी है।
  • मेरी उम्र कम है। यहां हर कोई अनुभवी है। मेरी पार्टी के लिए, जिसने मुझे यह मौका दिया है, मेरा कर्तव्य है कि मैं नए और पुराने सदस्यों को एक साथ रखूं। पार्टी और राज्य के काम को आगे बढ़ाऊं।
शपथ ग्रहण से पहले पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की।

शपथ ग्रहण से पहले पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की।

शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें केंद्रीय ऑब्जर्वर के तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर और डी पुरंदेश्वरी मौजूद थे। बैठक में तीरथ सिंह रावत और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन कौशिक ने खटीमा से विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम प्रस्तावित किया। इस पर केंद्रीय पर्यवेक्षक की भी सहमति के बाद किसी दूसरे नाम का प्रस्ताव ही नहीं आया।

देहरादून में शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी नेताओं ने एकजुटता दिखाई।

देहरादून में शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम का ऐलान होने के बाद पार्टी नेताओं ने एकजुटता दिखाई।

धामी गरीब परिवार में जन्मे
पुष्कर सिंह धामी का जन्म 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ के टुण्डी गांव में हुआ था। उनके पिता सैनिक थे। तीन बहनों के बाद घर का अकेला बेटा होने की वजह से परिवार की जिम्मेदारियां उन पर हमेशा बनी रहीं।

ABVP और युवा मोर्चा में काम कर चुके हैं
धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया है। वे 1990 से 1999 तक ABVP में अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं। धामी 2002 से 2008 तक युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं। वहीं 2010 से 2012 तक शहरी विकास परिषद के उपाध्यक्ष रहे। वे 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे। उनकी अगुआई में ही प्रदेश सरकार ने स्थानीय युवाओं को राज्य के उद्योगों में 70% आरक्षण दिलाने में सफलता हासिल की।

RSS और कोश्यारी के करीबी हैं
धामी को RSS का करीबी माना जाता है। वे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भी नजदीकी हैं। धामी के बारे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि ये एक ऐसा नाम है जो हमेशा विवादों से दूर रहा है। पुष्कर सिंह धामी भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर काफी जोर-शोर से आवाज उठाते रहे हैं। युवाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है।

जातीय संतुलन भी धामी के पक्ष में गया
राजपूत समुदाय से आने वाले धामी राज्य के तेजतर्रार नेताओं में शुमार हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाकर जातीय समीकरण भी साधने की कोशिश की गई है। तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के वक्त भी पुष्कर सिंह धामी का नाम रेस में शामिल रहा था। धामी राज्य के और मुख्यमंत्रियों के मुकाबले युवा हैं। उनका युवा होना भी उनके मुख्यमंत्री चुने जाने के पक्ष में गया है।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को धामी के विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी देते हुए भाजपा नेता।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को धामी के विधायक दल का नेता चुने जाने की जानकारी देते हुए भाजपा नेता।

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