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भास्कर एक्सप्लेनर: चीन से सीमा पर तनाव के बाद बैन पबजी अब बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया नाम से लौटा; प्री-रजिस्ट्रेशन आज से, जानिए सब कुछ

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एक घंटा पहलेलेखक: रवींद्र भजनी

लोकप्रिय मोबाइल गेम प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड्स यानी PUBG या पबजी नौ महीने बाद भारत में लौट आया है। नए नियम, नए अवतार और नए नाम के साथ। टाइटल है- बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया। इस मॉर्टल कॉम्बेट गेम को बनाने वाली दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन इंक ने 6 मई को सोशल मीडिया पर भारत में वापसी का ऐलान किया। 18 मई से प्री-रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। जून में ऑफिशियल लॉन्च होने की संभावना है। जो इस गेम पर प्री-रजिस्ट्रेशन करेंगे, उन्हें कंपनी रिवॉर्ड्स देने वाली है। आइए इस लोकप्रिय गेम के बारे में वह सब जानते हैं, जो आपके लिए जानना जरूरी है…

प्री-रजिस्ट्रेशन कहां कर सकेंगे?

यह गेम एंड्रॉइड और iOS दोनों के लिए उपलब्ध होगा। 18 मई से गूगल प्ले स्टोर पर इसके लिए प्री-रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे। एपल के ऐप स्टोर पर बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम के प्री-रजिस्ट्रेशन की तारीख बाद में घोषित होगी।प्री-रजिस्टर करने के लिए आप गूगल प्ले स्टोर पर जाइए। बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया गेम को सर्च करें। तब 18 मई को उस पर उपलब्ध ‘प्री-रजिस्टर’ बटन पर टैप कर रजिस्ट्रेशन से जुड़ी सभी जानकारियों को दर्ज करें।वैसे तो यह गेम खेलने के लिए फ्री में उपलब्ध होगा। पर इन-ऐप पर्चेज में स्किन, हथियार जैसे अन्य एसेसरीज खरीदने का विकल्प रहेगा। यह पुराने पबजी की तरह ही होगा। प्री-रजिस्ट्रेशन करने वाले को गेम के लॉन्च होने पर यूसी (ऐप में कपड़े, हथियार खरीदने में इस्तेमाल होने वाला कैश), कपड़े, स्किन या कुछ और रिवॉर्ड मिलेंगे।

ऑफिशियल लॉन्च कब होगा?

वैसे तो क्राफ्टन ने 6 मई को सोशल मीडिया पर इसके आने की घोषणा की। फिर टीजर आया और यूट्यूब पर वीडियो। उसके बाद प्री-रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ। यानी कोई ऑफिशियल लॉन्च तारीख नहीं दी है। गेम एनालिस्ट और कमेंटेटर्स के मुताबिक ऑफिशियल लॉन्च जून में होगा, जिसकी तारीख अब तक नहीं बताई है।

PUBG से कितना अलग होगा बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया?

अब तक यह तो पूरी तरह से साफ नहीं हो सका है। क्राफ्टन के मुताबिक यह गेम सिर्फ भारत के लिए होगा। यानी न तो बाहर के लोग इसमें भाग ले सकेंगे और न ही भारतीय खिलाड़ियों का मुकाबला विदेशी खिलाड़ियों से होगा।18 साल से कम उम्र के बच्चों को खेलने को नहीं मिलेगा। वे अपने माता-पिता के मोबाइल से ही यह गेम खेल सकेंगे। हालांकि, यह साफ नहीं है कि गेम यूजर की उम्र को कैसे कंफर्म करेगा।गेम के अंदर पबजी मोबाइल से काफी कुछ बदलाव किया गया है। गेम खेलते समय जो मैकेनिक्स इस्तेमाल होंगे, वह अलग होंगे। यूजर भी 7,000 रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन इस ऐप पर नहीं कर सकेगा।पबजी मोबाइल इंडिया की तुलना में इस पर हिंसा कम होगी। बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया में कोई ब्लड इफेक्ट भी नहीं होगा। यानी खून-खराबा होगा जरूर, पर दिखेगा नहीं। एक दिन में अधिकतम 3 घंटे का प्लेटाइम उपलब्ध होगा।बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया का अपना ईस्पोर्ट्स इकोसिस्टम, लीग और टूर्नामेंट्स होंगे। कंपनी ने बताया है कि इस गेम में भारत को ध्यान में रखकर इवेंट्स, गेमप्लेस कैरेक्टर बनाए गए हैं। यूजर-फ्रेंडली बनाने की कोशिश की है।पबजी मोबाइल की तरह सैनहोक मैप जैसी लोकेशन दिखेगी। क्राफ्टन ने सोशल मीडिया पर जो तस्वीर शेयर की है, वह PUBG में सैनहोक के बैन ताई इलाके की है। यह एक डॉक है, जहां पबजी में खिलाड़ी जमकर लूट करते थे। इससे अंदाजा लग रहा है कि बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया का मैप भी पबजी मोबाइल जैसा ही होगा।क्राफ्टन ने कंटेंट क्रिएटर्स से कहा है कि वे बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया के बारे में बात करते समय पबजी मोबाइल का नाम न लें। कंपनी नहीं चाहती कि दोनों की तुलना हो। मैप्स एक-से रखे हैं। अब तक यह साफ नहीं है कि नाम एक-से होंगे या नहीं, सैनहोक, विकेंडी, मीरामर और एरांगेल मैप्स भी इस पर दिख सकते हैं।

पुराने अकाउंट्स पर खरीदी एसेसरीज का क्या होगा?

