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दरअसल, साल 2018 में भाजपा की पार्षद दक्षा पटेल ने प्रस्ताव दिया था कि सदन में पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापित की जाए। सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर महानगरपालिका आयुक्त के पास अभिप्राय के लिए भेज दिया था। बीएमसी प्रशासन की तरफ से अब अभिप्राय आया है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि सदन में प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती।
अभिप्राय में कहा गया है कि सदन में मोजूदा पार्षदों के बैठने की जगह है। जबकि सदन की कार्यवाही शुरू होने के दौरान अधिकारियों और पत्रकारों के बैठने के लिए उपयुक्त जगह का अभाव है। इसलिए सदन में एक और प्रतिमा लगाए जाने से पार्षदों और अधिकारियों की आसन व्यवस्था गड़बड़ हो सकती है। इसलिए अब भविष्य में बीएमसी सदन के अंदर किसी भी महापुरुष की प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती। लेकिन बीएमसी की स्थाई समिति या अन्य समिति हाल में महापुरुषों की प्रतिम या तैलचित्र लगाए जा सकते हैं।
बीएमसी सदन में इन महापुरूषों की लगी है प्रतिमा
पार्षद और भाजपा नेता विनोद मिश्र का कहना है, हमने बीएमसी प्रशासन का अभिप्राय मंगाया है। इसको देखने के बाद पार्षदों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे। उसके उपरांत भाजपा की ओर से अगला निर्णय लिया जाएगा।
वहीं नेता प्रतिपक्ष रविराजा का कहना है, बीएमसी सदन प्रशासन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगाने के संबंध में महापौर की अध्यक्षता में गुटनेताओं की बैठक होगी और उचित निर्णय लिया जाएगा।