न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ Updated Mon, 02 Nov 2020 01:24 PM IST
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दरअसल मुनव्वर राना ने आतंकी हमले को सही ठहराते हुए उसका बचाव किया था। उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब का कार्टून बनाकर उस युवा को इतना मजबूर किया गया कि वह किसी का कत्ल कर बैठा। अगर उस छात्र की जगह मैं रहा होता तो मैं भी कत्ल कर बैठता। बात पैगंबर साहब की ही नहीं है कोई अगर भगवान राम का विवादित कार्टून बनाता तो भी मैं यही करता।
राना का कहना है कि मजहब मां की तरह है। मजहब से लोगों की आस्थाएं जुड़ी होती हैं। इससे खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। किसी को इतना नहीं उकसाना चाहिए कि वह कत्ल करने पर आमादा हो जाए। मुसलमानों को चिढ़ाने के लिए फ्रांस में ऐसा कार्टून बनाया गया।
फ्रांस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर उन्होंने कहा था कि भला सियासत का यह कौन-सा अंदाज है कि एक मुल्क के हाकिम को खुश रखने के लिए कोई सियासतदां 50 से अधिक अन्य मुस्लिम मुल्कों को असंतुष्ट कर दे। मोदी को फ्रांस से और राफेल चाहिए। हो सकता है इसीलिए वे ऐसा कह रहे हों।