इंदौरएक घंटा पहले
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सरस्वती नगर के बगीचे में रविवार रात रहवासियों ने रावण दहन का आयोजन किया।
- विजयादशमी पर तिलक नगर, दशहरा मैदान, चिमनबाग सहित कई स्थानों पर हुआ रावण दहन
- सरस्वती नगर के बगीचे में रात में रावण दहन के बाद सुबह कॉलोनीवासी सफाई में जुटे नजर आए
विजयादशमी पर रविवार रात शहर में कई स्थानों पर रावण दहन हुआ। तिलक नगर में रावण दहन का समय शाम 7 बजे था, लेकिन 10 मिनट पहले ही जला दिया गया। आयोजन समिति ने मैदान में डिस्टेंसिंग के गोले बनाए थे। श्रीकृष्ण टॉकिज के सामने कोरोना रूपी 21 फीट के रावण का दहन किया गया। बड़े आयाेजनाें के साथ कई जगह छोटे आयोजन भी हुए। स्वच्छता में नंबर वन इंदौर में रात में जहां रावण जलाए गए थे, सुबह वहां अलग ही नजारा देखने को मिला। कॉलोनियों में बच्चे से बड़े तक रावण दहन के बाद जली लकड़ी और राख को साफ करते नजर आए। निगम की टीम भी सफाई में जुटी रही। सरस्वती नगर के बगीचे सहित कई स्थानों पर लोग सफाई में जुटे नजर आए।
सुबह बच्चे झाडू लेकर बगीचे को साफ करने पहुंच गए।
ऐसा रहा रात में रावण दहन का कार्यक्रम…
चिमनबाग में हनुमानजी ने किया रावण दहन : चिमनबाग में 21 फीट ऊंचे रावण का दहन इस बार भगवान श्रीराम ने नहीं बल्कि भगवान हनुमानजी ने शाम 7.30 बजे किया। कोरोना संक्रमण के चलते आयोजकों को भीड़ जमा नहीं करने को लेकर निर्देश प्रशासन की ओर से मिले थे, लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में लोग रावण दहन देखने पहुंच गए। शाम 6 बजे से ही लोग मैदान में पहुंचने शुरू हो गए थे। सबसे पहले आतिशबाजी की गई और उसके बाद रावण दहन किया गया। आयोजक अनिल यादव और अरविंद यादव के मुताबिक मैदान के मुख्य गेट को निर्देश के मुताबिक बंद कर दिया था, लेकिन लोग कॉलोनी की अंदर की गलियाें से आयोजन स्थल तक पहुंच गए। इसके कारण भारी भीड़ जमा हो गई।
चिमनबाग मैदान में रावण दहन हुआ।
रामबाग में आधे घंटे बाद जला वाटरप्रूफ रावण : रामबाग में इस बार वाटरप्रूफ रावण का निर्माण किया गया था। रावण दहन के लिए आयोजन समिति की तरफ से रात 8 बजे का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन यहां पर आधे घंटे बाद रात 8.30 बजे रावण का दहन किया गया। रावण दहन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। ऐसे में यहां पर कोविड-19 के सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन नहीं हो पाया।
रामबाग में रावण दहन को कैमरे में कैद करते नजर आए लोग।
उषागंज छावनी में आधे घंटे पहले ही जल गया रावण : शहर के उषागंज छावनी मैदान पर हर साल रावण दहन रात 10 बजे किया जाता है, लेकिन इस बार शाम 7 बजे ही कर दिया गया। जबकि लोगों को शाम 7.30 बजे रावण दहन कार्यक्रम की जानकारी थी। केवल 5 मिनट में ही पूरा रावण जल गया। यहां पर बमुश्किल 40 लोग भी नहीं पहुंच पाए। उतने ही पुलिस जवान यहां पर मौजूद थे। रावण जलने के बाद बड़ी संख्या में लोग बच्चों सहित पहुंचे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।
कोरोना रूपी 21 फीट रावण दो मिनट में हुआ स्वाहा : कोरोना रूपी 21 फीट रावण का दहन श्रीकृष्ण टॉकीज के सामने किया। रावण दो मिनट में ही स्वाहा हो गया। दहन के पहले ढोल-नगाड़ों के बीच थिरकती हुई रामजी, सीताजी, लक्ष्मणजी और हनुमानजी सहित वानरों के साथ छोटे रूप में विजय जुलूस निकाला गया। इस दौरान आतिशबाजी भी की गई। रावण दहन को निहारने के लिए महिला, पुरुष और बच्चे भी मौजूद थे। संस्था सूर्य मंच के अध्यक्ष सन्नी पठारे ने बताया दहन महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने किया। दहन का प्रसारण फेसबुक पर किया गया। सुरक्षा के लिहाज से एमजी रोड पुलिसकर्मियों ने बेरिकेड्स लगाए गए थे और मौके पर जवान भी तैनात थे।
तिलक नगर में 10 मिनट पहले ही जल गया रावण : तिलक नगर में रावण दहन का समय शाम 7 बजे का था, लेकिन आयोजन समिति के सदस्यों ने इसे निर्धारित समय से 10 मिनट पहले ही 6.50 बजे ही जला दिया। इससे जो लोग 7 बजे के रावण दहन का सोचकर रावण दहन देखने पहुंचे थे उन्हें निराश होना पड़ा। वहीं, कई लोग रावण दहन के एक घंटे बाद 8 बजे तक भी मैदान में परिवार के साथ बैठे रहे। आयोजन समिति की ओर से मैदान में लोगों के सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गोले भी बनाए गए थे, लेकिन उसका कोई मतलब नहीं निकला। लोग यहां पर परिवार सहित झुंड बनाकर खड़े रहे या फिर रावण के साथ सेल्फी लेते नजर आए। पुलिस ने भी आयोजन स्थल के काफी पहले ही बेरिकेडिंग कर रखी थी।