14 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
प्रवासियों के मसीहा कहलाने वाले सोनू सूद ने लॉकडाउन के दौरान हजारों लोगों की मदद की। मदद का यह सिलसिला अभी तक जारी है। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हें लगता है सोनू सूद खुद को जिस तरह से जनता के सामने ला रहे हैं वह सही नहीं और उनके इरादे अच्छे नहीं हैं। यह बातें तब सामने आईं जब एक यूजर ने उनकी मदद को पीआर स्टंट बताया।
New twitter A/c
Only 2-3 followers
One Tweet
Never tagged Sonu Sood
No location mentioned
No contact details
No email addressBut Sonu Sood somehow found the Tweet and offered help.
Most of the earlier handles who sought help deleted their tweets
This is how PR team works https://t.co/6kD4igeHfI
— Rishi Bagree (@rishibagree) October 25, 2020
मदद मांगेन वाला ट्वीट बताया पीआर का काम
यूजर ने सवाल उठाते हुए लिखा- नया ट्विटर अकाउंट, सिर्फ 2 या 3 फॉलोअर, एक ट्वीट। कभी सोनू को टैग नहीं किया। कोई लोकेशन नहीं बताई। कोई कॉन्टैक्ट डीटेल, इमेल एड्रेस नहीं। लेकिन फिर भी सोनू ने इस ट्वीट को ढूंढ लिया और मदद की पेशकश की। पहले भी जो हैंडल्स मदद मांगने आए थे वे सब अपने ट्वीट डिलीट कर चुके हैं। पीआर टीम इसी तरह काम करती है।
That’s the best part brother.I find a needy & they somehow find me. It’s about
“INTENTIONS”, but u won’t understand.Tom patient will be in SRCC Hospital kindly do ur bit. Send some fruits for him.Someone with 2-3 followers will be happy to get some love from a man with followers https://t.co/f7Hhqrv95X pic.twitter.com/sObQBJdUuO— sonu sood (@SonuSood) October 25, 2020
सोनू ने पोस्ट की स्नेहिल के इलाज की रसीद
सोनू सूद ने इस यूजर के सवालों का जवाब उसी अंदाज में दिया जिस तरह वे जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। यूजर को रिप्लाय करते हुए सोनू ने एक स्क्रीन शॉट किया है। जो उस हॉस्पिटल की रसीद है जहां स्नेहिल का इलाज किया गया। दूसरी डेढ़ साल की स्नेहिल के टेस्ट की फोटो हैं।
सोनू ने लिखा- ये सबसे बेस्ट पार्ट है भाई। मैंने एक जरूरतमंद को खोजा और उन्होंने मुझे किसी तरह से खोजा। यह सब इरादों की बात है, लेकिन आप समझ नहीं पाएंगे। कल मरीज अस्पताल में होगा। उसके लिए कुछ फल भेजें। 2-3 फॉलोअर वाला व्यक्ति बहुत ही खुश होगा जब उसे कई सारे फॉलोअर्स वाले व्यक्ति से कुछ प्यार मिलेगा।
फिर भी सवाल उठाता रहा यूजर
हालांकि इतने के बाद भी यूजर रिषी बागरी सेटिस्फाई नजर नहीं आया। क्योंकि उसने रिपोर्ट्स देखने के बाद लिखा था- डेट्स देखें, रिपोर्ट्स की गई- 17 सितंबर को। सर्जरी की गई-: 25 सितंबर को। ट्वीट किया गया- 20 अक्टूबर को। मदद का आश्वासन दिया गया – 20 अक्टूबर को। बेसिकली आपने पहले से इलाज करवा रहे किसी व्यक्ति को मदद का आश्वासन दिया। अपनी पीआर टीम को हटा दीजिए जिसने आपकी धोखाधड़ी को उजागर किया है।