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तकनीक से मौत रोकने की कोशिश: प्री-मैच्योर बच्चे के शरीर का टेम्प्रेचर मेंटेन करेगा ‘स्मार्ट गद्दा’, यह इंक्यूबेटर का नया विकल्प

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20 दिन पहले

कॉपी लिंकइंग्लैंड की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी और रॉबर लिमिटेड ने मिलकर तैयार किया ‘स्मार्ट गद्दा’दावा, बच्चों का टेम्प्रेचर मेंटेन रखने के लिए इनक्यूबेटर में रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी

वैज्ञानिकों ने समय से पहले पैदा होने वाले प्री-मैच्योर नवजातों के लिए स्मार्ट गद्दा तैयार किया गया है। यह बच्चे के शरीर का टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है। इस स्मार्ट गद्दे को इंग्लैंड की नॉटिंघम यूनिवर्सिटी और रॉबर लिमिटेड ने मिलकर तैयार किया है। कम्पनी का दावा है कि यह बच्चे के तापमान पर नजर रखता है। बच्चे के शरीर का तापमान गिरने यह अचानक इसे बढ़ाकर शरीर ठंडा पड़ने से रोकता है।

बच्चे के शरीर का तापमान मेंटेन रखना क्यों जरूरी?एक्सपर्ट के मुताबिक, प्री-मैच्योर नवजात अपने शरीर का तापमान मेंटेन नहीं कर पाते और उनकी जान का खतरा बढ़ता है। ऐसी स्थिति में उन्हें मशीन (इनक्यूबेटर) में रखकर टेम्प्रेचर मेंटेन किया जाता है।

इस प्रोजेक्ट के प्रोडक्ट डिजाइनर प्रो. पीटर फोर्ड कहते हैं, यह समय है जब इंक्यूबेटर के अलावा डॉक्टर्स को थर्मल मैनेजमेंट का विश्वसनीय विकल्प उपलब्ध कराने की जरूरत है।

फिलहाल बच्चों को इंक्यूबेटर में रखकर टेम्प्रेचर मेंटेन किया जाता है।

फिलहाल बच्चों को इंक्यूबेटर में रखकर टेम्प्रेचर मेंटेन किया जाता है।

टेस्टिंग पूरी होते ही बाजार में आने की उम्मीदयह एक प्रोटोटाइप है, जिसे पॉलीयूरीथेन और फोम से मिलकर तैयार किया गया है। इस स्मार्ट गद्दे की कीमत कितनी है, कम्पनी ने इसकी कोई जानकारी नहीं जारी की है। प्रो. पीटर कहते हैं, उम्मीद है टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे मार्केट में उपलब्ध कराया जा सकेगा।

देश में हर साल 35 लाख प्री-मैच्योर नवजातों की डिलीवरीनेशनल हेल्थ पोर्टल के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 35 लाख प्री-मैच्योर नवजातों की डिलीवरी होती है। 37 हफ्ते की प्रेग्नेंसी से पहले जन्म लेने वाले नवजातों को प्री-मैच्योर बेबी कहते हैं।

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