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बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: Kuldeep Singh
Updated Wed, 31 Mar 2021 02:29 AM IST
रतन टाटा के साथ साइरस मिस्त्री
– फोटो : सोशल मीडिया
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टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने मंगलवार को कहा कि अल्पांश शेयरधारक के रूप में वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं, लेकिन उनकी अंतरात्मा साफ है। मिस्त्री टाटा समूह के साथ सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई हार गए हैं।
समूह के पूर्व चेयरमैन ने कहा- संस्थान के लिए ईमानदारी से काम कियाउन्होंने कहा, मुझमें कई कमियां हो सकती हैं, लेकिन समूह के लिए मैंने जो दिशा चुनी थी, उसे लेकर कोई संदेह नहीं है। मैंने ईमानदारी से काम किया। हालांकि, उन्होंने समूह में अपनी 18.37 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर अगले कदम का जिक्र नहीं किया। मिस्त्री ने कहा, उन्हें समूह का चेयरमैन बनने का मौका मिला।
पहले दिन से ही सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि विभिन्न निदेशक मंडलों के निदेशक बिना भय और पक्षपात दायित्वों का निर्वहन करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि रणनीति व कार्रवाई में शेयरधारकों की राय शामिल हो। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एनसीएलएटी के मिस्त्री को टाटा समूह का चेयरमैन बहाल करने के फैसले को खारिज कर दिया था।
विस्तार
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने मंगलवार को कहा कि अल्पांश शेयरधारक के रूप में वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं, लेकिन उनकी अंतरात्मा साफ है। मिस्त्री टाटा समूह के साथ सुप्रीम कोर्ट में लंबी कानूनी लड़ाई हार गए हैं।
समूह के पूर्व चेयरमैन ने कहा- संस्थान के लिए ईमानदारी से काम किया
उन्होंने कहा, मुझमें कई कमियां हो सकती हैं, लेकिन समूह के लिए मैंने जो दिशा चुनी थी, उसे लेकर कोई संदेह नहीं है। मैंने ईमानदारी से काम किया। हालांकि, उन्होंने समूह में अपनी 18.37 फीसदी हिस्सेदारी को लेकर अगले कदम का जिक्र नहीं किया। मिस्त्री ने कहा, उन्हें समूह का चेयरमैन बनने का मौका मिला।
पहले दिन से ही सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि विभिन्न निदेशक मंडलों के निदेशक बिना भय और पक्षपात दायित्वों का निर्वहन करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि रणनीति व कार्रवाई में शेयरधारकों की राय शामिल हो। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च को एनसीएलएटी के मिस्त्री को टाटा समूह का चेयरमैन बहाल करने के फैसले को खारिज कर दिया था।
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