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- Govt Extends Suspension Of Fresh Proceedings Under Insolvency Law For 3 Months
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2020 तक 2,108 कॉरपोरेट इंसोल्वेंसी मामले विभिन्न ट्रिब्यूनलों में लंबित हैं।
- कोरोना महामारी के कारण सरकार ने 6 महीने के लिए रोक लगाई थी
- अब 25 दिसंबर 2020 तक नई बैंकरप्सी फाइल नहीं हो पाएगी
कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही कंपनियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नई बैंकरप्सी पर लगी रोक की अवधि को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब 25 दिसंबर 2020 तक कंपनियों के खिलाफ नई बैंकरप्सी फाइल नहीं की जा सकेगी।
जून में अध्यादेश लाई थी सरकार
नई इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी प्रक्रिया पर रोक लगाने के संबंध में सरकार जून में एक अध्यादेश लेकर आई थी। यह अध्यादेश 25 मार्च से लागू माना गया था। इसी दिन देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। इस अध्यादेश को कानूनी रूप देने के लिए आईबीसी में बदलाव किया है। इन बदलावों को शुक्रवार को संसद ने मंजूरी दे दी है।
In exercise of the powers conferred by section 10A of the Insolvency and Bankruptcy Code, 2016, the Central Government has extended the suspension of sections 7,9, 10 of the IBC for a further period of three months. pic.twitter.com/ZFkpABGWd9
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) September 24, 2020
वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिलेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि इस कदम से कंपनियों को वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिलेगी। ट्वीट में कहा गया है कि सरकार ने कारोबारों की रक्षा का वादा किया था। इसी के तहत इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के सेक्शन 7, 9 और 10 पर लगी रोक को बढ़ाया गया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सीतारमण के पास है।
ज्यादा कंपनियों के खिलाफ प्रक्रिया चलेगी, तो उनके लिए खरीदार खोजना मुश्किल हो जाएगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था कि बैंकरप्सी कानून का मकसद कंपनियों को कारोबार में बनाए रखना है, उसे बंद करना नहीं है। कोरोनावायरस के कारण कंपनियों पर बहुत बुरा असर हुआ है। ऐसे में यदि ज्यादा कंपनियों के खिलाफ बैंकरप्सी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, तो उनके लिए खरीदार खोजना मुश्किल हो जाएगा।
जून 2020 तक 2,108 कॉरपोरेट इंसोल्वेंसी मामले लंबित थे
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2020 तक 2,108 कॉरपोरेट इंसोल्वेंसी मामले विभिन्न ट्रिब्यूनलों में लंबित हैं। इनमें से 1,094 मामलों ने रेजोल्यूशन के लिए तय की गई 270 दिनों की समय सीमा पार कर ली है।
लोन देने से कतरा सकते हैं बैंक
आशंका जताई जा रही है कि बैंकरप्सी फाइलिंग पर रोक की अवधि बढ़ाने से बैंक कारोबारियों को लोन देने से कतरा सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही 2018 में शुरू हुए एनबीएफसी संकट से जूझ रही है। जबकि आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए कारोबारियों को निरंतर लोन उपलब्ध कराना जरूरी है।
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