May 10, 2024 : 4:01 PM
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70 मरीजों को जूनियर डॉक्टरों के हवाले छोड़ा, सीनियर डॉक्टर कर रहे खानापूर्ति

सागरएक घंटा पहले

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सीनियर डॉक्टरों की लापरवाही से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों की जमकर फजीहत हो रही है। यहां सारी के 4 वार्डों में भर्ती करीब 70 से ज्यादा मरीज जूनियर डॉक्टरों के भरोसे हैं। मरीजों को अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

नगर निगम के नलों में 1 दिन के अंतराल से आने वाले पानी की तरह सीनियर डॉक्टर कुछ समय के लिए वार्ड में पहुंचते हैं और खानापूर्ति कर चले जाते हैं। सिर्फ जूनियर डॉक्टर मरीजों की नियमित देखभाल कर रहे हैं। मरीजों की स्थिति की जानकारी वे वाट्सएप पर सीनियर डॉक्टरों को भेजते हैं।इसके आधार पर सीनियर डॉक्टर मरीज का डायग्नोसिस बनाकर उन्हें भेज देते हैं। सारी वार्ड में भर्ती सामान्य और गंभीर मरीजों की तीमारदारी इस तरह की जा रही है। यहां तेजी से बढ़ रही कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की मौतों का एक कारण यह भी हो सकता है।

अस्पताल में चल रहे इलाज की हकीकत मरीजों की जुबानी
सीनियर डॉक्टरों की लापरवाही से बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती मरीजों की जमकर फजीहत हो रही है। यहां सारी के 4 वार्डों में भर्ती करीब 70 से ज्यादा मरीज जूनियर डॉक्टरों के भरोसे हैं। मरीजों को अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

नगर निगम के नलों में 1 दिन के अंतराल से आने वाले पानी की तरह सीनियर डॉक्टर कुछ समय के लिए वार्ड में पहुंचते हैं और खानापूर्ति कर चले जाते हैं। सिर्फ जूनियर डॉक्टर मरीजों की नियमित देखभाल कर रहे हैं। मरीजों की स्थिति की जानकारी वे वाट्सएप पर सीनियर डॉक्टरों को भेजते हैं। इसके आधार पर सीनियर डॉक्टर मरीज का

डायग्नोसिस बनाकर उन्हें भेज देते हैं। सारी वार्ड में भर्ती सामान्य और गंभीर मरीजों की तीमारदारी इस तरह की जा रही है। यहां तेजी से बढ़ रही कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की मौतों का एक कारण यह भी हो सकता है। वार्ड नंबर 3 में भर्ती मोती नगर निवासी नीलेश जैन बताते हैं कि बाकी सारी व्यवस्थाएं तो ठीक है। सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा इलाज भी ठीक-ठाक चल रहा है। रविवार के दिन डॉक्टर मरीजों को देखने नहीं आते। गरम पानी भी नहीं मिल रहा है। वार्ड में नियमित सफाई हो रही है। लेकिन भर्ती मरीज ही गंदगी फैला रहे हैं।

वार्ड नंबर 7 में भर्ती गुजराती बाजार निवासी संदीप जैन बताते हैं दिन में दो मर्तबा सफाई कर्मचारी वार्ड में सफाई करते हैं, लेकिन डस्टबिन रखे होने के बावजूद चाय के कप और भोजन की थाली वार्ड में भर्ती मरीज जमीन पर फेंक देते हैं। इससे गंदगी फैल जाती है। मरीजों को देखने के लिए छोटे डॉक्टर (जूनियर) तो नियमित आते हैं

शिकायत सही है आज ही मैंने डॉक्टर बदले हैं

डाॅ जीएस पटेल से बातचीत

सीनियर डॉक्टर सारी वार्ड में नियमित राउंड क्यों नहीं ले रहे हैं?
जवाब : मरीजों की शिकायत सही है। इस बारे में मुझे भी पता चला था। मैंने आज से ही रोस्टर बदल दिया है। साथ ही सारी वार्ड के डॉक्टरों को हटाकर आईसीयू और एचडीयू में भेजा है। वहां के डॉक्टरों की ड्यूटी सारी वार्ड में लगाई है। वाट्सएप पर काम नहीं चलेगा।
रविवार को कोई डॉक्टर राउंड लेने क्यों नहीं जाता?
जवाब : इस बारे में मुझे अभी तक जानकारी नहीं थी। यदि मरीज ऐसी शिकायत कर रहे हैं तो यह बहुत गंभीर बात है। मैं इसे तुरंत दिखवाता हूं।

सारी वार्ड में संदिग्ध मरीजों की मौतें बढ़ने का कहीं यही कारण तो नहीं?
जवाब : नहीं ऐसा नहीं है। सारी वार्ड में जो मौतें हो रही हैं। उसकी मूल वजह मरीजों का लेट अस्पताल पहुंचना है। इस बारे में मैंने जांच कराकर रिपोर्ट भी देखी है। अधिकांश मामलों में मरीज उस स्टेज पर अस्पताल पहुंचा है, जब उसकी हालत बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच चुकी थी। संदिग्ध मरीजों की बढ़ती मौतों पर रोक लगाने के लिए अलग से एक आईसीयू वार्ड बनाया गया है। यह सारी आईसीयू के बाजू में ही होगा। जिन मरीजों की नेगेटिव रिपोर्ट आएगी। उन्हें इस वार्ड में रखा जाएगा, ताकि वह अन्य संदिग्ध मरीजों से संक्रमित नहीं हों।

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