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Hindi NewsInternational26 11 Mumbai Attack Accused Tahawwur Rana To Remain In US Custody, Judge Orders Submission Of Additional Documents By July 15
लॉस एंजेलिस4 घंटे पहले
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मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा फिलहाल अमेरिकी पुलिस की गिरफ्त में है। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की है।
अमेरिका की लॉस एंजेलिस कोर्ट में आज 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की भारत को प्रत्यर्पण करने के मामले में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई कर रहे जज जैकलीन चूलजियान ने डिफेंस अटॉर्नी और प्रोसिक्यूटर को 15 जुलाई तक अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल कराने का आदेश दिया। तब तक तहव्वुर राणा लॉस एंजेलिस में ही फेडरल कस्टडी में रहेगा।
राणा के वकील बोले- हेडली के आतंकी साजिश का पता नहीं था कोर्ट में राणा के वकीलों ने उसका पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि राणा को हेडली के आतंकी साजिश रचने के बारे में नहीं पता था। वह अपने बचपन के दोस्त की मदद करने और मुंबई में एक बिजनेस ऑफिस स्थापित करने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने कहा कि हेडली झूठा है, उसने आपराधिक मामलों में अमेरिका को कई बार धोखा दिया है। उसकी गवाही पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। वकीलों ने कोर्ट में कहा कि राणा की जानकारी के बिना वह आतंकी साजिश रच रहा था। सुनवाई के दौरान राणा की दो बेटियां भी कोर्ट में मौजूद रहीं। हालांकि उन्होंने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
जम्पसूट में नजर आया राणा, पैरों में जंजीरें थींसुनवाई के दौरान राणा सफेद कलर का जम्पसूट, काला चश्मा और मुंह पर मास्क लगाया हुआ था। उसके पैर जंजीरों से बंधे थे। तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन है। आतंकवादी हमले में भूमिका होने के चलते पिछले साल उसे गिरफ्तार किया गया था। भारत पहले ही उसे भगोड़ा घोषित कर चुका है। इधर, सुनवाई से पहले अमेरिकी सरकार की तरफ से सीलबंद दस्तावेज कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए। सुनवाई 25 जून को अमेरिकी समय अनुसार दोपहर 1:30 बजे होनी है।
लश्कर आतंकी हेडली का बचपन का दोस्त है राणाराणा को शिकागो में 14 साल की सजा हुई थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने और सेहत खराब होने के आधार पर सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया था। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत में हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर उसे सौंपने की मांग की थी। इसके बाद 10 जून 2020 में उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। वह पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है।
4 फरवरी को हुई सुनवाई में राणा के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था। इसमें उसने कहा था कि राणा का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई संधि के अनुच्छेद 6 का उल्लंघन है। जिन अपराधों के लिए उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई है, वो उन सभी से बरी हो चुका है।
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है। (फोटो में डेविड कोलमैन हेडली )
अमेरिकी सरकार का तर्क- राणा प्रत्यर्पण के मानदंडों को पूरा करता हैभारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत सरकार ने औपचारिक तौर पर राणा को सौंपने का अनुरोध किया है। इसके बाद से अमेरिकी सरकार ने इसकी कार्रवाई शुरू की है। अमेरिकी सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि राणा भारत में अपने प्रत्यर्पण के आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है। दोनों देशों के बीच एक प्रत्यर्पण संधि है। जो वर्तमान में पूरी तरह से प्रभाव में है। जिन अपराध के तहत राणा के प्रत्यर्पण की मांग की गई है, वो सभी इस संधि के अंतर्गत आती हैं।
2018 में राणा के खिलाफ भारत ने जारी किया था वारंटराणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वकीलों के मुताबिक राणा अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई हमले की साजिश में शामिल था। पाकिस्तान में 2006 से 2008 के बीच साजिश रची गई थी, तब राणा ने लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी।
पाकिस्तान के आर्मी कॉलेज में पढ़ा है राणाराणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ है। इसने वहां के आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। वहां एक दशक तक डॉक्टरी भी की। इसके बाद वह अचानक कनाडा चला गया। कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, राणा का अमेरिका के शिकागो में भी बिजनेस है। वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में रह चुका है। उसे 7 भाषाएं आती हैं।
26/11 के आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए थे। उनमें 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे। मरने वालों में कुछ अमेरिकी नागरिक भी थे। एनकाउंटर में पुलिस ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया और अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे फांसी दे दी गई थी।
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