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महज 6 साल की उम्र में दुनिया का सबसे युवा कंप्यूटर प्रोग्रामर बना अरहम, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

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  • Meet Arham Om Talsania From Ahemdabaad Who Became World’s Youngest Computer Programmer In Just The Age Of 6 Years, Also Recorded His Name In Guinness Book Of World Records

2 दिन पहले

कहते है सीखने और कुछ करने की कोई उम्र नहीं होती। बचपन में जब बच्चे अ से अनार या ABDC सीखने में अपना समय बिताते है, उसी छोटी सी उम्र में अहमदाबाद के अरहम ओम तलसानिया ने ऐसी उपलब्धि हासिल की, जो बड़े-बड़े लोग करने का सिर्फ सपना देखते हैं। अपनी इस उपलब्धि के बल पर छह साल के इस छोटे बच्चे ने ना सिर्फ बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को चौंका दिया, बल्कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम शामिल करवा लिया है।

23 जनवरी को हुई थी माइक्रोसॉफ्ट की परीक्षा

अरहम का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दुनिया के सबसे युवा कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर दर्ज हो गया है। अरहम ने पायथन प्रोग्रामिंग लेंग्वेज परीक्षा को क्लियर कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है। परीक्षा का आयोजन 23 जनवरी, 2020 को माइक्रोसॉफ्ट द्वारा अधिकृत पियर्सन व्यू टेस्ट सेंटर में हुआ था। इसके कारनामे के साथ ही अरहम ने पहले से दर्ज पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश सात वर्षीय मुहम्मद हमजा शहजाद के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।

परीक्षा में हासिल किए 1000 में से 900 अंक

इस परीक्षा में कैंडिडेट को प्रतिष्ठित प्रमाण हासिल करने के लिए 1000 में से 700 अंक चाहिए थे, लेकिन अरहम ने 900 अंक हासिल किए, जिसे माइक्रोसॉफ्ट टेक्नोलॉजी एसोसिएट के रूप में मान्यता मिली है। अहमदाबाद निवासी अरहम के पिता ओम तलसानिया पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर और माता तृप्ति तलसानिया लेक्चरर और इंजीनियर हैं। बेटे की इस उपलब्धि पर माता-पिता भी काफी खुश हैं।

2 साल की उम्र से शुरू किया गैजेट्स का इस्तेमाल

अरहम ने बताया कि उनके पिता ने उन्हें कोडिंग सिखाई। जब वह 2 साल के थे, तब उन्होंने टैबलेट का इस्तेमाल करना शुरू किया था। 3 साल की उम्र में अरहम ने iOS और विंडोज के साथ गैजेट्स खरीदे। बाद में उन्हें पता चला कि उनके पिता पायथन पर काम कर रहे थे। छोटी से उम्र में बड़ा काम करने वाले अरहम भविष्य में बिजनेस इंटरप्रीन्योर बनना चाहते है। उन्होंने बताया कि वह कोडिंग के लिए ऐप, गेम और सिस्टम बनाना चाहते है। इतना ही नहीं वह बड़े होकर जरूरतमंदों की मदद भी करना चाहते है।

पिता से सीखें कोडिंग के बेसिक्स

अपने बेटे की इस उपलब्धि पर उनके पिता ओम तलसानिया बताते है कि अरहम को 2 साल की उम्र से ही कम्प्यूटर से काफी लगाव था। वह टैबलेट पर गेम खेलता था और पहेलियों को भी हल करता था। जब उसने वीडियो गेम खेलना शुरू किया तो इसमें रुचि विकसित करने के साथ ही इसे बनाने का सोचा। वह अक्सर मुझे कोडिंग करते हुए देखता था। ” बाद में मैंने उसे प्रोग्रामिंग की बेसिक्स सिखाई और अहरम ने खुद के छोटे गेम बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद बेटे की दिलचस्पी को देखते हुए पिता ने अरहम को माइक्रोसॉफ्ट अधिकृत परीक्षा दिलाने का फैसला लिया।

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