पिछले साल सितंबर में बैन के समय पबजी मोबाइल के 175 मिलियन डाउनलोड्स थे। इसके 50 मिलियन मंथली एक्टिव यूजर थे। कई अकाउंट्स में यूजर्स ने पैसे खर्च कर काफी एसेसरीज खरीद रखी थी। नए अकाउंट में वह एसेसरीज जस की तस मिलेगी।प्रोफेशनल पबजी मोबाइल प्लेयर TSM घातक के मुताबिक पबजी मोबाइल प्लेयर्स को बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया अकाउंट पर उनकी पुरानी इन्वेंट्री फिर से मिलेगी। घातक ने पिछले दिनों इंस्टाग्राम पर बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया पर यूजर्स के प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने बार-बार पूछे जा रहे सवालों यानी FAQs पर एक वीडियो यूट्यूब पर भी डाला है।

पबजी को क्यों बैन किया था, अब यह कैसे आ रहा है?

पिछले साल लद्दाख में चीनी सेना से सीमा पर विवाद होने के बाद चीन से संबंध रखने वाले 400 से अधिक ऐप्स को बैन किया था। भले ही पबजी को बनाया दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन ने था, पर इसे भारत में पबजी मोबाइल इंडिया के नाम से चीनी कंपनी टेनसेंट लेकर आई थी। इस वजह से इसे बैन किया गया था।बैन करने की एक बड़ी वजह चीन का एक कानून था, जिसके तहत चीनी कंपनियों को अपना सर्वर देश में रखना होगा। इससे डर था कि पबजी खेल रहे भारतीय यूजर्स का डेटा चीन में एकत्रित हो रहा था। इस वजह से चीनी हस्तक्षेप के बिना नए नाम से क्राफ्टन अपना गेम भारत लेकर आई है।बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया में डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी जरूरतों से जुड़ी उन आपत्तियों को दूर करने की कोशिश की गई है, जिसकी वजह से भारत सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया था। इसके सर्वर भारत और सिंगापुर में होंगे। पबजी मोबाइल वर्जन को प्रतिबंधित किया गया था, पर कंसोल और पीसी वर्जन अप्रभावित रहे थे।

पबजी के बैन होने पर गेमिंग मार्केट में क्या हुआ?

पबजी पर बैन का फायदा कॉल ऑफ ड्यूटी, फ्री फायर जैसे गेम्स को मिला। इसके अलावा भारतीय गेम्स ने भी पबजी से खाली हुई जगह को भरने की कोशिश की। जब बैन हुआ तब पबजी भारतीय ईस्पोर्ट्स और गेमिंग बिजनेस का प्रमुख प्लेटफॉर्म था।इस दौरान रिलायंस जियो ने यूएस चिपसेट मैन्युफैक्चरर क्वालकॉम के साथ जियो गेम्स प्लेटफॉर्म पर कोलेबोरेशन किया। कॉल ऑफ ड्यूटी मोबाइल ईस्पोर्ट्स चैलेंज की शुरुआत 1 अप्रैल 2021 को ही हुई है। बैटल रॉयल सिंगल-स्टेज टूर्नामेंट में रजिस्ट्रेशन फी है और इस टूर्नामेंट में 3.6 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दांव पर है।इसके अलावा फियरलेस एंड यूनाइटेड गार्ड्स (FAU-G) जैसे भारतीय गेम्स भी गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च हुए। FAU-G डेवलप करने वाले nCore Games के मुताबिक 24 घंटे में उसे 1.05 मिलियन प्री-रजिस्ट्रेशन प्ले स्टोर पर मिल गए थे। FAU-G की घोषणा PUBG बैन होने के बाद सितंबर 2020 में हुई थी।

मोबाइल गेमिंग में भारत की क्या स्थिति है?

भारत इस समय मोबाइल गेमिंग की दुनिया में टॉप 5 देशों में है। यह टॉप-3 की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है। भारत का मोबाइल गेमिंग मार्केट 2025 तक 1.6 बिलियन डॉलर (11 हजार करोड़ रुपए) तक पहुंचने की उम्मीद है। इसकी वजह स्मार्टफोन और इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल भी है। इससे कैजुअल गेमिंग को लोकप्रियता मिली है।एशियन ईस्पोर्ट्स फेडरेशन के वॉइस प्रेसिडेंट और ईस्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर लोकेश सुजी का कहना है कि क्राफ्टन का यह कदम भारत में ईस्पोर्ट्स इकोसिस्टम को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लोकल गेमर्स को बढ़ावा मिलेगा।भारत का पहला वन-स्टॉप ईस्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म अल्टिमेट बैटल के संस्थापक तरुण गुप्ता के मुताबिक हम जल्द से जल्द अपने प्लेटफॉर्म पर बैटलग्राउंड्स इंडिया को जोड़ेंगे। हमें उम्मीद है कि लॉन्च के एक हफ्ते के भीतर बैटलग्राउंड्स इंडिया को एक मिलियन से अधिक डाउनलोड मिल जाएंगे।खबरें और भी हैं…

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