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विद्या शंकर राय, लखनऊ10 मिनट पहले
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बंगाली अस्मिता की तरह राष्ट्र�
यूपी विधानसभा के चुनावी अभियान को दो चरणों में विभाजित किया जाएगापूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए चलेगा अभियान
पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी के बंगाली अस्मिता के मुद्दे के सामने घुटने टेक चुकी BJP यूपी विधानसभा चुनाव में अब उन मुद्दों का सहारा लेगी जो आम जनता से इमोशनल तौर पर जुड़े होंगे। पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक भाजपा राम मंदिर मुद्दे को केंद्र में रखकर ही पूरे प्रचार का खाका खींचेगी। भाजपा के सूत्रों की माने तो BJP आला कमान भी इस बात से सहमत है की जिस तरह ममता बनर्जी ने बंगाली अस्मिता के मुद्दे को उठाया, इससे बंगाल में बाजी पलट गई। पीएम मोदी और अमित शाह का प्रचार और रणनीति भी काम नहीं आई। ठीक इसी तरह राम मंदिर मुद्दे को उठाकर लोगों को आसानी से कनेक्ट किया जा सकता है।
बीजेपी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान कहा, “पार्टी राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को केंद्र में रखकर ही यूपी चुनाव में जायेगी। पार्टी की मंशा है की राम मंदिर को ही केंद्र में रखा जाए क्योंकि ये बीजेपी का सबसे बड़ा अचीवमेंट है। खासतौर से यूपी की जनता के लिए तो ये भावनात्मक अटैचमेंट की तरह है।”
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “आप देखिए न। जिस तरह से बंगाल चुनाव में बंगाली अस्मिता का मुद्दा छाया रहा, उससे ममता को चुनाव जीतने में काफी मदद मिली। एसे मुद्दे हमेशा कारगर होते हैं जो लोगों की भावनाओं से जुड़ाव रखते हों। इसको देखते हुए आने वाले दिनों में कार्यकर्ताओं को ग्रॉस रूट लेवल पर उतारने के लिए अयोध्या तो सिर्फ झांकी है, काशी मथुरा बाकी है , नाम से अभियान चलाया जाएगा।”
भाजपा सूत्रों ने बताया कि चुनावी अभियान को दो चरणों में रखा गया है। अभी कुछ समय के लिए महामारी को लेकर पार्टी की तरफ से चलाए जाने वाले लोक कल्याणकारी कार्यक्रमों पर ही फोकस किया जाएगा लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आयेगा जनता का ध्यान उन मुद्दों की तरफ ले जाया जाएगा जो बीजेपी की हिंदुत्ववादी छवि से जुड़े होंगे।
इस तरह से होगी बीजेपी की प्लानिंग
यूपी विधानसभा के चुनावी अभियान को दो चरणों में विभाजित किया जाएगापहले चरण में जनता से जुडे़ मुद्दों और सरकार के अच्छे कामों पर होगा फोकसचुनाव से ठीक पहले दूसरे चरण में राम मंदिर को केंद्र में रखकर आगे बढ़ेगी बीजेपीजनता का ध्यान धीरे धीरे उन मुद्दों की तरफ ले जाया जाएगा जो भावनात्मक तौर पर जुडे़ होंगेराम मंदिर को अपनी उपलब्धि बताकर हिन्दुत्ववादी छवि को भुनाने की कोशिश
कार्यकर्ताओं की कनेक्टिविटी पर फोकस
बीजेपी सूत्रों का कहना है की बी एल संतोष और राधा मोहन सिंह ने भी बैठक के दौरान इस बात पर चिंता जाहिर की थी की कार्यकर्ताओं की ग्रास रूट की केनेक्टिविटी काम हो रही है। पार्टी के दोनों नेताओं ने इस पर ज्यादा फोकस करने का निर्देश दिया था। दोनों ने स्वीकार किया था की ग्राउंड कनेक्टिविटी कमज़ोर होने की वजह से ही विरोधी पार्टियों को हावी होने का मौका मिल रहा है। इससे जनता के बीच सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
जोखिम लेने के मूड में नहीं बीजेपी
दरअसल, महामारी की दूसरी लहर में योगी सरकार को जिस तरह जानता की नाराजगी के साथ ही अपने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ी है, उसके बाद पार्टी किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है। कई मंत्रियों, विधायकों ने सीधे तौर पर सीएम योगी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। इस वजह से पार्टी सरकार के अच्छे कामों के साथ ही इमोस्नल मुद्दों को भी उठाएगी।
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