May 15, 2024 : 5:41 AM
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राजधानी में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार:कहीं डिस्चार्ज किए जा रहे मरीज तो कहीं भर्ती लेना बंद, हाल बता रो पड़े अस्पताल के सीईओ

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नई दिल्ली17 घंटे पहले

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दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर मरीजों के परिजनों का दर्द - Dainik Bhaskar

दिल्ली में ऑक्सीजन को लेकर मरीजों के परिजनों का दर्द

  • कोरोना की दुसरी लहर ने खोली सरकारी तंत्र की पोल, लोग हो रहे परेशान

दिल्ली-एनसीआर में कोरोना महामारी के इलाज में जुटे अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से हाहाकार मचने लगा है। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म होने से मरीजों की जान पर बन आई है। गंभीर होती स्थिति को के मद्देनजर जहां दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी के चलते अपने यहां भर्ती मरीजों को अब डिस्चार्ज करना शुरू कर दिया है। वहीं, नोएडा का कैलाश अस्पताल भी अब और मरीजों को भर्ती नहीं कर रहा है।

शांति मुक्त अस्पताल के सीईओ सुनील सग्गर ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट के कारण दिल्ली बुरी तरह प्रभावित है। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए हमने डॉक्टरों से जिन भी मरीजों को छुट्टी दे सकते हैं उन्हें डिस्चार्ज करने का अनुरोध किया है। हमारे यहां करीब 2 घंटे के लिए ऑक्सीजन बची है।

हम छोटे ऑक्सीजन सिंलेंडरों और दबाव कम करके किसी तरह काम चला पा रहे हैं। हमारे अस्पताल में फिलहाल 110 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इनमें से 85 मरीजों को प्रति मिनट करीब 5 लीटर ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत पड़ रही है।

हालात के बारे में बताते हुए भावुक हुए डॉ. सग्गर ने कहा कि आज स्थिति बेहद डरावनी और दुर्भाग्यपूर्ण है। हम डॉक्टर हैं जो मरीजों को जीवन देते हैं, लेकिन आज हम उन्हें इलाज तो क्या ऑक्सीजन तक नहीं दे पा रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो मरीज मर जाएंगे। अस्पताल का कहना है कि काफी प्रयास करने के बावजूद हमें कहीं से भी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि हम मरीजों को दूसरे अस्पतालों में बेड खोजने में भी मदद कर रहे हैं।

कैलाश अस्पताल ने नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगाई

वहीं, ऐसा ही कुछ हाल नोएडा के कैलाश अस्पताल में भी देखने को मिल रहा है। यहा पर भी केवल कुछ और घंटों के लिए ऑक्सीजन बची है। अस्पताल की ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रितु बोहरा ने कहा कि गौतम बौद्ध नगर में हमारे पास 4 अस्पताल हैं, सभी में संकट बना हुआ है। हमें बताया गया है कि हम अगले 36 घंटे के बाद ऑक्सीजन मिल पाएगी। इसे देखते हुए हमने और नए मरीजों को भर्ती किए जाने पर रोक लगा दी है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को बताया कि राजधानी के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन पूरी तरह खत्म हो गई है। सरोज, राठी, शांति मुकुंद, तीरथ राम अस्पताल, यूके अस्पताल, जीवन अस्पताल का कहना है कि हमारे यहां ऑक्सीजन खत्म हो गई है। हम जैसे-तैसे उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर देने की कोशिश कर रहे हैं।

अभी दिल्ली के कई अस्पताल गंभीर ऑक्सीजन संकट का सामना कर रहे हैं। कुछ में ऑक्सीजन पूरी तरह से खत्म हो गई है, मुझे सुबह से ही अस्पतालों से मैसेज और ईमेल मिल रहे हैं। हम किसी तरह उन्हें दूसरे अस्पतालों से रीक्रिएट करके सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं, जिनका स्टॉक थोड़ा ज्यादा है।

ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की मांग भी बढ़ गई

एजेंसी के बाहर लगी लाइन।

एजेंसी के बाहर लगी लाइन।

दिल्ली में तेजी से कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच लोग इस महामारी के इलाज और इससे बचाव के लिए महंगे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर हो या अपेक्षाकृत सस्ते भाप लेने वाले उपकरण की बड़े पैमाने पर खरीददारी कर रहे हैं जिससे इन चिकित्सा उपकरणों की भारी किल्लत देखने को मिल रही है।

अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड्स की कमी की खबरों के बीच लोग दवा की दुकानों पर जाकर जरूरी चिकित्सा उपकरणों जैसे- ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, ऑक्सीजन कैन आदि की खरीददारी कर रहे हैं। दिल्ली के कारोबारी दिनेश थापा ने बताया कि यह सामान्य परिस्थिति नहीं हैं।

सभी संक्रमित होने को लेकर डरे हुए हैं और हर उस चीज को खरीद लेना चाहते हैं जिससे उनके परिवार की रक्षा हो सके और खुदा न खास्ता अगर कोई सदस्य संक्रमित होता है तो उनका इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले साल हम मास्क, सैनिटाइजर और इफ्रारेड थर्मामीटर खरीद रहे थे।

इस साल संक्रमण की दूसरी लहर की वजह से लोग ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन स्प्रे और यहां तक कि ज्यादा महंगे ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर भी परिवार के लिए खरीदने की योजना बना रहे हैं। डर के इस माहौल का असर बाजार पर भी साफ तौर पर दिख रहा है।

अभूतपूर्व मांग की वजह से कई दवा की दुकानों पर ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के स्टॉक खत्म हो रहे हैं। रमेश नगर स्थित किरण मेडिको के गौरव आरोड़ा बताते हैं कि ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की बिक्री बहुत तेजी से हो रही है।

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