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कारोबार के नए अवसर: इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर हब बनने से मिल सकता है 1.5 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू, 50 लाख नौकरियां पैदा होंगी

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नई दिल्ली10 मिनट पहले

कॉपी लिंकभारत को इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर आउटसोर्सिंग हब बनाने की पहल शुरू की जाएयह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है, सरकार की आय भी बढ़ेगी

यदि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर रिपेयर हब के तौर पर डेवलप किया जाता है तो 2025 से हर साल 20 बिलियन डॉलर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिल सकता है। इसके अलावा देश में 50 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। आईटी हार्डवेयर इंडस्ट्री बॉडी MAIT ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।

देश की इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने में मदद मिलेगी

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर आउटसोर्सिंग हब बनाने की पहल शुरू की जाए। यह देश की आर्थिक ग्रोथ को बढ़ाने में प्रमुख फैक्टर साबित होगी। रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक रिपेयर मार्केट से चार साल बाद 20 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू पैदा होने का अनुमान जताया गया है। इसका कारण यह है कि यह पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। मेक इन इंडिया अभियान और अन्य इंसेंटिव की मदद से हजारों करोड़ रुपए की यह इंडस्ट्री सरकार की टैक्स से होने वाली आय को भी बढ़ाएगी।

नौकरियां पैदा करने में तेजी आएगी

रिपोर्ट में जताए गए अनुमान के मुताबिक, इस अवसर को भुनाने से देश में नौकरियां पैदा करने में तेजी आएगी। इसके अलावा पूरी दुनिया से निवेश आएगा। इनकम और टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। इस सबसे देश की GDP में अगले चार साल में 15 बिलियन डॉलर करीब 1.1 लाख करोड़ रुपए का योगदान होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर आउटसोर्सिंग हब बनाने की पहल देश के लिए अगला सनराइज सेक्टर होगी।

2021 में ग्लोबल कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर में 8.8% CAGR की उम्मीद

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में ग्लोबल कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर एंड मैंटेनेंस मार्केट में 8.8% का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) रह सकता है। 2021 में इस मार्केट का रेवेन्यू बढ़कर 16.44 बिलियन डॉलर करीब 1.23 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच सकता है। 2020 में ग्लोबल कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर एंड मैंटेनेंस मार्केट का रेवेन्यू 15.11 बिलियन डॉलर करीब 1.13 लाख करोड़ रुपए रहा है।

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