May 12, 2024 : 11:30 PM
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केंद्र पर आरोपों का जवाब भाजपा ने दिया:राज्यों ने वैक्सीनेशन पर सौतेलेपन का आरोप लगाया तो BJP बोली- जो केंद्र का, वो राज्य का; छोटी राजनीति न करें

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नई दिल्ली8 घंटे पहले

झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह वैक्सीनेशन ड्राइव में राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। इन आरोपों का जवाब देने कोई मंत्री नहीं, बल्कि भाजपा सामने आई। प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्यों को अलग-अलग देखने की छोटी राजनीति नहीं करनी चाहिए। जो केंद्र का है, वो राज्यों का भी है।

भाजपा प्रवक्ता ने वैक्सीनेशन ड्राइव पर सफाई दी
संबित पात्रा ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर हमें किसी भ्रम जाल में नहीं फंसना है। वैक्सीनेशन पॉलिसी को एक्सपर्ट ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ बनाया है। इसमें WHO की गाइडलाइन का ध्यान रखा गया है। वैक्सीनेशन पॉलिसी किसी ने अपने मन से नहीं बना दी है। इसी के तहत पहले फेज में फ्रंटलाइन वर्कर्स और बुजुर्गों का टीकाकरण किया गया। इसके बाद 45 साल से ऊपर के लोगों और पहले से गंभीर बीमारियों वालों को टीका लगाया गया, लेकिन इसी दौरान इस वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर सियासत होने लगी।

कुछ लोग कहने लगे कि वैक्सीनेशन पॉलिसी केंद्र के हाथ में है, इसके अधिकार राज्यों को भी देने चाहिए। ओपन मार्केट पॉलिसी की भी बात कही गई, ताकि वैक्सीन की प्रतिस्पर्धा बढ़े और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वैक्सीन पहुंच सके। इसके बाद भ्रम फैलाने की सियासत शुरू हो गई कि केंद्र कम दामों में खरीद रही है और राज्यों को ज्यादा दाम देने पड़ रहे हैं। जिन्होंने कहा था कि ओपन मार्केट में वैक्सीन को लाया जाए, वही अब सवाल उठा रहे हैं कि वैक्सीन में निजी कंपनियां क्यों उतर रही हैं?

ये कहा जा रहा है कि केंद्र राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। दाम में अंतर है? ऐसा नहीं है। वैक्सीन का अलॉटमेंट 50-50% केंद्र और राज्यों में किया गया है। ऐसा नहीं है कि जो केंद्र का 50% है, वो राज्यों को नहीं मिलता। वो भी तो राज्यों को ही जाता है। केंद्र के कोटे से जो वैक्सीन राज्यों को दी जा रही है, वो मुफ्त ही दी जा रही है। इसी से 45 और 60 साल से ऊपर के लोगों, फ्रंट लाइन वर्कर्स और गरीबों को मुफ्त वैक्सीन लग रही है। केंद्र और राज्यों को अलग-अलग तरह से देखना गलत है।

राज्यों और विपक्षी नेताओं के इन आरोपों के बाद देनी पड़ी सफाई
झारखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्रियों ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र राज्यों से सौतेला व्यवहार कर रही है। मैन्युफैक्चरर्स से वैक्सीन स्टॉक केंद्र ने हाईजैक कर लिया है। 18+ को वैक्सीनेट करने के लिए सीरम इंस्टीट्यूट से बात की तो उन्होंने कहा कि 15 मई से पहले डोज नहीं दे सकेंगे। इसके अलावा 18+ का वैक्सीनेशन खर्च केंद्र नहीं उठाना चाहती है। राज्यों को वैक्सीन निर्माता से ये वैक्सीन लेनी होगी। ऐसे में 1 मई से इन लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल करना मुश्किल है।

कीमतों को लेकर भी केंद्र और राज्यों में सहमति नहीं है। केंद्र को दोनों वैक्सीन का एक डोज 150 रुपए में मिल रहा है। राज्यों को कोवैक्सिन की एक डोज 600 और कोवीशील्ड की एक डोज 400 रुपए में मिलेगी। इस कदम पर भी राज्य सरकारें सवाल उठा रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सोमवार को मांग की है कि वैक्सीनेशन सभी के लिए फ्री होना चाहिए।

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