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ऑटोमोबाइल कंपनियों से डील:बढ़ती कीमतों को लेकर स्टील कंपनियों ने 10-16% बढ़ाने का समझौता किया, एक कार बिक्री में 9% तक स्टील की हिस्सेदारी

नई दिल्ली4 घंटे पहले

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स्टील की लगातार बढ़ती कीमतों से फोर और टू-व्हीलर की मैन्युफैक्चिरिंग लागत काफी बढ़ गई है। मारुति, हीरो, रेनो जैसी कंपनियां तो जुलाई में फिर से अपनी गाड़ियों की कीमतें बढ़ा रही हैं। ऐसे में स्टील बनाने वाली कुछ बड़ी कंपनियों ने ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स से लंबी बातचीत के बाद 10-16 प्रतिशत तक कीमतें बढ़ाने का समझौता किया है।

स्टील बनाने वाली कुछ मिलों ने इस समझौते को फाइनल कर दिया है। वहीं, कुछ को इस महीने के आखिर तक डील होने की उम्मीद है। ये डील अप्रैल से जून के क्वार्टर के लिए है। स्टील इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एक कार की बिक्री मूल्य में स्टील की हिस्सेदारी करीब 8-9 फीसदी होती है।

कार की बॉडी, नॉन-एक्सपोज्ड कार चेसिस और सेफ्टी कम्पोनेंट्स में इस्तेमाल होने वाली फ्लैट स्टील की कीमतें 7,500-9,800 रुपए प्रति टन तक बढ़ाई गई हैं। वहीं, इंजन, ट्रांसमिशन और स्टीयरिंग, सीटिंग वायर एप्लिकेशन में इस्तेमाल होने वाली स्टील की कीमत 6,000 रुपए प्रति टन तक बढ़ाई गई है।

इन कंपनियों ने डील को फाइनल किया
आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (AM/NS इंडिया) के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर, रंजन धर ने कहा कि हमने कुछ डील को अंतिम रूप दे दिया है और बाकी को महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सीआरसीए में वृद्धि, या कोल्ड-रोल्ड क्लोज-एनील्ड (इंडेक्स मूमेंट के आधार पर) Q1FY के लिए लगभग 10,000 रुपए प्रति टन होगा।

JSW स्टील के डायरेक्टर (कमर्शियल एंड मार्केटिंग), जयंत आचार्य ने बताया कि अप्रैल से जून तिमाही के लिए ऑटो अनुबंधों को अंतिम रूप दे दिया गया है। टाटा स्टील महीने के अंत तक अनुबंधों को बंद करने की दिशा में काम कर रही है।

कीमतों में अभी और उछाल आएगा
स्टील इंडस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि घरेलू कीमतों और क्वार्टरली ऑटो कॉन्टैक्ट के बीच का अंतर विभिन्न उत्पादों में एक टन वृद्धि के बाद लगभग 18-25 प्रतिशत है। निर्माताओं में से एक ने कहा कि CRCA के लिए शुरुआती कीमत 57,000 रुपए से 58,000 रुपअ प्रति टन और ऑटो ग्रेड हॉट रोल्ड (HR) के लिए 54,000 से 55,000 रुपए प्रति टन थी।

अप्रैल से जून की डील को अंतिम रूप देने के साथ, कंपनियों द्वारा दूसरी तिमाही के लिए बातचीत शुरू करने की संभावना है। ऐसे संकेत हैं कि इसमें अधिक वृद्धि हो सकती है। धर ने कहा, “हम अप्रैल से जून के दौरान सूचकांक की गति के आधार पर जल्द ही दूसरी तिमाही के अनुबंधों को भी अंतिम रूप देंगे, जो लगभग 20,000 रुपए प्रति टन होना चाहिए।”

स्टील की कीमतें पिछले एक साल से वैश्विक स्तर पर बढ़ रही हैं। जून 2021 में घरेलू फ्लैट स्टील की कीमत लगभग दोगुनी होकर 72,000 रुपए प्रति टन हो गई, जो जून 2020 में 38,000 रुपए प्रति टन थी। लंबी स्टील की कीमतें 1.4 गुना बढ़कर 57,900 रुपए प्रति टन हो गईं, जैसा कि क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया था।

हालांकि, घरेलू स्टील की कीमतें अभी भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर छूट पर थीं। घरेलू स्टील की कीमतों में अधिकांश उछाल नवंबर के बाद हुआ, जिसने ऑटो अनुबंधों को छह-मासिक से क्वार्टरली प्राइसिंग में स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित किया। पिछली बार जनवरी से मार्च तक की बढ़ोतरी करीब 7,000 रुपए प्रति टन थी।

धर ने कहा, “जनवरी 2021 से ऑटो अनुबंध सेमेस्टर से तिमाही में स्थानांतरित हो गए हैं, हम हमेशा ऑटो अनुबंधों को सेमेस्टर के आधार पर ही रखने के इच्छुक हैं। हमें उम्मीद है कि हम इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही से इसमें वापस लौट आएंगे।”

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