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26/11 के मुंबई हमलों का मुख्य आरोपी: कल लॉस एंजेलिस कोर्ट में होगी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण पर सुनवाई, भारत से अधिकारियों का एक दल अमेरिका पहुंचा

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Hindi NewsInternationalHearing Extradition Of Tahawwur Hussain Rana To Be Held In Los Angeles Court Tomorrow, Team Of Officials From India Reached America

लॉस एंजेल्स20 मिनट पहले

कॉपी लिंकमुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा ( दाएं) फिलहाल अमेरिकी पुलिस की गिरफ्त में है। - Dainik Bhaskar

मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा ( दाएं) फिलहाल अमेरिकी पुलिस की गिरफ्त में है।

अमेरिका की लॉस एंजेलिस कोर्ट में शुक्रवार को 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई होनी है। भारत के अनुरोध पर प्रत्यर्पण की सुनवाई लॉस एंजेलिस कोर्ट के जज जैकलीन चूलजियान करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस सुनवाई के लिए भारत से अधिकारियों का एक दल अमेरिका पहुंचा है।

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन है। आतंकवादी हमले में भूमिका होने के चलते पिछले साल उसे गिरफ्तार किया गया था। भारत पहले ही उसे भगोड़ा घोषित कर चुका है। इधर, सुनवाई से पहले अमेरिकी सरकार की तरफ से सीलबंद दस्तावेज कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए गए। सुनवाई 25 जून को अमेरिकी समय अनुसार दोपहर 1:30 बजे होनी है।

लश्कर आतंकी हेडली का बचपन का दोस्त है राणाराणा को शिकागो में 14 साल की सजा हुई थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने और सेहत खराब होने के आधार पर सजा पूरी होने से पहले ही रिहा कर दिया गया था। भारत ने उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत में हत्या की साजिश में शामिल होने के आधार पर उसे सौंपने की मांग की थी। इसके बाद 10 जून 2020 में उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था। वह पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के बचपन का दोस्त है।

4 फरवरी को हुई सुनवाई में राणा के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया था। इसमें उसने कहा था कि राणा का प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुई संधि के अनुच्छेद 6 का उल्लंघन है। जिन अपराधों के लिए उसके प्रत्यर्पण की मांग की गई है, वो उन सभी से बरी हो चुका है।

अमेरिकी सरकार का तर्क- राणा प्रत्यर्पण के मानदंडों को पूरा करता हैभारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत सरकार ने औपचारिक तौर पर भारत को सौंपने का अनुरोध किया है। इसके बाद से अमेरिकी सरकार ने इसकी कार्रवाई शुरू की है। अमेरिकी सरकार ने तर्क देते हुए कहा है कि राणा भारत में अपने प्रत्यर्पण के आवश्यक मानदंडों को पूरा करता है। दोनों देशों के बीच एक प्रत्यर्पण संधि है। जो वर्तमान में पूरी तरह से प्रभाव में है। जिन अपराध के तहत राणा के प्रत्यर्पण की मांग की गई है, वो सभी इस संधि के अंतर्गत आती हैं।

2018 में राणा के खिलाफ भारत ने जारी किया था वारंटराणा के खिलाफ अगस्त 2018 में भारत की नेशनल इनवैस्टिगेशन एजेंसी के स्पेशल कोर्ट ने भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वकीलों के मुताबिक राणा अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के साथ मुंबई हमले की साजिश में शामिल था। पाकिस्तान में 2006 से 2008 के बीच साजिश रची गई थी, तब राणा ने लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी।

पाकिस्तान के आर्मी कॉलेज में पढ़ा है राणाराणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ है। इसने वहां के आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। वहां एक दशक तक डॉक्टरी भी की। इसके बाद वह अचानक कनाडा चला गया। कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, राणा का अमेरिका के शिकागो में भी बिजनेस है। वह कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में रह चुका है। उसे 7 भाषाएं आती हैं।

26/11 के आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे26 नवंबर 2008 को मुंबई में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमले किए थे। उनमें 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे। मरने वालों में कुछ अमेरिकी नागरिक भी थे। एनकाउंटर में पुलिस ने 9 आतंकवादियों को मार गिराया और अजमल कसाब को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे फांसी दे दी गई थी।

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