April 28, 2024 : 2:17 AM
Breaking News
अन्तर्राष्ट्रीय

नासा का मंगल मिशन कामयाब: पर्सीवरेंस रोवर मार्स के जजीरो क्रेटर पर उतरा, यहां कभी पानी भरा रहता था; जीवन की संभावना तलाशेगा

[ad_1]

Hindi NewsInternationalPercision Rover’s Landing At Jaziro Crater At 2 O’clock, Will Be 0 To 12 Thousand Miles Per Hour In 7 Minutes Nasa, Mars Mission

Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

वॉशिंगटन21 मिनट पहले

कॉपी लिंकमार्स पर लैंडिंग के बाद पर्सीवरेंस मार्स रोवर ने ये इमेज क्लिक कर पृथ्वी पर भेजी। नासा की टीम अब इस पर रिसर्च शुरू करेगी। - Dainik Bhaskar

मार्स पर लैंडिंग के बाद पर्सीवरेंस मार्स रोवर ने ये इमेज क्लिक कर पृथ्वी पर भेजी। नासा की टीम अब इस पर रिसर्च शुरू करेगी।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का पर्सीवरेंस मार्स रोवर (Perseverance Rover) गुरुवार को मंगल (Mars) पर जीवन की तलाश के लिए उतरा। इसने भारतीय समय के अनुसार, गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात करीब दो बजे मार्स की सबसे खतरनाक सतह जजीरो क्रेटर पर लैंडिंग की। इस सतह पर कभी पानी हुआ करता था। नासा ने दावा किया है कि यह अब तक के इतिहास में रोवर की मार्स पर सबसे सटीक लैंडिंग है। पर्सीवरेंस रोवर लाल ग्रह से चट्‌टानों के नमूने भी लेकर आएगा।

6 पहियाें वाला रोबोट सात महीने में 47 करोड़ किलोमीटर की यात्रा पूरी कर तेजी से अपने लक्ष्य के करीब पहुंचा। आखिरी सात मिनट बेहद मुश्किल और खतरनाक रहे। इस वक्त यह सिर्फ 7 मिनट में 12 हजार मील प्रतिघंटे से 0 की रफ्तार पर आया। इसके बाद लैंडिंग हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपने ऑफिस में यह लैंडिंग देखी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पर्सीवरेंस की लैंडिंग देखी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी पर्सीवरेंस की लैंडिंग देखी।

पानी की खोज और जीवन की पड़ताल करेगा

पर्सीवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाई-ऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। यह जमीन के नीचे जीवन संकेतों के अलावा पानी की खोज और उनसे संबंधित जांच भी करेगा। इसका मार्स एनवायर्नमेंटल डायनामिक्स ऐनालाइजर (MEDA) मंगल ग्रह के मौसम और जलवायु का अध्ययन करेगा।

जजीरो क्रेटर पर था टचडाउन जोननासा ने जजीरो क्रेटर को ही रोवर का टचडाउन जोन बनाया था। राबोट ने यहीं लैंड किया। अब यह यहीं से सैटेलाइट कैमरे के जरिए पूरी जानकारी जुटाएगा और फिर इसे नासा को भेजेगा। यह मिशन अब तक का सबसे एडवांस्ड रोबॉटिक एक्सप्लोरर है। वैज्ञानिकों ने मुताबिक, जजीरो क्रेटर मंगल ग्रह का वह सतह है, जहां कभी विशाल झील हुआ करती थी। यानी यहां पानी होने की जानकारी पुख्ता तौर पर मिल चुकी है। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर मंगल पर कभी जीवन था, तो उसके संकेत यहां जीवाश्म के रूप में मिल सकेंगे।

सफल लैंडिंग के बाद खुशी मनाती यूएस एयरोनोटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की टीम।

सफल लैंडिंग के बाद खुशी मनाती यूएस एयरोनोटिक्स और स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की टीम।

पर्सीवरेंस रोवर में 23 कैमरेमंगल ग्रह के लेटेस्ट वीडियो और आवाज रिकॉर्ड करने के लिए पर्सीवरेंस रोवर में 23 कैमरे और दो माइक्रोफोन लगाए गए हैं। रोवर के साथ दूसरे ग्रह पर पहुंचा पहला हेलिकॉप्टर Ingenuity भी है। इसके लिए पैराशूट और रेट्रोरॉकेट लगे हैं। इसके जरिए ही स्मूद लैंडिंग हो सकी। अब रोवर दो साल तक जजीरो क्रेटर को एक्सप्लोर करेगा।

नासा के मार्स मिशन का नाम पर्सीवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर है। पर्सीवरेंस रोवर 1000 किलोग्राम वजनी है। यह परमाणु ऊर्जा से चलेगा। पहली बार किसी रोवर में प्लूटोनियम को ईंधन के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। यह रोवर मंगल ग्रह पर 10 साल तक काम करेगा। इसमें 7 फीट का रोबोटिक आर्म, 23 कैमरे और एक ड्रिल मशीन है। वहीं, हेलिकॉप्टर का वजन 2 किलोग्राम है।

फोटो अप्रैल 2020 की है। तब कैनेडी स्पेस सेंटर में नासा की मिशन मार्स टीम ने रोवर की फाइनल टेस्टिंग की थी। इसको घड़ी की दिशा यानी क्लॉक वाइज टर्न करके देखा गया था।

फोटो अप्रैल 2020 की है। तब कैनेडी स्पेस सेंटर में नासा की मिशन मार्स टीम ने रोवर की फाइनल टेस्टिंग की थी। इसको घड़ी की दिशा यानी क्लॉक वाइज टर्न करके देखा गया था।

रोवर के साथ हेल्थवर्कर्स के लिए ट्रिब्यूट भेजाइस रोवर के साथ 1.1 करोड़ लोगों के नाम भी तीन सिलिकॉन चिप्स पर लिखकर भेजे गए हैं। साथ ही दुनियाभर के हेल्थवर्कर्स के लिए एक ट्रिब्यूट भी है। एक छोटी एल्यूमीनियम प्लेट में एक रॉड पर लिपटे सांप की आकृति है जो ग्लोबल मेडिकल सोसायटी को दर्शाता है। इसमें एक लाइन से सेंट्रल फ्लोरिडा से मंगल का रास्ता दिखाया गया है। फ्लोरिडा के केप कनेवरल स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से ही मिशन को लॉन्च किया गया था।

मिशन पर चौथी पीढ़ी का पांचवां रोवरइससे पहले भी नासा के चार रोवर मंगल की सतह पर उतर चुके हैं। पर्सीवरेंस नासा का चौथी पीढ़ी का रोवर है। इससे पहले पाथफाइंडर अभियान के लिए सोजोनर को साल 1997 में भेजा गया था। इसके बाद 2004 में स्पिरिट और अपॉर्च्युनिटी को भेजा गया। वहीं 2012 में क्यूरिऑसिटी ने मंगल पर डेरा डाला था।

अप्रैल 2020 में इन्जेन्युटी कॉप्टर की फंक्शनल टेस्टिंग केनेडी स्पेस सेंटर में की गई थी। इस दौरान खास तौर पर इस बात पर फोकस किया गया है कि मार्स की खतरनाक और असमतल सतह पर लैंडिंग के दौरान इसे किसी तरह का नुकसान न हो और इसके चारों पहियों पर वजन समान रहे।

अप्रैल 2020 में इन्जेन्युटी कॉप्टर की फंक्शनल टेस्टिंग केनेडी स्पेस सेंटर में की गई थी। इस दौरान खास तौर पर इस बात पर फोकस किया गया है कि मार्स की खतरनाक और असमतल सतह पर लैंडिंग के दौरान इसे किसी तरह का नुकसान न हो और इसके चारों पहियों पर वजन समान रहे।

[ad_2]

Related posts

जासूसी मामले में एक्शन में NSO:इजराइली कंपनी कुछ क्लाइंट्स के खिलाफ जांच कर रही; कुछ सरकारी एजेंसियों के लिए पेगासस के इस्तेमाल पर रोक भी लगाई

News Blast

ट्रम्प की डब्ल्यूएचओ को चिट्‌ठी, 30 दिन में सुधार न होने पर फंडिंग स्थाई तौर पर फ्रीज करने की चेतावनी दी

News Blast

संवैधानिक बदलाव को लेकर आज से 7 दिन तक वोटिंग, कानून बना तो पुतिन 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं

News Blast

टिप्पणी दें