- Hindi News
- International
- IndiaChina Border | Dragon Launches First Bullet Train In Tibet Near Arunachal Pradesh Border
ल्हासा16 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
धीरे-धीरे ग्लोबल पावर बनता चीन दुनिया के साथ भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहा है। चीन ने अपने कब्जे वाले तिब्बत में शुक्रवार को पहली इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन चलाई है। ये ट्रेन तिब्बत की राजधानी ल्हासा से नियांगची तक चलेगी। भारत के लिए ये एक अलर्ट है, क्योंकि नियांगची शहर की दूरी अरुणाचल प्रदेश की सीमा (मेचुका) से सिर्फ 119 किलोमीटर है।
चीन की इलेक्ट्रिक बुलेट ट्रेन 435.5 किलोमीटर का सफर तक करेगी। इसका उद्घाटन कम्युनिस्ट पार्टी के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया है। इसकी टॉप स्पीड 160 किलोमीटर है। अभी इसके लिए सिंगल लाइन ही डाली गई है। ट्रेन 9 स्टेशनों पर रुकेगी, जिसमें ल्हासा, शन्नान और नियांगची स्टेशन भी शामिल है। सड़क मार्ग से ल्हासा से नियांगची जाने में लगने वाले समय की तुलना करें तो बुलेट ट्रेन समय से करीब 1.5 घंटे पहले पहुंचा देगी। इसके अलावा शन्नान से नियांगची जाने में भी 2 घंटे कम समय लगेगा।
ब्रह्मपुत्र नदी को 16 बार क्रॉस करेगी ट्रेन
ट्रेन 47 टनल्स और 121 पुल से होकर गुजरेगी। इसके अलावा ये ट्रेन ब्रह्मपुत्र नदी को 16 बार क्रॉस करेगी। यदि टनल और पुल की दूरियों को मिलाएं तो रेलवे लाइन की टोटल दूरी के 75 प्रतिशत होगा। ट्रेन 10 मिलियन टन तक का वजन ले जाने में सक्षम है। चीन को उम्मीद है कि इससे लोगों को यात्रा करने में सुविधा तो हीगी ही, साथ ही व्यापार में भी बढ़ोतरी होगी।
तिब्बत में चीन का ये दूसरा रेलवे प्रोजेक्ट है। इससे पहली चीन क्विंघई से लेकर ल्हासा तक रेलवे प्रोजेक्ट लॉन्च कर चुका है। नवंबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत में बिछाई जाने वाली रेलवे लाइन को लेकर अपना विजन बताया था। उन्होंने कहा था कि ऐसा करने से हमारी बॉर्डर को मजबूती मिलेगी।
भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर कहां-कहां विवाद?
- गलवान: यहां गश्त अभी बंद कर दी गई है। तनाव की स्थिति नहीं है। गश्त बंद करने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
- पैंगॉन्ग लेक का उत्तरी और दक्षिणी इलाका: फरवरी 2021 में भारत और चीन दोनों इस इलाके से पीछे जाने को राजी हो गए। चीन ने कहा कि वो फिंगर 8 से पीछे रहेगा और भारत ने कहा कि वो फिंगर 4 यानी धनसिंह थापा पोस्ट से आगे नहीं जाएगा।
- गोगरा: यहां एक अहम पॉइंट है 17-A यानी सोग सालू पॉइंट। मौजूदा समय में यहां भारत और चीन के सैनिक आमने सामने हैं। भारत के कई सैनिक इस जगह अभी भी मौजूद हैं। भारत चीन से कह रहा है कि इस इलाके से ढाई-तीन किलोमीटर वापस चले जाएं, पर चीन इस पर राजी नहीं है।