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4000 साल पुराने सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी हरसिद्धी मंदिर में दर्शन को उमड़े भक्त, बोले – मां जल्द ही कोरोना महामारी से दिलाएंगी मुक्ति

उज्जैन29 मिनट पहले

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मां हरसिद्धि के दर पर सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला चल रहा है।

  • देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर में भक्तों के दर्शन का सिलसिला सुबह से ही शुरू हुआ
  • फूल, प्रसाद, माला चढ़ाने, घंटी बजाने की मनाही, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का विशेष ध्यान रखा जा रहा

कोराेना महामारी के बीच मां की आराधना का पर्व नवरात्रि शनिवार से शुरू हुआ। 9 दिनी इस पर्व के पहले दिन ही सुबह से माता मंदिरों में भक्तों का तांता लग गया। नवरात्रि के शुरू होते ही शक्तिपीठ नगरी उज्जैन के माता मंदिरों में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर में भी भक्तों के दर्शन का सिलसिला सुबह से ही जारी है। नवरात्रि के मौके पर माता हरसिद्धि के दर्शन को दूर दूर से भक्त उज्जैन पहुंचते हैं। हालांकि कोरोना के नियमों के तहत भक्त इस बार ना घंटी बचा पा रहे हैं ना ही मां को फूल-प्रसाद अर्पित कर पा रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ दूर से ही माता के दर्शन कर भक्त लौट रहे हैं। यहां पहुंचे भक्तों ने कहा कि मां से आशीर्वाद लेने आए हैं। मां से इस काेरोना महामारी से जल्द मुक्ति की कामना की।

मां हरसिद्धि सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी हैं।

मां हरसिद्धि सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी हैं।

उज्जैन स्थित मां हरसिद्धि उज्जैन के राजा सम्राट विक्रमादित्य की आराध्य देवी हैं। इसके अलावा मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में एक है। शास्त्रों में प्रचलित कथा के अनुसार यहां पर माता सती की कोहनी गिरी थी। करीब चार हजार साल पुराने इस मंदिर का शास्त्रों में भी जिक्र है। मंदिर के पुजारियों की मानें तो माता हरसिद्धि का मंदिर शक्तिपीठ होने से भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है। वैसे तो माता हरसिद्धि के दरबार में रोजाना भक्तों का मेला लगता है, लेकिन नवरात्रि में इनकी संख्या खासी बढ़ जाती है।

माता मंदिर में दूर से ही दर्शन की व्यवस्था की गई है।

माता मंदिर में दूर से ही दर्शन की व्यवस्था की गई है।

कोरोना को देखते हुए मंदिर में विशेष प्रबंध
नवरात्रि पर्व पर हरसिद्धि मंदिर में नौ दिनों तक विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे। भक्त यहां मां से आशीर्वाद लेकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि माता भी अपने भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं। कोराेना को देखते हुए माता के दर्शन दूर से कराने के साथ ही प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर मशीन की व्यवस्था की गई है। प्रवेश और निर्गम मार्ग अलग-अलग रखे गए हैं। फूल, प्रसाद, माला चढ़ाने पर प्रतिबंध है। घंटी बजाने की मनाही है। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

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