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- A Fictional Picture From June 2041 How Indian Cities Will Cope With The Scorching Heat
10 घंटे पहले
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रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी के कारण देशभर में लोग परेशान होंगे। फाइल फोटो
यूरोप के मीडिया समूह द इकोनॉमिस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2041 में गर्मी की तस्वीर डराने वाली होगी। दिल्ली में तापमान 49.3 डिग्री तक पहुंच जाएगा और चेन्नई में लू की वजह से 17,642 लोगों की मौत होगी।
इकॉनॉमिस्ट हर साल कुछ संभावित स्थितियों की काल्पनिक तस्वीर बताता है। इसी आधार पर ये रिपोर्ट भी बनाई गई है। रिपोर्ट ऐतिहासिक तथ्यों, वर्तमान अनुमानों और विज्ञान पर आधारित है। इसमें उस दिन के हालात बयां किए गए, हैं जब भारत के इतिहास की सबसे जानलेवा गर्मी को तीन सप्ताह बीत चुके होंगे।
दक्षिण भारत ज्यादा गर्म होगा। चेन्नई शहर में सबसे अधिक संकट रहेगा। अस्पतालों में लू से बीमार लोगों की भीड़ रहेगी। चेन्नई की असली समस्या नमी होगी। गर्मी और हवा में नमी को- वेट बल्ब टेम्परेचर कहते हैं। यह ऐसा न्यूनतम तापमान है, जिसमें कोई भी चीज सतह से वाष्पीकरण के जरिए ठंडी होती है।
चेन्नई में पिछले 10 साल से वेट बल्ब टेम्परेचर 32 डिग्री से अधिक
सूखी हवा में भी मानव शरीर के तापमान 37 डिग्री पर लोग पसीना बहाकर ठंडे हो सकते हैं। ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी टेनेसी के भौतिकशास्त्री मोतसिम अशफाक कहते हैं, लेकिन, 32 डिग्री के वेट बल्ब टेम्परेचर में शारीरिक श्रम खतरे से खाली नहीं है। बहुत कम लोग 35 डिग्री वेट बल्ब टेम्परेचर में जीवित रह पाते हैं। चेन्नई में पिछले दस साल से वेट बल्ब टेम्परेचर 32 डिग्री से अधिक है।
2015 में हुई थी 585 लोगों की मौत
26 साल पहले हैदराबाद में ग्रीष्म लहर के बाद शहर में गर्मी कम करने के प्रयास तेजी से शुरू हो गए। 2015 में शहर और नजदीकी इलाकों में प्रचंड गर्मी से 585 लोगों की मौत हो गई थी। यह बदलाव का मोड़ था।
हैदराबाद नगर निगम ने 2017 में शहर के कम आय वाले इलाकों में छत को ठंडा रखने का कार्यक्रम (कूल रुफ प्रोग्राम) शुरू किया। लू की सबसे भयावह मार इन इलाकों में पड़ती है। घरों की छत पर सस्ती सफेद पॉलिथिलीन कोटिंग की शीट लगाई गई। घरों का तापमान दो डिग्री कम हो गया।
2041 की काल्पनिक स्थिति
2019 में तेलंगाना में कूल रूफ प्रोग्राम लागू किया गया है। 2027 तक हैदराबाद में 8 हजार से अधिक बिल्डिंग में कूल रूफ लगाने का अनुमान है। 2030 में शहरों में लागू ग्रामीण रोजगार योजना- नरेगा के तहत झुग्गियों और अस्थायी निर्माणों पर सफेद चूने की पुताई की जाएगी। शहर में 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे।