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Hindi NewsEntertainmentBollywoodOscar Nominated ‘Bittu’ Producer Karishma Revealed: The Story Is Based On The True Event Of Bihar, Have Shooted 8 Hours A Day And Completed The Film In 6 Days
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2 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन
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भारतीय फिल्म निर्माता करिश्मा देव दुबे की शार्ट फिल्म ‘बिट्टू’ ऑस्कर की टॉप 10 लिस्ट में शामिल हुई है। फिल्म को ताहिरा कश्यप, एकता कपूर और गुनीत मोंगा ने ‘इंडियन वीमेन राइजिंग’ के तहत प्रस्तुत किया है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान न्यू यॉर्क स्थित करिश्मा ने बताया कि वे काफी शॉक्ड हुईं जब उन्हें पता चला कि उनकी फिल्म को ऑस्कर में नॉमिनेट किया गया है। उन्होंने अपने प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कुछ और बातें भी शेयर की।
Q-‘इंडियन वीमेन राइजिंग’ बैनर तले पहली ही फिल्म ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई आपकी इस पर पहली प्रतिक्रिया क्या थी ?A-यह फिल्म बहुत से लोगों के काम का प्रतिनिधित्व करती है जिनके बिना आज इस स्तर पर होना असंभव होता। उनमें वे बच्चे शामिल हैं जो कहानी को मूल रूप देते हैं और वे सभी के लिए प्रेरणादायक थे। हमारी पूरी टीम ने बहुत मेहनत की है और काफी खुशी होती है जब आपकी मेहनत इस तरह का रंग लाए। जब पता चला कि फिल्म ‘बिट्टू’ ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई है तो मेरी पहली प्रतिक्रिया शॉकिंग थी। इसके बाद गर्व हुआ कि मुझे ऐसे अविश्वसनीय काम को एक ऐसे मंच पर प्रस्तुत करने का मौका मिला जो अपने आप में ही बहुत प्रतिष्ठित है।
Q-इस कहानी को फिल्म में प्रस्तुत करने का निर्णय कैसे लिया ?A-यह फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है जो 2013 में बिहार में हुई आकस्मिक स्कूल पॉइजनिंग थी। मैंने एनजीओ ‘प्रथम’ की मदद और काफी रिसर्च के बाद 3 साल से अधिक का वक्त दिया इस फिल्म के लिए। लेकिन इस फिल्म में बहुत कुछ है जो बोर्डिंग स्कूल में मेरे खुद के अनुभव हैं जैसे कि वहां के अधिकारी के साथ मेरे रिश्ते और मेरी दोस्ती। बिट्टू और चांद भी एक तरह से मेरी बहन श्रेया देव दूबे और मेरी प्रतिनिधि थे। हम दोनों एक-दूसरे से बहुत ऑपजिट थे। श्रेया निडर थी और वहीं मैं बहुत शर्मीली थी। भारत में एजुकेशन सिस्टम अक्सर आसान, शैक्षणिक बच्चों की सराहना करती है और अधिक व्यक्तिगत छात्रों को अलग करती है। बिट्टू का अनुभव इस प्रणालीगत लापरवाही पर रौशनी डालता है।
Q-फिल्म को कुछ ही दिनों में शूट किया गया था तब टीम को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?A-हमने फिल्म की शूटिंग 6 दिन में पूरी की थी। हर दिन हम 8 घंटे काम करते थे। यह बहुत कठिन था हमारे पास फंडिंग तो थी पर वो पर्याप्त नहीं थी। हमारे पास बहुत महत्वाकांक्षी स्क्रिप्ट थी लेकिन पर्याप्त समय और रिसोर्सेज नहीं थे। खास बात ये थी कि इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारे पास एक मजबूत टीम थी। मेरा कोर क्रू इस फिल्म के निर्माण में पीछे नहीं हटा। सबसे बढ़कर दो लड़कियां मेरी सबसे बड़ी सहयोगी थीं मैं उनके बिना कुछ नहीं कर सकती थी।
Q-बिना किसी ए-लिस्टर सेलिब्रिटी के फिल्म को बनाना अपने आप में कितना चैलेंजिंग था ?A-इस फिल्म को उन अभिनेताओं की जरूरत थी जो एक-दूसरे से खुद को रिलेट कर पाए और महसूस कर सकें कि वे उस अनुभव का प्रतिनिधित्व हैं, जिसे हम फिल्म चित्रित करने की कोशिश कर रहे थे। 11 न्यू कमर्स के बीच सौरभ सारस्वत इकलौते प्रोफेशनल एक्टर थे। सभी के प्रदर्शन में उनका बड़ा योगदान था। हम भाग्यशाली थे कि हमें अपने कलाकारों में वह मिला जिसकी हमें जरूरत थी। मुझे उनके प्रदर्शन पर बहुत गर्व है।
Q-ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करना आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है ?A-मैं बहुत आभारी महसूस करती हूं। ये पहचान सिर्फ मुझे नहीं बल्कि मेरी पूरी टीम को दुनिया भर में मिलेंगी। मेरे लिए यह पुरस्कार बहुत महत्वपूर्ण है।
Q-‘बिट्टू’ के अलावा और किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं ?A-वर्तमान में मैं मैरी इवेंजलिस्ता की फीचर फिल्म ‘बर्निंग वेल’ का निर्माण कर रही हूं जो यहां न्यूयॉर्क में होगा। हमें उम्मीद है कि इस साल जल्द ही हम शूटिंग शुरू कर देंगे। इसके अलावा मैं जल्द से जल्द लेखन में वापस आने की कोशिश कर कर रही हूं।
Q-इंडियन वीमेन राइजिंग को आप कैसे परिभाषित करेंगी ?A-इंडियन वीमेन राइजिंग भारत में उभरते फिल्म निर्माताओं का समर्थन करने के लिए पहला प्रयास है। मुझे उम्मीद है कि संसाधनों से अधिक लोग भारत में आने वाली महत्वपूर्ण कहानियों को खोजने में मदद करने के लिए इस मॉडल को अपनाएंगे। मुझे बहुत गर्व है कि फिल्म ‘बिट्टू’ इस प्रयास से जुड़ी है।
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