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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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हिट एंड रन मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा – किसी आरोपी को सिर्फ इसलिए रियायत नहीं दी दे सकते क्योंकि वह बहुत अमीर है।
16 अगस्त 2019 को परवेज का बेटा रागिब तेज गति से गाड़ी चलाते हुए दूसरी गाड़ी से भिड़ गया था।
हिट एंड रन के एक केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, किसी आरोपी को सिर्फ इसलिए रियायत नहीं दी दे सकते क्योंकि वह बहुत अमीर है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ ने सोमवार को यह टिप्पणी कोलकाता की बिरयानी चेन आर्सलान के मालिक अख्तर परवेज की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कही।
दरअसल, 16 अगस्त 2019 को परवेज का बेटा रागिब तेज गति से गाड़ी चलाते हुए दूसरी गाड़ी से भिड़ गया था। इस दौरान पास में खड़े दो बांग्लादेशी नागरिकों की मौत हो गई थी। परवेज के पिता ने कोर्ट में कहा था कि बेटे की मानसिक हालत ठीक नहीं है, इसलिए उसे जेल न भेजा जाए। कोर्ट ने उनकी मांग खारिज करते हुए कहा, घटना के वक्त रागिब 130-135 किमी/घंटे की स्पीड से गाड़ी चला रहा था। सात माह में उसने 48 बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया। आप केवल एक रियायत चाहते हैं क्योंकि आप अमीर हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं करेंगे।
परवेज के वकील कपिल सिब्बल ने कहा, मानसिक स्थिति के कारण रागिब परीक्षण प्रक्रियाएं नहीं समझ सकता, उसे जमानत दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा, आप चाहते हैं हम उन सभी को रिहा कर दें जिनके खिलाफ चार्जशीट दायर हुई हो। वैसे भी रागिब की मानसिक स्थिति को लेकर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस, बेंगलुरु के बोर्ड ने तो विरोधाभासी राय दी है। इसलिए नहीं छोड़ सकते।
खुद को बचाने के लिए दूसरे को बलि का बकरा बनाया
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 2019 में गिरफ्तारी के बाद रागिब को 8 माह कैद में रखा गया था। अब चार्जशीट होने के बाद उसे फिर जेल भेजने का कोई मतलब नहीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रागिब ने तो विदेश भागने की भी कोशिश की और किसी और को बलि का बकरा बनाना चाहा। बता दें, घटना के बाद रागिब दुबई भाग गया था, पर दो दिन बाद कोलकाता लौट आया। उसे एक नर्सिंगहोम से पकड़ा गया था। शुरू में रागिब के छोटे भाई आर्सलान ने घटना में होने बात कबूली थी।
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