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जुलाई के त्योहारों का कैलेंडर:इस महीने 17 दिन रहेंगे व्रत-पर्व, 11 से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि और 24 को गुरु पूर्णिमा

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11 घंटे पहले

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  • इस महीने 20 जुलाई से शुरू होगा चातुर्मास और 26 को रहेगा सावन का पहला सोमवार

इस महीने 17 दिन व्रत-त्योहार रहेंगे। जुलाई में हिंदू कैलेंडर का आषाढ़ महीना भी रहेगा। जिसमें स्नान-दान और व्रत-पूजा करने से हर तरह के संकट दूर हो जाते हैं। आषाढ़ महीना 24 जुलाई को खत्म होगा। इसके अगले दिन से सावन का महीना शुरू हो जाएगा। जुलाई में गुप्त नवरात्रि, जगन्नाथ रथयात्रा और गुरु पूर्णिमा जैसे बड़े पर्व होने से इसका महत्व और प्रभाव और भी बढ़ गया है।

जुलाई में कर्क संक्रांति पर शुरू होता दक्षिणायन
इस महीने कर्क संक्रांति भी होती है। यानी सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश होने के साथ ही दक्षिणायन शुरू हो जाता है। पुराणों में इसे देवताओं की रात का समय कहा गया है। इस महीने देवशयनी एकादशी भी आएगी। यानी इस एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में सो जाते हैं और चार महीने बाद जागते हैं। इसलिए इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। इन दिनों में शुभ काम नहीं किए जाते हैं।

2 जुलाई को पहला और 30 को महीने का आखिरी व्रत
इस महीने में 2 जुलाई को शीतलाष्टमी, 5 को योगिनी एकादशी, 7 को प्रदोष व्रत, 8 को शिव चतुर्दशी यानी मासिक शिवरात्रि व्रत रहेगा और 9 को आषाढ़ अमावस्या के साथ कृष्णपक्ष खत्म हो जाएगा। इसके अगले दिन गुप्त नवरात्र शुरू हो जाएंगे। साथ ही शुक्लपक्ष भी रहेगा। इसमें 13 जुलाई को विनायकी चतुर्थी व्रत, 16 को कर्क संक्रांति, 18 को भड़ली नवमी का अबूझ मुहूर्त और 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी रहेगी।

इसके बाद प्रदोष, मंगला तेरस और गुरु पूर्णिमा व्रत आएंगे। इस महीने के आखिरी हफ्ते की शुरुआत सावन सोमवार से होगी। उसके अगले दिन मंगला गौरी फिर मौना पंचमी और इसके बाद शीतला सप्तमी पर जुलाई का आखिरी व्रत किया जाएगा।

जुलाई के तीज-त्योहार
2 जुलाई:
शीतलाष्टमी- शीतलाष्टमी पर्व को बसोरा या बसोड़ भी कहते हैं।
5 जुलाई: योगिनी एकादशी – योगिनी एकादशी के दिन किए गए पूजा-पाठ का फल जल्दी मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार आषाढ़ महीने में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करना चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व है।
9 जुलाई: हलहारिणी अमावस्या – यह श्राद्ध, दान पुण्य की अमावस्या भी है।
11 जुलाई: गुप्त नवरात्रि- आषाढ़ शुक्ल पक्ष प्रारंभ होगा और इसी दिन गुप्त नवरात्रि का भी प्रारंभ होगा, जो 18 जुलाई तक चलेगी।
12 जुलाई: जगन्नाथ रथयात्रा – इस दिन भगवान जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ होगी। हालांकि इस बार भी भक्तों के बगैर यात्रा होगी।
16 जुलाई: ताप्ती जयंती – मां ताप्ती जयंती रहेगी और इसी दिन कर्क संक्रांति भी होगी। कर्क संक्रांति से सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। ताप्ती जन्मोत्सव आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को मनाया जाता है।
20 जुलाई: हरिशयनी एकादशी – हरिशयनी एकादशी से चतुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। इसे देवशयनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन से देव सो जाएंगे और चार माह के लिए सभी तरह के मांगलिक और शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।
21 जुलाई: वामन द्वादशी – प्रदोष व्रत के दिन वामन द्वादशी व वासुदेव द्वादशी है। इसी दिन ईद-उल-जुहा पर्व भी रहेगा।
22 जुलाई: विजया पार्वती व्रत – विजया पार्वती व्रत और मंगला तेरस रहेगी।
24 जुलाई: गुरु पूर्णिमा – व्रत की पूर्णिमा रहेगी और 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा रहेगी। 23 जुलाई को चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य तिलक की जयंती भी है। पूर्णिमा के दिन वेद व्यासजी की पूजा होती है। इसी दिन से आषाढ़ माह समाप्त हो जाएगा।
26 जुलाई: सावन का पहला सोमवार: इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा के साथ व्रत-उपवास भी किए जाते हैं। शिव पुराण के मुताबिक सावन का सोमवार भगवान शिव का बहुत प्रिय दिन है।
27 जुलाई: अंगारक चतुर्थी: मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से इस दिन अंगारक चतुर्थी की पूजा और व्रत किया जाएगा। इस व्रत से हर तरह की शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।
28 जुलाई: मौना पंचमी: इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा की जाती है। मौना पंचमी के दिन व्रत और पूजा के साथ कथा सुनने से सुहागिन महिलाओं की परेशानियां खत्म हो जाती हैं।

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