पीटीआई, नई दिल्ली Published by: गौरव पाण्डेय Updated Sun, 04 Jul 2021 10:52 PM IST
सार
एयर इंडिया की एक यात्री रितिका हांडू ने हाल ही में 45 लाख यात्रियों के निजी डाटा लीक होने के बाद एयरलाइन से हर्जाना मांगा है जिसमें उनका और उनके पति का डाटा भी शामिल था। यात्री ने इसे अपने ‘भूल जाने के अधिकार और सूचना संबंधी स्वायत्तता’ का उल्लंघन बताते हुए 30 लाख रुपये का मुआवजा मांगा है।
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विस्तार
ईमेल में कहा गया था, ‘इस लीक में 26 अगस्त 2011 और 20 फरवरी 2021 के बीच पंजीकृत व्यक्तिगत डाटा शामिल था। इसमें नाम, जन्मतिथि, संपर्क जानकारी, पासपोर्ट जानकारी, टिकट की जानकारी, स्टार एलायंस और एयर इंडिया फ्रीक्वेंट फ्लायर डाटा (लेकिन कोई पासवर्ड डाटा प्रभावित नहीं हुआ था) और साथ ही क्रेडिट कार्ड डाटा था। हालांकि, इस तरह के डाटा के संबंध में सीवीवी या सीवीसी नंबर हमारे डाटा प्रोसेसर के पास नहीं हैं।’
दिल्ली में पत्रकार के तौर पर कार्यरत हांडू ने अपने नोटिस में एयर इंडिया पर जानबूझकर व्यक्तिगत डाटा लीक करने का और संवेदनशील जानकारी का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के जरिए भेजे गए नोटिस में कहा गया है, ‘नोटिस पाने वाला (एयर इंडिया) मेरे मुवक्किल की संवेदनशील जानकारी और व्यक्तिगत डाटा को लीक करने का दोषी है।’
नोटिस में कहा गया है, ‘मेरे मुवक्किल को आपके (नोटिस प्राप्त करने वाला) की हालिया सुरक्षा चूक के बारे में जानकर हैरानी हुई जिसके कारण बड़े पैमाने पर निजी डाटा लीक हुआ जिसमें संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी और व्यक्तिगत डाटा शामिल है, जिससे मेरे मुवक्किल के व्यक्तिगत डाटा के दुरुपयोग का खतरा है।’
कंपनी की ‘कस्टमर केयर’ डाटा गोपनीयता नीति के अध्याय सात को लेकर नोटिस में कहा गया है, ‘इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है सभी ग्राहक अपने डाटा या सूचना पर यथासंभव नियंत्रण रख सकते हैं, ताकि आपके रिकॉर्ड में निजी जानकारी को बदल सकें, अपवाद परिस्थितियों को छोड़कर जब कोई कानून और व्यवस्था का मुद्दा हो। अब जब मेरी मुवक्किल की निजी जानकारी पर कोई नियंत्रण नहीं है क्योंकि यह चोरी हो गई है, यह मेरे मुवक्किल के गोपनीयता के अधिकार और भूल जाने के अधिकार का उल्लंघन है।’