May 18, 2024 : 4:00 PM
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इस साल के अंत तक देश के स्टार्टअप सिस्टम दे सकते हैं 7.5 लाख रोजगार, सुधर रही है स्टार्टअप की आर्थिक स्थिति

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  • By The End Of This Year, The Country’s Startup System Can Provide 7.5 Lakh Jobs, Improving The Economic Condition Of The Startup

मुंबई4 घंटे पहले

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रिपोर्ट के मुताबिक, 15 फीसदी स्टार्टअप को कोविड-19 के कारण अपना कारोबार बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। 75 फीसदी स्टार्टअप की हालत धीरे-धीरे ही सही पर स्थायी रूप से लॉकडाउन के बाद बेहतर हो रही है

  • रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2025 तक स्टार्टअप से 15-16 लाख रोजगार उत्पन्न होंगे
  • 30 फीसदी स्टार्टअप ने कमाई के दूसरे रास्ते खोजने के लिए नए बाजार का रुख किया है

देश में स्टार्टअप सेक्टर की हालत भले खराब है, लेकिन उम्मीद है कि इस साल के अंत तक ये 7.5 लाख रोजगार दे सकते हैं। सितंबर 2020 की तिमाही के अंत तक कुल निवेश और स्टार्टअप में निजी निवेश, दोनों कोविड-19 के पहले के लेवल पर पहुंच गए हैं। हालांकि इनडायरेक्ट (अप्रत्यक्ष) तौर पर 26-28 लाख रोजगार मिलने की संभावना है। ग्लोबल मैनेजमेंट व स्ट्रैट्जी कंसल्टिंग फर्म जिनोव के साथ साझेदारी में टाई दिल्ली-एनसीआर ने यह जानकारी दी है।

यूनिकॉर्न बन रहे हैं स्टार्टअप

रिपोर्ट के मुताबिक चार भारतीय स्टार्टअप कोविड-19 के दौर में यूनिकॉर्न बनकर उभरे हैं। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक भारत में 8 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाएंगे। यह 2019 के बराबर हो जाएगा। टाई दिल्ली-एनसीआर के अध्यक्ष रंजन आनंदन के मुताबिक भारतीय स्टार्टअप्स ने नए तरीके से अपने बिजनेस में बदलाव किए हैं। अधिकतर स्टार्टअप ने अपनी लागत को कम करते हुए आर्थिक स्थिति को तेजी से मजबूत किया।

डिजिटली आधारित सेगमेंट में तेजी से हो रहा है सुधार

रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटली आधारित सेगमेंट में तेजी से सुधार देखने को मिला है। यह सुधार कोविड-19 के पहले के दौर से भी आगे है। निवेश में तेजी से सुधार देखने को मिला है और हमें उम्मीद है कि भारतीय यूनिकॉर्न में 2020 और 2021 में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। भारत 2025 तक 100 यूनिकॉर्न हासिल करने के रास्ते पर है। जिनोव की सीईओ परी नटराजन के मुताबिक कोरोना से उपजे संकट और कुछ स्टार्टअप के बंद होने के बावजूद कई स्टार्टअप ने रोजगार उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उम्मीद है कि 2025 तक इससे 15-16 लाख प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।

स्टार्टअप इकोसिस्टम बुरी तरह प्रभावित हुआ है

भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम कोविड-19 की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 15% स्टार्टअप लॉकडाउन की वजह से अपना कारोबार बंद कर रहे थे, वे अब उम्मीद से अधिक तेजी से पटरी पर आ रहे है। रिपोर्ट में सामने आया है कि अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से डिजिटल स्टार्टअप में ज्यादा तेजी देखने को मिली है और निवेशकों को उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति कोविड के पहले दौर पर पहुंच जाएगी।

रिपोर्ट में कई तरह की जानकारी दी गई है

इस रिपोर्ट में फंडिंग, विलय और अधिग्रहण, सेक्टर पर प्रभाव, निवेशकों की सोच और बाजार के बदलते माहौल जैसे विभिन्न अध्ययन से भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में कोविड-19 के प्रभाव को समझाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 की शुरुआत में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम था। हालांकि कोरोना महामारी के कारण मार्च से लेकर जून 2020 में हुए लॉकडाउन ने इसे खासा प्रभावित किया है।

निवेश में आई 50 पर्सेंट की कमी

लॉकडाउन के पहले की तुलना में लॉकडाउन अवधि के दौरान निवेश में 50 फीसदी की कमी आई और करीब 40 फीसदी स्टार्टअप में निगेटिव प्रभाव देखने को मिला। इसके अलावा 15 फीसदी स्टार्टअप को कोविड-19 के कारण अपना संचालन बंद करने में मजबूर होना पड़ा है। 75 फीसदी स्टार्टअप की हालत धीरे-धीरे ही सही पर स्थायी रूप से लॉकडाउन के बाद बेहतर हो रही है। करीब 30 फीसदी स्टार्टअप ने कमाई के दूसरे रास्ते खोजने के लिए नए बाजार का रुख किया है।

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