May 16, 2024 : 8:21 PM
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बाराबंकी में अवैध शराब बनाने वाले दीये बना रहे, दीपोत्सव पर अयोध्या में प्रज्ज्वलित करेंगे योगी

बाराबंकी17 घंटे पहले

यह फोटो बाराबंकी है। यहां राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित समूह की महिलाएं दीपोत्सव के लिए दीये तैयार कर रही हैं।

  • घाघरा नदी की कछार में स्थित है चैनपुरवा
  • यहां कभी हर घर में बनती थी शराब
  • अब मधुमक्खी पालन जैसे काम में लगे ग्रामीण

रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाराबंकी जिले में बने दीये को अपने हाथों से प्रज्ज्वलित करेंगे। यह दीये उस गांव में बन रहे हैं, जहां कुछ दिन पहले तक अवैध शराब बनती थी, लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन के मोटीवेशन और सहयोग से लोगों ने अवैध धंधा छोड़कर एक सम्मानजनक जीवन जीना शुरू कर दिया है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवस्थी शनिवार को इस गांव में पहुंचे। अवस्थी ने जिलाधिकारी से कहा है कि वह जितनी मात्रा में दिये दे सकते हैं, मुहैया कराएं। इन दीयों को दीपोत्सव में मुख्यमंत्री खुद अपने हाथों से प्रज्जवलित करेंगे।

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महिलाओं द्वारा बनाए गए दीये।

महिलाओं द्वारा बनाए गए दीये।

शराब बनाने के लिए कुख्यात था चैनपुरवा गांव

थाना मोहम्मदपुर खाला का गांव चैनपुरवा, कभी अवैध शराब बनाने के लिए कुख्यात था और पुलिस के डर के साए में ग्रामीणों का जीवन व्यतीत होता था। यह अवैध शराब कभी-कभी लोगों की जान भी ले लेती थी। इसीलिए इस गांव के लोगों को मौत बांटने वाला कहा जाता था। मगर बाराबंकी पुलिस की एक अनोखी पहल ने इनका जीवन ही बदल कर रख दिया। यह जो लोगों के भविष्य में अंधेरा करते थे, वह आज घरों को अपने इको फ्रेंडली दीयों से रोशन करने का काम कर रहे हैं।

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अब यह सम्मान के साथ अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। इस काम में सबसे पहले महिलाएं आगे आईं, जिन्होंने समूह बनाकर दिये बनाने का बीड़ा उठाया है। दीपावली में इनके पास पूरे जिले से बड़े आर्डर मिल रहे हैं। इनकी हौसलाअफजाई के लिए पुलिस इन्हें आर्डर भी दिलवा रही है और हर मदद भी कर रही है।

पुलिस ने शहद उत्पादन की ट्रेनिंग कराई, अब दीये बना रहीं

महिलाओं ने बताया कि उनका यह चैनपुरवा गांव तराई क्षेत्र में है। यहां पास की बहती घाघरा (सरयू) नदी से उनके घर के पुरुष मछलियां पकड़ कर लाते थे और अवैध शराब बनाकर पीते थे और बेचते थे। इस काम में हमेशा पुलिस का डर बना रहता था।

इस काम से बचाने के लिए उनका आर्थिक शोषण भी होता था और जिले कहीं अवैध शराब से किसी के मरने की घटना हो गई तो पुलिस के डर से उन्हें गांव भी छोड़ना पड़ जाता था। उनके घर के पुरुष अक्सर जेल में रहते थे, क्योंकि उनके पास जमानत कराने की भी व्यवस्था नही होती थी।

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बाराबंकी पुलिस ने इन लोगों को शहद उत्पादन और दिए बनाने की पहले ट्रेनिंग दिलवाई, फिर सरकार से आर्थिक सहायता दिलवाकर उनकी जिन्दगी बदल दी। अब उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं है, बल्कि पुलिस खुद उनके अच्छे काम में उनका सहयोग कर रही है।

जिलाधिकारी ने कहा- यह एसपी की अच्छी सोच का परिणाम

जिलाधिकारी डॉ. आदर्श सिंह ने बताया कि हमारा जनपद अवैध शराब के धंधे से काफी बदनाम हो चुका था और पिछले दिनों यहां बड़ी दुखद घटनाएं भी हो चुकी थी। पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने यहां एक नई सोच डेवलप की।

जो गांव चैनपुरवा अवैध शराब के धंधे में लिप्त था, वहां जाकर लोगों से बात की कि वह क्यों ऐसा काम करते है और कौन सा ऐसा काम है, जो वह करके इस अवैध काम को छोड़ सकते हैं। अब इन लोगों की जिंदगी बदल गई है।

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