May 16, 2024 : 10:33 AM
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तीन अलग अध्ययनों में खुलासा: पोस्ट कोविड हाइपरग्लेसेमिया के इलाज में दारुहरिद्रा से बनी आयुर्वेदिक दवा कारगर और सुरक्षित

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Hindi NewsLocalDelhi ncrAyurvedic Medicine Made From Daruharidra Is Effective And Safe In The Treatment Of Post Covid Hyperglycemia.

नई दिल्ली5 घंटे पहले

कॉपी लिंकमधुमेह जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित शोध के अनुसार अस्पताल से ठीक होकर आने के बावजूद 14.4 फीसदी रोगी हारपरग्लेसिमिया के शिकार हो रहे हैं। - Dainik Bhaskar

मधुमेह जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित शोध के अनुसार अस्पताल से ठीक होकर आने के बावजूद 14.4 फीसदी रोगी हारपरग्लेसिमिया के शिकार हो रहे हैं।

कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले 14 फीसदी से अधिकतर मरीजों में हाइपरग्लेसिमिया के मामले पाए गए हैं। इन मरीजों में शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में किए गए अध्ययन में यह सामने आया है कि इसे नियंत्रित करने के लिए डीपीपी-2 इन्हिबिटर बेहद सुरक्षित हैं।

सीएसआईआर द्वारा विकसित मधुमेह की दवा बीजीआर-34 में ये तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद है क्योंकि इसका मूल स्रोत दारुहरिद्रा है, जिसका इस्तेमाल इस दवा को बनाने में किया गया है। मधुमेह जर्नल डायबिटीज में प्रकाशित शोध के अनुसार अस्पताल से ठीक होकर आने के बावजूद 14.4 फीसदी रोगी हारपरग्लेसिमिया के शिकार हो रहे हैं।

जर्नल ऑफ ड्रग रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार डीपीपी-4 इनहिबिटर्स का प्राकृतिक स्रोत दारुहरिद्रा औषधीय पौधा है। नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) के वैज्ञानिक डॉ.केएस रावत ने कहा कि दारुहरिद्रा के इस गुण के कारण ही इसे बीजीआर में शामिल किया गया है।

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