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- Seven Political Parties Elected Liberal Leader Alexander De Crew As New PM, Currently He Is The Country’s Finance Minister
ब्रुसेल्स21 घंटे पहले
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बेल्जियम के लिबरल नेता एलेक्जेंडर डी क्रू को किंग फिलिप गुरुवार को देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे।- फाइल फोटो
- 21 महीने पहले पूर्व पीएम चार्ल्स मिशेल की सरकार गिरने के बाद से ही बेल्जियम में प्रधानमंत्री पद खाली है
- बेल्जियम में 16 महीने पहले चुनाव हुए थे, लेकिन इसमें भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिली थी, यहां अल्पमत गठबंधन वाली सरकार काम कर रही थी
बेल्जियम में 493 दिन बाद बुधवार को देश के अगले प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान किया गया। लिबरल नेता एलेक्जेंडर डी क्रू देश के अगले पीएम होंगे। वे सात पार्टियों के गठबंधन से बनने वाली सरकार की अगुआई करेंगे। नए गठबंधन में दो सोशलिस्ट पार्टी, दो लिबरल, दो ग्रीन और फ्रेंच बोलने वालों और फ्लेमिश बोलने वालों की अगुआई करने वाली एक-एक पार्टी शामिल होगी। 44 साल के डी क्रू फिलहाल बेल्जियम के वित्त मंत्री के तौर पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें बेल्जियम के राजा गुरुवार को पद की शपथ दिलाएंगे।
21 महीने पहले पूर्व पीएम चार्ल्स मिशेल की सरकार गिरने के बाद से ही बेल्जियम में प्रधानमंत्री पद खाली है।16 महीने पहले चुनाव भी हुए थे लेकिन, चुनाव में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला सका था। इसके बाद सोफी विलम्स को कार्यकारी प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था।
संसद में संतुलन बनाने की कोशिश
देश की सात पार्टियों ने बुधवार सुबह प्रधानमंत्री चुनने और सरकार बनाने के बारे में चर्चा करने के लिए बैठक की। इसके बाद इन पार्टियों के नेताओं ने किंग फिलिप से मुलाकात की। नेताओं ने किंग फिलिप से सरकार बनाने और मंत्रीमंडल गठन पर बनी सहमति के बारे में चर्चा की। एक फ्लेमिश (फ्लेंडर भाषा बोलने वाले) नेता को प्रधानमंत्री के तौर पर चुनने के बाद पार्टियों को संसद में संतुलन बनाने की उम्मीद है। फ्रेंच बोलने वाले नेता सत्ता पक्ष में और डच नेता विपक्ष में होंगे।
2010 से 2011 के बीच बेल्जियम में सरकार नहीं रही थी
मई 2019 में हुए चुनाव के बाद से ही बेल्जियम में एक कार्यवाहक सरकार काम कर रही थी। पिछले छह महीने से अल्पमत गठबंधन कामकाज देख रहा था। इस गठबंधन को विपक्ष का समर्थन हासिल था। बेल्जियम में राजनीतिक अस्थिरता का पुराना इतिहास रहा है। इससे पहले 2010 से 2011 के बीच भी देश में 541 दिनों तक कोई सरकार नहीं थी।