वाराणसी4 घंटे पहले
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कोविड प्रोटोकॉल के पालन के लिए मंदिर कैंपस में अनाउंसमेंट भी की जा रही है। ढुंढिराज से मंदिर में एंट्री और निकासी कालिका गली की ओर से किया जा रहा है।
- स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन के साथ भक्तों में खजाना भी बंट रहा है
- दो दर्जन सीसीटीवी कैमरों से पूरे कैंपस पर नजर रखी जा रही है
धनतेरस के मौके पर वाराणसी में मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए सुबह से ही हजारों भक्तों की भीड़ जुटी है। गुरुवार सुबह 6 बजे से वाराणसी समेत अन्य राज्यों से लोग मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। दर्शन के दौरान लोगों की सुरक्षा के लिए वॉलेंटियर के अलावा जिला पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्स, PAC के साथ LIU को भी लगाया गया है। कंट्रोल रूम में सीसीटीवी के जरिये भी नजर रखी जा रही है।
गुजरात, ओडिशा, मुंबई से पहुंचे भक्त
महंत रामेश्वर पूरी ने बताया कि ओडिशा, मद्रास, मुंबई, दिल्ली, बिहार, गुजरात जैसे राज्यों से लोग मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में मां अन्नपूर्णा के सोने की प्रतिमा का दर्शन पूरे साल में केवल चार दिन धनतेरस से अन्नकूट पर्व ही हो पाता है। इसलिए इन चार दिनों में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
मां के खजाने से भक्तों को लावा और सिक्का दिया जाता है
महंत ने बताया कि इन चार दिनों में मां का खजाना भक्तों के बीच बंटता है। खजाना के संबंध में उन्होंने बताया कि इसमें लावा और 1,2,5 और 10 के सिक्के होते हैं जिन्हें भक्तों के बीच बांटा जाता है। मान्यता है कि इस खजाने को घर में रखने से अन्न और धन की कभी कमी नहीं होती है।
एक बार में पांच लोगों को ही दर्शन के लिए एंट्री
कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए थर्मल स्कैनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के बाद ही भक्तों को मंदिर के अंदर प्रवेश दिया जा रहा है। एक बार में पांच लोगों को ही दर्शन के लिए एंट्री दी जा रही है। ओडिशा से आई भक्त संध्या रानी ने बताया कि वो आठ सालों से लगातार आ रही है। उन्होंने बताया कि मां आशीर्वाद से छोटी सी परचून की दुकान से दो और कास्मेटिक की दुकान भी खोल लिया है।