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DHFL के निवेशकों को उम्मीद: FD ग्राहक, निवेशक, आर्मी फंड के लिए मिलेगा पेआउट, NCLT ने दिया आदेश

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Hindi NewsBusinessDHFL Case Vs NCLT Update; FD Customers, Investors, Army Funds Will Get Payout

मुंबई12 मिनट पहले

कॉपी लिंकDHFL पर सबसे ज्यादा 10,083 करोड़ रुपए का कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे - Dainik Bhaskar

DHFL पर सबसे ज्यादा 10,083 करोड़ रुपए का कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे

NCLT ने ही पीरामल ग्रुप के रिजोल्यूशन प्लान को पिछले हफ्ते मंजूर किया था

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने DHFL को खरीदने वाले पिरामल ग्रुप के सामने कई नियम और शर्तें रखा है। इस शर्त में निवेशकों, FD करने वाले ग्राहकों सहित सभी छोटे निवेशकों को एक पेआउट देने की अपील की है। NCLT ने ही पीरामल ग्रुप के रिजोल्यूशन प्लान को पिछले हफ्ते मंजूर किया था।

NCLT ने आदेश जारी किया है

NCLT​​​​​​​ ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश को DHFL की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स को दिया गया है। दो हफ्ते तक इस बारे में सोचने का समय दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि क्रेडिटर्स की कमिटी को पीरामल ग्रुप से जो फंड मिलेगा, उसे छोटे निवेशकों में फिर से वितरित किया जाए। इस मामले में कोर्ट ने सेबी के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक काकेर को आब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया है।

सात सदस्यों का है ग्रुप

काकेर को सात सदस्यों वाले ग्रुप में कोर्ट ने इनवाइटी के रूप में भी रखा है। अन्य 6 सदस्यों में बैंकों की ओर से 3 लोग हैं जबकि दो लोग पीरामल ग्रुप की ओर से हैं। कोर्ट ने कहा कि यह उम्मीद नहीं की जाती है कि जो बिडर हैं वे अपने ऑफर को बढ़ाएंगे, बल्कि क्रेडिटर्स को छोटे निवेशकों के लिए ज्यादा पेआउट देने के बारे में सोचना चाहिए। इन छोटे निवेशकों में जिनको पेआउट मिलना चाहिए उसमें पब्लिक डिपॉजिटर्स, FD ग्राहक, NCD ग्राहक, छोटे निवेशक, EPF ट्रस्ट और आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड शामिल हैं।

छोटे निवेशकों को मिलना चाहिए पेआउट

ऑर्डर में कहा गया है कि हमारा यह मानना है कि छोटे निवेशकों को एक उचित पेआउट मिलना चाहिए। साथ ही आर्मी फंड के मामले में बैंकों को जो भी दावा किया गया है, उसका पूरा पेआउट करना चाहिए। बैंकर्स के मुताबिक, रिजोल्यूशन प्लान से पेआउट देने के मामले में नियम बहुत स्पष्ट हैं। बैंकों का कहना है कि DHFL की बिक्री से जो भी पैसा मिलने वाला है, वह केवल उनके कुल बकाए का एक छोटा सा ही हिस्सा है और वह पैसा भी पब्लिक का है।

37,259 करोड़ की बोली

पीरामल ग्रुप ने DHFL के सारे कारोबार को खरीदने के लिए 37,250 करोड़ रुपए का ऑफर दिया था। इसमें 12,700 करोड़ रुपए का अपफ्रंट कैश भी शामिल हैं। पीरामल ग्रुप के ऑफर को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) भी मंजूरी दे चुके हैं।

83,873 करोड़ रुपए था कर्ज

जुलाई 2019 तक DHFL पर 83,873 करोड़ रुपए का कर्ज था। इसमें बैंक, नेशनल हाउसिंग बोर्ड, म्यूचुअल फंड्स और बॉन्डहोल्डर्स का पैसा शामिल है। DHFL पर सबसे ज्यादा 10,083 करोड़ रुपए का कर्ज स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का है। एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2020 तक DHFL के पास 79,800 करोड़ रुपए के असेट्स थे। इसमें से 50,227 करोड़ रुपए या कुल पोर्टफोलियो का 63% हिस्सा नॉन-परफॉर्मिंग असेट्स (NPA) घोषित हो चुका है।

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