सीहोर2 घंटे पहले
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- यूजी-पीजी के सभी पेपर अपलोड, 15-16 सितंबर तक जमा करना होंगी उत्तर-पुस्तिकाएं
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की यूजी की फाइनल परीक्षा गुरुवार सुबह से शुरू हो गई। सुबह 9 से 10 बजे तक यूनिवर्सिटी ने वेबसाइट पर सारे पेपर अपलोड कर दिए। बीकॉम, बीए और बीएससी के सभी पेपर अपलोड किए गए हैं। संभवत: ऐसा पहली बार है कि छात्रों ने घर बैठकर खुद की बनाई कॉपी पर परीक्षा दी। फाइनल ईयर के छात्रों को 15 व 16 सितंबर तक पहले अपने ही कॉलेज या समीप के कलेक्शन सेंटरों पर उत्तर-पुस्तिकाएं जमा करना हैं। ओपन बुक सिस्टम से हो रही परीक्षा से विद्यार्थी भी खुश नहीं हैं। उन्हें पता है कि इस परीक्षा में सभी को एक जैसे नंबर मिलना है, ऐसे में मेहनत करने वाले पीछे रह जाएंगे।
वहीं दूसरी तरह भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने इसे विद्यार्थियों के साथ छलावा बताया। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि यूनिवर्सिटी सभी विद्यार्थियों से परीक्षा फीस तो पहले ही जमा करवा चुकी है। अब फिर से प्रत्येक विद्यार्थी को परीक्षा में करीब 200 रुपए खर्च करना पड़ेंगे। जिलेभर में करीब 18 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं इस परीक्षा में शामिल होंगे। इससे जिले भर के विद्यार्थियों को प्रिंट और कॉपी पर करीब 36 लाख रुपए खर्च करेंगे होंगे। परीक्षा में शामिल हुए अखलेश बड़ोदिया का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की बहुत समस्या है। ऐसे में बार-बार कियोस्क के चक्कर लगाना पड़ते हैं।
वहीं योगेंद्र सिंह ने भी इसे मजाक बताया है कि जब किताब में देखकर ही उत्तर-लिखना है तो जो विद्यार्थी पूरे साल पढ़ाई करते हैं उनमें और कमजोर विद्यार्थियों के रिजल्ट में कोई अंतर ही नहीं रहेगा।
परीक्षा के बाद कॉपियां जमा करने में भी करना होगी छात्रों को मशक्कत
जिले में परीक्षा के बाद उत्तर-पुस्तिकाएं जमा करवाने के लिए 42 संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। ये संग्रहण केंद्र तहसील स्तर या बड़ी जगहों पर ही बनाए गए हैं। ऐसे में छोटे गांव के विद्यार्थियों को परीक्षा के बाद उत्तर-पुस्तिकाएं जमा करने के लिए विद्यार्थियों को मशक्कत करना होगी। जबकि यूनिवर्सिटी को चाहिए था कि छोटी-जगह पर भर संग्रहण केंद्र बनाए जाना थे। जो 42 संग्रहण केंद्र बनाए गए हैं। इसमें से 7 केंद्र तो सीहोर जिला मुख्यालय पर ही हैं।
ग्रुप में बैठकर हल किए पेपर
ओपन बुक सिस्टम से पहली बार जिले में कॉलेज की परीक्षा हुई। ऐसा पहली बार हुआ है जब विद्यार्थियों ने वेबसाइट से पेपर डाउनलोड किए हैं। अब उन्हें इन पेपर को घर पर बैठकर खिताब देखकर हल करना होगा। गुरुवार को सुबह जैसे ही पेपर अपलोड हुए विद्यार्थियों ने पेपर डाउनलोड कर उन्हें हल करना शुरू कर दिया। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थियों ने पेपर डाउनलोड करके समूह बनाकर पेपर हल किया।
नया आदेश: फाउंडेशन कोर्स की अलग-अलग बनाना होंगी उत्तर-पुस्तिकाएं
शास. चंद्रशेखर आजाद नोडल पीजी कॉलेज के परीक्षा प्रभारी डॉ. अनिल राजपूत ने बताया कि विद्यार्थियों को सभी विषय जिनके 2 या 3 पेपर होते हैं उनकी एक-एक उत्तर पुस्तिका ही बनाना थी। गुरुवार को ही यूनिवर्सिटी ने नए निर्देश देते हुए कहा कि फाउंडेशन कोर्स के सभी विषय की अलग-अलग उत्तर-पुस्तिका विद्यार्थियों को बनाकर जमा करना होंगी। संग्रहण केंद्रों पर 15 सितंबर से उत्तर-पुस्तिका जमा होंगी। 16 सितंबर तक विद्यार्थी को उत्तर-पुस्तिका जमा कराना जरूरी होगा।
खर्च का गणित
ऑनलाइन अपलोड हुए पेपर का प्रिंट निकालने के लिए विद्यार्थियों को प्रत्येक प्रिंट का करीब 20 रुपए के हिसाब से भुगतान करना पड़ रहा है। प्रत्येक परीक्षार्थी के करीब 4 से 5 पेपर होना है, ऐसे में उन्हें पेपर डाउनलोड करके प्रिंट निकालने में ही 100 रुपए खर्च करना पड़ रहे हैं।
यही नहीं पेपर हल करने के लिए उत्तर-पुस्तिकाएं भी स्टेशनरी से खरीदना पड़ रही हैं। प्रत्येक परीक्षार्थी को फाउंडेशन कोर्स की 3 और अन्य विषय की एक-एक उत्तर-पुस्तिका जमा करना होगी। प्रत्येक उत्तर-पुस्तिका 16 पेज की है, ऐसे में यह भी बाजार में 20 से 25 रुपए में मिल रही हैं। इस तरह 200 रुपए से अधिक प्रत्येक विद्यार्थी को परीक्षा देने में खर्च करना पड़ रहा है। इस तरह से अगर जोड़ जाए तो जिलेभर में 18000 कुल विद्यार्थी हैं। इस हिसाब से जिले से कुल 36 लाख रुपए इन पर खर्च होंगे।
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