May 19, 2024 : 5:43 AM
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ठेकेदारों ने 4 साल में जितने विकास कार्य कराए हैं उन सभी की जांच होगी, अभी 388 कार्यों की जांच चल रही है

फरीदाबाद4 घंटे पहले

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मंगलवार को आयोजित निगम सदन की बैठक का दृश्य।

  • निगम सदन की बैठक में उठे घोटालों के मुद्दों पर कमिश्नर का एक्शन

भास्कर न्यूज | फरीदाबाद निगम सदन की मंगलवार को हुई बैठक में पार्षदों द्वारा कई घोटाले उजागर करने के बाद कमिश्नर डॉ. यश गर्ग ने पिछले चार साल में निगम क्षेत्र में ठेकेदारों ने जितने विकास कार्य कराए हैं उन सभी की जांच कराने का निर्णय लिया है। जिससे उन ठेकेदारों पर कार्रवाई की जा सके जो बगैर विकास कार्य कराए निगम में फर्जी बिल प्रस्तुत कर भुगतान ले चुके हैं। उन निगम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जिनके कार्यकाल में गड़बड़ियां हुई हैं। निगम कमिश्नर ने सदन को यह भी बताया कि वर्तमान में 388 विकास कार्यों की जांच चल रही है। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। इसमें एक्सईएन विवेक गिल एवं सुंदर श्योराण को शामिल किया गया है। कमिश्नर ने कहा जांच में गड़बड़ी मिलती है तो इसके लिए जो जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सदन की बैठक में एडवरटाइजमेंट घोटाला, स्ट्रीट लाइट घोटाला और बगैर काम किए बल्लभगढ़ के एक ठेकेदार द्वारा 50 करोड़ का घोटाला पहुंचा। पार्षदों ने इन घोटालों को लेकर नगर निगम अधिकारियों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। 50 करोड़ घोटाले के बाद निगम कमिश्नर ने उठाया कदम नगर निगम के एक ठेकेदार ने वार्डों में बगैर कोई विकास कार्य कराए फर्जी बिल लगाकर अधिकारियों से मिलीभगत कर करीब 50 करोड़ का भुगतान करा लिया। पार्षद दीपक चौधरी, सुरेंद्र अग्रवाल, महेंद्र सरपंच व दीपक चौधरी ने इसकी जानकारी होने पर इसकी शिकायत कमिश्नर से की। उन्होंने चीफ इंजीनियर टीएल शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर जांच शुरू करा दी। इसके बाद जब अकाउंट विभाग से उक्त ठेकेदार के भुगतान की डिटेल मांगी गई तो अचानक अकाउंट विभाग में आग लग गई।

कराए गए निगम के 118 कामों के नहीं मिल रहे हैं बाउचर

निगम कमिश्नर ने बताया कि ठेकेदार सतवीर के भुगतान से संबंधित 164 बाउचर 30 अक्टूबर को मिल चुके हैं। लेकिन 118 और ऐसे काम हैं जिनके बाउचर अभी जांच कमेटी को नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा सतवीर ठेकेदार की गड़बड़ी का मामला सामने आने पर निगम प्रशासन 388 कामों की जांच करा रहा है। उन्होंने कहा सदन की अनुमति से अब यह निर्णय लिया गया है कि चार साल में जिन ठेकेदारों ने जो विकास कार्य कराए हैं उन सभी की जांच की जाएगी। क्योंकि बगैर काम किए ही निगम से भुगतान ले लेना गंभीर अपराध है।

एक से सात वार्डों की स्ट्रीट लाइटों की भी जांच की जाएगी: सदन में स्ट्रीट लाइटों की गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद कमिश्नर ने एक से सात वार्ड तक स्ट्रीट लाइटों की भी जांच कराने का निर्णय लिया है। निगम प्रशासन इस बात की जांच करेगा कि वर्ष 2018 से अभी तक इन सभी वार्डों को कितनी कितनी स्ट्रीट लाइटें मिलीं और वह कहां कहां लगाई गईं। इसके बाद सेंट्रल स्टोर का रिकार्ड क्या कहता है।

दिवाली पर कोई नई लाइटें नहीं मिलेंगी, सिर्फ मेंटिनेंस होंगी: इस बार दिवाली पर किसी भी वार्ड को कोई स्ट्रीट लाइट नहीं दी जाएगी। जो लाइटें खराब हैं उनका मेंटिनेंस जरूर होगा। इस बात की जानकारी एक्सईएन ओपी कर्दम ने दी। उन्होंने बताया राज्य सरकार ने नई स्ट्रीट लाइटें वार्डों में देने पर रोक लगा दी है। क्योंकि अब पूरे प्रदेश में केंद्र सरकार की एजेंसी स्ट्रीट लाइटों का काम देखेगी।

लाइटें ठीक करने के लिए लगी हैं 15 टीमें: एक्सईएन कर्दम के अनुसार पूरे शहर में लगी लाइटों का सर्वे कर खराब लाइटों की पहचान के लिए 15 टीमें लगाई गई हैं। ये टीमें खराब लाइटों को ठीक करेंगी। उन्होंने बताया दिवाली से पहले सभी स्ट्रीट लाइटों को ठीक कर दिया जाएगा। कर्दम ने बताया कि सामान्य तौर पर निगम एक दिन में 400 से 500 लाइटों को ठीक कराता था लेकिन त्यौहार को देखते हुए रोज 1000 से अधिक लाइटों की जांच और उन्हें ठीक कराया जा रहा है।

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