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अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 29 Jun 2021 06:29 AM IST
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कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से अच्छी खबर है। मुंबई में 50 फीसदी से अधिक बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
इसका मतलब है कि मुंबई में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चला। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के सीरोलॉजिकल सर्वे में यह नई जानकारी सामने आई है।
बीएमसी ने 1 अप्रैल से 15 जून के बीच चौथा सीरो सर्वे कराया। यह सर्वे बीएमसी के सभी 24 वार्डों में कराए गए और बच्चों के कुल 2,176 रक्त के नमूने इकट्ठा किए गए। सीरो सर्वे के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 51.18 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
सर्वे में 10 साल से लेकर 14 साल के बच्चों में सर्वाधिक 53.43 फीसदी एंटीबॉडी मिली है। वहीं, एक से लेकर 4 साल के बच्चो में 51.04, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33 प्रतिशत, 15 से लेकर 18 साल के लोगों में 51.39 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई है। इस तरह कुल मिलाकर 1 साल के बच्चे से लेकर 18 साल के युवा तक एंटीबॉडी का औसत 51.18 फीसदी है।
मुंबई के नायर और कस्तूरबा हास्पिटल नमूनों का परीक्षण किया गया। इससे पहले मार्च 2021 में कराए गए सीरो सर्वे में 18 साल से कम आयु के बच्चों में 39.04 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई थी। इससे पता चला है कि पहले की तूलना में बच्चों में एंटीबॉडी बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चों के संक्रमित हो सकते है। ऐसे में यह रिपोर्ट काफी सुकूनदायक माना जा रहा है।
विस्तार
कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से अच्छी खबर है। मुंबई में 50 फीसदी से अधिक बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
इसका मतलब है कि मुंबई में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित हो चुके हैं लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चला। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के सीरोलॉजिकल सर्वे में यह नई जानकारी सामने आई है।
बीएमसी ने 1 अप्रैल से 15 जून के बीच चौथा सीरो सर्वे कराया। यह सर्वे बीएमसी के सभी 24 वार्डों में कराए गए और बच्चों के कुल 2,176 रक्त के नमूने इकट्ठा किए गए। सीरो सर्वे के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 51.18 फीसदी बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई है।
सर्वे में 10 साल से लेकर 14 साल के बच्चों में सर्वाधिक 53.43 फीसदी एंटीबॉडी मिली है। वहीं, एक से लेकर 4 साल के बच्चो में 51.04, 5 से 9 साल के बच्चों में 47.33 प्रतिशत, 15 से लेकर 18 साल के लोगों में 51.39 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई है। इस तरह कुल मिलाकर 1 साल के बच्चे से लेकर 18 साल के युवा तक एंटीबॉडी का औसत 51.18 फीसदी है।
मुंबई के नायर और कस्तूरबा हास्पिटल नमूनों का परीक्षण किया गया। इससे पहले मार्च 2021 में कराए गए सीरो सर्वे में 18 साल से कम आयु के बच्चों में 39.04 फीसदी एंटीबॉडी पाई गई थी। इससे पता चला है कि पहले की तूलना में बच्चों में एंटीबॉडी बढ़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीसरी लहर में ज्यादातर बच्चों के संक्रमित हो सकते है। ऐसे में यह रिपोर्ट काफी सुकूनदायक माना जा रहा है।
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