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- Crowds Of Devotees Gathered To Visit The Temple Of Mother Shailputri On The First Day Of Navratri, The Devotees Wished The Epidemic To End Soon
वाराणसी44 मिनट पहले
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नवरात्र के पहले दिन ही मां दुर्गा के मंदिरों में काफी भीड़ दिख रही है। ऐसा लग रहा है जैसे कोरोना महामारी का डर लगभग खत्म सा हो गया है।
- भक्तों के उत्साह के आगे महामारी का डर खत्म सा हो गया है
- मंदिर के बाहर थर्मल स्कैनिंग के बाद ही अंदर दिया जा रहा प्रवेश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना महामारी के बीच नवरात्र के पहले दिन शनिवार को मां शैल पुत्री के अलईपुरा स्थित प्राचीन मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। भक्तों की बस यही कामना कि विश्व को महामारी से मां बचाएं और शांति और संपन्नता बनाये रखें। जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद मंदिर के चारों को बैरिकेट भी किया गया है। भक्तों के उत्साह के आगे कोरोना महामारी का डर खत्म सा दिख रहा है।
पुजारी जिउत महाराज ने बताया कि काशी में नौ देवियों के मंदिर में एक मां शैल पुत्री का मंदिर है। शैलराज हिमालय की पुत्री होने के नाते इन्हें शैल पुत्री कहा जाता है। यहां दर्शन करने से विवाह व्याधि दूर होता है। अपने वाहन वृषभ पर माँ यहां विराजमान है। लाल फूल और नारियल मां को अति प्रिय है।
कोरोनाकाल में दूर-दूर से भक्त पहुंचे
मऊ से दर्शन के लिए आईं कोमल गुप्ता ने बताया कि पिछले नवरात्र में मंदिर के कपाट लॉकडाउन की वजह से पूरी तरह बंद थे।यहां तक कि पूजन सामग्री भी नहीं मिल पाया था। माता की कृपा इस बार है कि दर्शन का मौका मिला। यही कामना करती हूं कि हमारी दुनियां से जल्द खत्म हो।
बरेली से आईं अंजू यादव ने बताया कि 3 साल पहले शादी के मन्नत को लेकर आई थीं। मां ने अर्जी सुन ली और 2019 में मेरी शादी हो गई। इस बार बस यही मांगा है कि कोरोना पर जल्दी कंट्रोल हो और पहले की तरह सब कुछ हो जाए।