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आरबीआई ने बैंकों से कहा : आभासी मुद्रा वाले 2018 के सर्कुलर को रद्द समझें

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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Tue, 01 Jun 2021 02:38 AM IST

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रिजर्व बैंक ने बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और भुगतान प्रणाली के सभी प्रदाताओं से कहा है कि वे आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) से संबंधित उसके 2018 के सर्कुलर को निरस्त समझें। साथ ही कहा कि ग्राहकों के साथ संवाद में उसका जिक्र न करें। सुप्रीम कोर्ट ने उस सर्कुलर को दरकिनार कर दिया था।

आरबीआई ने यह निर्देश इसलिए जारी किया है, क्योंकि कुछ बैंकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा ग्राहकों को उस सर्कुलर के जरिये वर्चुअल करेंसी में लेनदेन के खिलाफ आगाह करने का मामला सामने आया है। रिजर्व बैंक ने यह सर्कुलर 6 अप्रैल, 2018 को जारी किया था।

इसमें कहा गया था कि उसके नियमन के दायरे में आने वाली संस्थाओं को आभासी मुद्राओं से संबंधित किसी भी तरह की सेवा देने से प्रतिबंधित किया जाता है। आभासी मुद्राओं की खरीद फरोख्त से संबंधित खातों में आने जाने वाली राशि से जुड़ी सेवाओं पर भी रोक लगाने को कहा गया था। आरबीआई ने कहा कि इस सर्कुलर को 4 मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

ग्राहकों के सत्यापन प्रक्रिया जारी रखने की छूटरिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक मानक संचालन नियमों के तहत अपने ग्राहकों को पहचानें (केवाईसी), आतंकी फंडिंग के खिलाफ मुकाबला और मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के दायरे में आने वाली इकाइयों के दायित्व के तहत ग्राहकों की जांच प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं।

रिजर्व बैंक ने बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और भुगतान प्रणाली के सभी प्रदाताओं से कहा है कि वे आभासी मुद्रा (वर्चुअल करेंसी) से संबंधित उसके 2018 के सर्कुलर को निरस्त समझें। साथ ही कहा कि ग्राहकों के साथ संवाद में उसका जिक्र न करें। सुप्रीम कोर्ट ने उस सर्कुलर को दरकिनार कर दिया था।

आरबीआई ने यह निर्देश इसलिए जारी किया है, क्योंकि कुछ बैंकों और विनियमित संस्थाओं द्वारा ग्राहकों को उस सर्कुलर के जरिये वर्चुअल करेंसी में लेनदेन के खिलाफ आगाह करने का मामला सामने आया है। रिजर्व बैंक ने यह सर्कुलर 6 अप्रैल, 2018 को जारी किया था।

इसमें कहा गया था कि उसके नियमन के दायरे में आने वाली संस्थाओं को आभासी मुद्राओं से संबंधित किसी भी तरह की सेवा देने से प्रतिबंधित किया जाता है। आभासी मुद्राओं की खरीद फरोख्त से संबंधित खातों में आने जाने वाली राशि से जुड़ी सेवाओं पर भी रोक लगाने को कहा गया था। आरबीआई ने कहा कि इस सर्कुलर को 4 मार्च, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

ग्राहकों के सत्यापन प्रक्रिया जारी रखने की छूट
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक मानक संचालन नियमों के तहत अपने ग्राहकों को पहचानें (केवाईसी), आतंकी फंडिंग के खिलाफ मुकाबला और मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के दायरे में आने वाली इकाइयों के दायित्व के तहत ग्राहकों की जांच प्रक्रिया को जारी रख सकते हैं।

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