May 15, 2024 : 6:53 AM
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पत्रकारों पर FIR दर्ज करने का मामला: पंजाब के DGP को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किया नोटिस जारी, 8 हफ्ते में करनी होगी बनती कार्रवाई

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बटाला41 मिनट पहले

कॉपी लिंकपंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता, जिन्हें 
मानवाधिकार आयोग की तरफ से बटाला के एक मामले में हस्तक्षेप के लिए कहा गया है। - Dainik Bhaskar

पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता, जिन्हें मानवाधिकार आयोग की तरफ से बटाला के एक मामले में हस्तक्षेप के लिए कहा गया है।

पंजाब में लॉकडाउन में निजी स्कूल की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाने पर पत्रकारों पर FIR दर्ज करने का मामला भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। इस मामले में आयोग ने पंजाब के DGP को नोटिस जारी हस्तक्षेप करते हुए 8 हफ्ते के अंदर उपयुक्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। शिकायतकर्ता पक्ष का कहना है कि उनके झूठा केस दर्ज किया गया है। हालांकि यह मामला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

यह थी पंजाब पुलिस की खुंदक

बता दें कि बटाला के बेयरिंग कॉलेजिएट सीनियर सेकंडरी स्कूल ने यहां के एक लड़के अरमान की गरीब परिवार से ताल्लुक रखती मां मीरा शर्मा उसे पढ़ाने के लिए इस स्कूल की महंगी फीस वहन नहीं कर सकती, जिसके चलते उसने बेटे का दाखिला दूसरे स्कूल में कराने की सोची। ट्रांसफर सर्टिफिकेट मांगे जाने पर बेयरिंग कॉलेजिएट सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रबंधन ने सर्टिफिकेट में एबसेंट लिख दिया। इस मामले को एक डिजिटल मीडिया ग्रुप के पत्रकार रमेश बहल ने प्रमुखता से उठाया तो बाद में आनन-फानन में इस गलती को सुधार लिया गया। एक बार तो मामला जैसे-तैसे ठंडा पड़ गया, लेकिन उस वक्त फिर से तूल पकड़ गया, जब स्कूल प्रबंधन की किरकिरी होने के चलते पत्रकार के खिलाफ प्रिंसिपल ने SSP रछपाल सिंह को शिकायत दे दी। पीड़ित पक्ष का कहना है कि रझपाल सिंह इसी संस्थान से पढ़े हुए हैं, जिसके चलते प्रबंधन का दबाव वह टाल नहीं पाए।

पत्रकारों ने लगाया यह भी आरोप

इस बारे में जालंधर से आकर बटाला में पत्रकारिता करने वाले रमेश बहल ने बताया कि SSP को शिकायत दिए जाने के बाद DSP-D GS सिद्धू ने उसे अपने ऑफिस बुलाकर मोबाइल फोन और कैमरे एक साइड रखवा लिए। वहां स्कूल के प्रिंसिपल की तरफ से लगाए गए आरोप को लेकर पूछताछ की। इसके बाद भी उसे कई बार पुलिस की तरफ से परेशान किया गया। आखिर मजबूर होकर बीती 24 दिसंबर 2020 को उसने पूरे घटनाक्रम से DGP दिनकर गुप्ता को अवगत करवाया। उन्होंने IG को तो IG ने SP-H गुरप्रीत सिंह को यह इन्क्वायरी मार्क कर दी। बावजूद इसके 6 जनवरी 2021 ब्लैकमेलिंग के आरोप में कई धाराओं में पत्रकार बहल के खिलाफ थाना सिविल लाइन में FIR दर्ज कर ली गई। इसके बाद उसके एक और साथी के साथ ही उनके संपादक को भी नामजद कर लिया गया।

21 मई को भेजा मानवाधिकार आयोग ने नोटिस

दिल्ली से संचालित राष्ट्रीय हिंदी पत्रिका लाइट ऑफ नेशन और इसके डिजिटल मीडिया चैनल पर खबर चलाने वाले दो पत्रकारों रवि रंधावा, रमेश बहल और संपादक मोहन हंस ने इस FIR को फर्जी करार दिया है। एक ओर पीड़ित पत्रकारों ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ली, वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास गुहार लगाई। आयोग ने 21 मई को पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता को इस मामले में हस्तक्षेप करके 8 हफ्ते के भीतर उचित कार्रवाई करने की लिखित हिदायतें जारी की हैं। दूसरी ओर इससे पहले पत्रकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने भी DGP पंजाब दिनकर गुप्ता, IG बॉर्डर रेंज सुरिंदर सिंह परमार और बटाला के SSP रछपाल सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था।

पीड़ित पत्रकारों रवि रंधावा, रमेश बहल और संपादक हंस मोहन का कहना है कि उन्हें DGP दिनकर गुप्ता पर पूरा विश्वास है। उनके आदेश पर IG बॉर्डर रेंज परमार मामले की जांच बटाला पुलिस से छीनकर क्राइम ब्रांच के एक सीनियर अधिकारी को दे चुके हैं। उन्हें क्राइम ब्रांच के अधिकारियों से भी पूरी उम्मीद है कि वो उनके साथ इंसाफ करेंगे।

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