May 14, 2024 : 4:20 AM
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विदेश व्यापार का रास्ता खुलेगा: मुक्त व्यापार के लिए फिर बातचीत करेंगे भारत-यूरोपियन यूनियन, दोनों पक्षों में 8 साल बाद होगी वार्ता

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नई दिल्ली19 मिनट पहले

कॉपी लिंकट्रेड, इन्वेस्टमेंट और कनेक्टिविटी में सहयोग पर रहा फोकस2018 में भारत का सबसे बड़ा ट्रे़ड पार्टनर था यूरोपियन यूनियन

भारत और यूरोपियन यूनियन एक बार फिर संतुलित, महत्वाकांक्षी और व्यापक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। इसके अलावा दोनों पक्ष स्टैंडअलोन इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन पैक्ट को लेकर भी मोलभाव करेंगे। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

वर्चुअल समिट के दौरान हुआ फैसला

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत का फैसला एक वर्चुअल समिट के दौरान हुआ है। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपियन यूनियन के सभी 27 सदस्य देशों के प्रमुख शामिल थे। समिट के दौरान सभी का ट्रेड, इन्वेस्टमेंट और कनेक्टिविटी में सहयोग के विस्तार पर फोकस रहा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष ने स्थायी और व्यापक साझेदारी की शुरुआत की है। मंत्रालय ने इस समिट को ऐतिहासिक क्षण बताया है।

कोरोना महामारी पर भी विचारों का आदान-प्रदान

समिट के दौरान सभी नेताओं ने कोरोना महामारी और स्वास्थ्य सेवा सहयोग पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। भारत और यूरोपियन यूनियन के नेताओं के बीच हुई इस समिट की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने की। काउंसिल ऑफ यूरोपियन यूनियन की प्रेसीडेंसी इस समय पुर्तगाल के पास है। यूरोपियन काउंसिल के प्रेसीडेंट चार्ल्स मिशेल ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि यूरोपियन यूनियन-भारत के बीच रणनीतिक भागीदारी को लेकर हम एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कोरोना का कारण टाली पुर्तगाल यात्रा

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को पुर्तगाल के नेताओं से मिलने के लिए पुर्तगाल की यात्रा पर जाना था। लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण बढ़ने के कारण दोनों पक्षों ने इस यात्रा को टाल दिया। इसके बाद दोनों पक्षों ने वर्चुअली समिट करने का फैसला किया था। 2018 में यूरोपियन यूनियन भारत से सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था। 2018-19 में दोनों पक्षों के बीच 115.6 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था। इसमें भारत का 57.17 बिलियन डॉलर का निर्यात और 58.42 बिलियन डॉलर का आयात शामिल था।

2000 में हुई थी शुरुआत

ज्वाइंट स्टेटमेंट में कहा गया कि भारत और यूरोपियन यूनियन की समिट साल 2000 में शुरू हुई थी। दोनों इस बात को मानते हैं कि दुनिया की 2 लोकतांत्रिक शक्तियों के हित एक समान हैं। यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर मोदी ने वर्चुअली (ऑनलाइन) बैठक में हिस्सा लिया। ऐसी बैठक इससे पहले सिर्फ एक बार और हुई है। बैठक की मेजबानी पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने की।

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