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वाराणसी11 घंटे पहले
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गंगा की दैनिक आरती सात अर्चकों द्वारा होती थी। कोविड 19 के चलते 18 मार्च से आरती एक अर्चक द्वारा ही सांकेतिक किया जा रहा था।
दो सौ लोगो को आरती स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की अनुमति18 मार्च से ही मां गंगा की दैनिक आरती एक अर्चक द्वारा हो रही थी
दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध दैनिक गंगा आरती में शनिवार शाम को रौनक वापस लौट आयी। जनता कर्फ्यू के पहले 18 मार्च को ही जिला प्रशासन ने आरती को सांकेतिक करा दिया था। एक ही ब्राह्मण मां गंगा की पूजा और आरती करता था। 249 दिनों बाद सात अर्चकों ने पहले की तरह गंगा आरती किया।
कोविड-19 के गाइडलाइन के तहत होगी मां गंगा की आरती
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष और आरती आयोजक सुशांत मिश्रा ने बताया गाइडलाइन के तहत ही व्यवस्थाओं को किया गया है। प्रशासन की ओर से दो सौ लोगो को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठने की इजाजत मिली है। कार्यालय के छत से आरती देखने की इजाजत किसी को नही है।
गंगा सेवा निधि के प्रमुख रहे सत्येन्द्र मिश्र ने 1991 में गंगा आरती एक अर्चक द्वारा शुरू किया था।
आरती स्थल को सैनेटाइज किया गया। आरती परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को उचित दूरी पर बैठाया गया। वही माँ गंगा की दैनिक आरती में आरती स्थल पर मास्क लगा कर ही बैठना अनिवार्य किया गया है। आरती परिसर में सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया कि वो मास्क का प्रयोग अवश्य करें।
गंगा आरती पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे एक साथ देख चुके है।
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