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फरीदाबाद3 घंटे पहले
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चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्चों की काउंसिंग की और संबंधित मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को मुक्त करा लिया।
तीन बच्चों को सिर्फ खाने पर रखा था मालिक, दो को 15-16 घंटे के बदले 6500 रुपए देता था वेतन
पल्ला थाना क्षेत्र के विभिन्न दुकानों पर नाबालिग बच्चों से बालश्रम कराया जा रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पांच बच्चों को मुक्त कराया और मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इनमें तीन बच्चे यूपी से बुलाए गए थे। 15-16 घंटे काम के बदले महज 6500 रुपए दिया जा रहा था। उन बच्चों को चाइल्ड हेल्प लाइन के सहयोग से मुक्त कराया गया और उन्हें बाल कल्याण गृह भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना मिली कि पल्ला क्षेत्र स्थित कई दुकानों पर छोटे छोटे बच्चों से बालश्रम कराया जा रहा है। सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम के सदस्य रविंद्र कुमार, एएसआई अमर सिंह और सीतल ने पुलिस टीम के साथ अग्रवाल स्वीटस हाउस पहुंची। वहां यूपी के फिरोजाबाद जिला निवासी 15 साल का बच्चा काम करता हुआ पाया गया। उसके मालिक निखिल अग्रवाल ने 23 दिसंबर से काम पर रखा था। बच्चा 24 घंटे इसी दुकान पर रहता था। उसे 6500 रुपए सैलरी देने की बात कही थी।
दूसरा बच्चा यूपी के जिला हाथरस का 14 साल का बच्चा आगरा स्वीटस दुकान पर पर काम करता हुआ पाया गया। उसे 29 नवम्बर से काम पर रखा गया था। उसे भी 6500 रुपए सैलरी मिलती थी। यही पर तीसरा बच्चा सेहतपुर का रहने वाला मिला। इसकी उम्र करीब 13 साल थी। ये विकास ऑटो सेंटर पर काम करता था। वह लगभग 15 दिन से इस दुकान पर काम कर रहा था। उसे कोई पैसा नहीं मिलता था।
चौथा बच्चा कश्यप बाइक जोन पर काम करता मिला। इसकी उम्र 13 साल है। इसे काम के बदले कोई पैसा नहीं मिलता था। मालिक सिर्फ खाना ही देता था। जबकि यूपी के बहराइच निवासी 16 साल का बच्चा फ्रूट जूस कॉर्नर पर काम करते हुए पाया गया। जिसका मालिक कोई पैसा नहीं देता था। चाइल्ड हेल्पलाइन ने बच्चों की काउंसिंग की और संबंधित मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर सभी को मुक्त करा लिया।
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