May 5, 2024 : 3:10 PM
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दूसरे विश्व युद्ध के समय का 5400 किग्रा वजनी बम फटा, डिफ्यूज करने के लिए डाइवर्स बम को नहर के अंदर ले गए थे

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वारसॉ2 महीने पहले

धमाके के बाद नहर का पानी 30 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई तक ऊपर उठ गया। बम को डिफ्यूज करने से पहले नहर के पास 750 लोगों को दूसरी जगह ले जाया गया था।

  • बम को नहर में ले जाने वाले सभी डाइवर्स इसके फटने से पहले ही डेंजर जोन से बाहर निकल गए थे
  • बम का नाम टॉलबॉय था, यह सितंबर 2019 में जेकिन शहर में नाले की खुदाई करने के दौरान मिला था

पोलैंड में कुछ दिन पहले मिला दूसरे विश्व युद्ध के समय का सबसे बड़ा बम मंगलवार को बम डिफ्यूज करने के दौरान फट गया। पोलैंड की नेवी के डाइवर्स इसे डिफ्यूज करने के लिए एक नहर में पानी के नीचे ले गए थे। धमाके में किसी को नुकसान पहुंचने की जानकारी नहीं है। बम को नहर में ले जाने वाले सभी डाइवर्स इसके फटने से पहले ही डेंजर जोन से बाहर निकल गए थे।

सेकंड वर्ल्ड वार के दौरान इस्तेमाल में लाए जाने वाले इस बम का नाम टॉल बॉय था। सितंबर 2019 में पोलैंड के जेकिन शहर में नाले की खुदाई करने के दौरान मिला था। सेकंड वर्ल्ड वार के दौरान ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स (आरएएफ) इन बमों का इस्तेमाल किया करती थी। इसका कुल वजन 5,400 किग्रा. था। इसके अंदर 2,400 किग्रा. विस्फोटक भरा था।

अब इस बम से कोई खतरा नहीं: पोलैंड नेवी

बम को डिफ्यूज करने के लिए ले जाने से पहले पिएस्ट नहर के पास से 750 लोगों को हटाया गया था। नेवी के प्रवक्ता ग्रिगोर्ज लेवेंडॉस्की ने बताया कि बम को डिफ्लैगरेशन प्रोसेस से डिफ्यूज करने की योजना थी। हालांकि, यह डेटोनेट हो गया। यह फट गया है इसका मतलब यह पूरी से इनएक्टिव हो चुका है। अब इससे किसी तरह का खतरा नहीं है।

यह इस तरह का पोलैंड का सबसे बड़ा ऑपरेशन

उन्होंने बताया कि पोलैंड में सेकंड वर्ल्ड वार के समय के कई ऐसे बम, मिसाइल या ग्रेनेड मिले हैं जो फटे नहीं थे। हालांकि, यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन था। इस बम को ब्रिटिश एयरोनॉटिकल इंजीनियर बार्न्स वैलिस ने डिजाइन किया था।

एक्सपर्ट बम के नहीं फटने की वजह नहीं जान सके

रॉयल एयर फोर्स ने 1945 में जर्मन क्रूजर लुटजो पर हमला करने के लिए इसे गिराया था। आम तौर पर यह जर्मनी के नाजी सरकार की संपत्तियों को नष्ट करने के लिए गिराया जाता था। एक्सपर्ट यह पता नहीं कर सके कि आखिर यह बम अब तक फटा क्यों नहीं था।

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