May 14, 2024 : 1:22 AM
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घाटी की मस्जिदों ने ‘सदके’ के पैसों से ऑक्सीजन मशीनें खरीदीं, जिन मरीजों के पास पैसे नहीं, उन्हें मुफ्त दे रहे हैं

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  • Together With The NGO, Bought More Than 200 Oxygen Machines And Medicines, Free Of Cost To Patients Who Have No Money.

श्रीनगर6 घंटे पहलेलेखक: सुहैल ए शाह

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कश्मीर की कुछ मस्जिदों ने अनोखी पहल की है। कोरोना के जिन मरीजों के पास पैसे नहीं है उन्हें मुफ्त में दवाइयां और ऑक्सीजन की मशीनें उपलब्ध करा रही हैं।

  • मस्जिद कमेटी के सदस्य फारूक अहमद कहते हैं,’ हम 50 रुपए प्रतिदिन किराए के हिसाब से यह मशीन जरूरतमंदों को देते हैं, जो लोग 50 रुपए भी नहीं दे सकते उन्हें हम फ्री में ही मशीन दे देते हैं
  • एक मशीन की कीमत करीब 60 हजार रु है, गाजी मस्जिद ने कुल 5 लाख रु खर्च किए हैं, इसके साथ ही नेबुलाइजर मशीन भी खरीदी हैं ताकि ठंड के मौसम में किसी को जरूरत हो, तो उसे मदद पहुंचाई जा सके
  • श्रीनगर के एक एनजीओ अथरौट ने 200 से ज्यादा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे हैं, जो महज 50 रु प्रतिदिन के किराए पर मरीजों को दे रहे हैं

80 साल के पीरजादा गुलाम अहमद दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबिहेड़ा इलाके में रहते हैं। अगस्त के महीने में अचानक उन्हें बुखार और सांस लेने में तकलीफ हुई तो अस्पताल ले जाया गया, वहां पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव हैं। एक घंटे में उनका ऑक्सीजन लेवल भी डाउन होने लगा, ऊपर से दिल के मरीज वे पहले से थे। ऐसे में अस्पताल में रखना उनके लिए और ज्यादा जोखिम वाला काम था। डॉक्टरों ने सलाह दी कि वे घर पर ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करें।

पीरजादा के बेटे, खुर्शीद पीरजादा कहते हैं, ‘हमने कई जगह किराए पर ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर ढूंढा, लेकिन नहीं मिला। इसके बाद आनन-फानन में 50 हजार रु का एक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदा। ऊपर वाले का शुक्र है कि मेरे अब्बा बच गए।’

पीरजादा ने तो ऑक्सीजन की व्यवस्था कर ली, लेकिन कश्मीर घाटी में सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें अस्पताल में बेड और वेंटिलेटर नहीं मिलता है, ऑक्सीजन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। कश्मीर के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएचएस में अभी सबसे ज्यादा मरीज न्यूमोनिया के आ रहे हैं और लगभग सभी को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि सभी के लिए अस्पताल में सुविधा नहीं है।

इस तरह की परेशानियों से निपटने के लिए कश्मीर में कुछ मस्जिद कमेटी वालों ने पहल की है। उन्होंने पैसे इकट्ठा कर और सदके के पैसों से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीद लिए हैं। यह मशीनें उन रोगियों को बहुत ही कम कीमत पर दी जाती है, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत होती है। गाजी मस्जिद कमेटी ने पिछले कुछ दिन में 7 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीद लिए हैं।

मस्जिद कमेटी के सदस्य फारूक अहमद कहते हैं,’ हम 50 रुपए प्रतिदिन किराए के हिसाब से यह मशीन जरूरतमंदों को देते हैं। जो लोग 50 रुपए भी नहीं दे सकते, उन्हें हम फ्री में ही मशीन दे देते हैं।’ वो बताते हैं कि ऐसा नहीं है कि ये कमेटियां अभी बनी हैं, इस तरह की कमेटियां सालों से काम कर रही हैं। हर महीने मस्जिद के पास रहने वाले लोग कुछ पैसे दान में देते हैं, उन्हीं पैसों से जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई जाती है। बच्चों के पढ़ाई का खर्च, दवाइयां जैसी जरूरतें इससे पूरी होती है। अभी कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा जरूरत इन मशीनों की है।

एक मशीन की कीमत करीब 60 हजार रु. है। गाजी मस्जिद ने कुल 5 लाख रु. खर्च किए हैं। इसके साथ ही नेबुलाइजर मशीन भी खरीदे हैं ताकि ठंड के मौसम में किसी को जरूरत हो तो उसे मदद पहुंचाई जा सके।

एसएमएचएस के डॉक्टर बताते हैं कि आजकल उनके पास जो मरीज आते हैं, उनकी हालत घंटों में खराब हो जाती है। किसी को सुबह में अस्पताल से घर भेज दिया तो शाम में उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। अगर इस तरह के मरीजों को घर में ही ऑक्सीजन की सुविधा मिल जाती है तो अस्पतालों पर बोझ कम होता ही है, साथ ही मरीज की हालत भी ठीक रहती है।

इसी तरह की पहल डाउन टाउन के खानयार इलाके की एक मस्जिद अबू-बकर ने भी की है। इस मस्जिद की तरफ से भी सात ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे गए हैं। मस्जिद के एक सदस्य शबीर अहमद ने बताया कि हम अपने मोहल्ले के साथ साथ दूर से आने वाले लोगों को भी यह मशीन देते हैं। कोई पैसा देता है तो किसी को हम मुफ्त में भी देते हैं। हमें खुशी है कि लोगों की जान बच रही है।

अब मस्जिदों के साथ ही कुछ एनजीओ वाले भी मदद के लिए आगे आए हैं। श्रीनगर में स्थित एक एनजीओ,अथरौट ने 200 से ज्यादा ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे हैं। अथरौट के अध्यक्ष बशीर नदवी ने बताया कि हम अमीर गरीब का फर्क किए बिना यह मशीन 50 रु प्रतिदिन के हिसाब से किराए पर देते हैं और हर रोज दूर- दूर से हमारे पास लोग आ रहे हैं। उनकी संस्था भी मस्जिद कमेटियों के साथ मिल कर काम कर रही है।

अभी कश्मीर में कुछ ही मस्जिदों ने ये मशीन खरीदी हैं, ऐसे में जिनके पास मशीन नहीं है, उन्हें एनजीओ मुहैया करा रहा है। हेल्प टुगेदर नाम के एक और एनजीओ ने भी 15 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे हैं। अभी तक कश्मीर घाटी में 45000 से ज्यादा लोग कोरोनावायरस की चपेट में आए हैं, करीब 830 लोगों की मौत हुई है।

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