सीहोर2 घंटे पहले
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- सीहोर ब्लाॅक में इल्ली और तना मक्खी के प्रकोप से फसल खराब हो गई थी
जिले में कीट, व्याधि रोग सहित बाढ़ से प्रभावित फसल ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। कर्ज में डूबे किसानों को इस खरीफ सीजन से किसानों को कुछ नहीं मिलेगा। इधर सर्वे के कार्य बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है। ऐसे में किसान अब रबी सीजन की बोवनी की तैयारी के लिए बांझ खड़ी सूखी फसल को काटने में जुटे हुए हैं। ऐसे में सर्वे के कार्य में कटी हुई फसल होने पर परेशानी हो सकती है।
जिले में सोयाबीन, धान, ज्वार, मक्का सहित अन्य फसलों की बोवनी करीब 3 लाख 85 हजार 50 हेक्टेयर में बोवनी की गई थी। प्राथमिक आंकलन में करीब 2 लाख 35 हजार 570 हेक्टेयर की फसल, कीट, व्याधि रोग व बाढ़ से प्रभावित हुई है। इसके नुकसान की भरपाई के लिए बीमा क्लेम दिलाने शासन ने खराब व बर्बाद फसलों के सर्वे के निर्देश जारी किए हैं। फसलों के सर्वे का काम भी शुरू हो गया है लेकिन इसकी रफ्तार धीमी होने के कारण अब किसान इंतजार नहीं कर रहे हैं। किसानों ने फसलों की कटाई का काम शुरू कर दिया है।
खेतों की सफाई कर रहे किसान : बांझ खड़ी फसल को काटकर किसान खेतों की सफाई करने में जुटे हुए हैं। ताकि रबी सीजन की बोवनी समय पर कर सकें। अभी हालत यह है कि किसान खेत से एक भी दाना घर तक लाने की स्थिति में नहीं है। ऐसी स्थिति में किसान फसल की कटाई कर कचरे को जलाने के काम में जुटा हुआ है।
सर्वे का कार्य जारी है
प्रभावित फसलों के सर्वे का काम राजस्व विभाग की टीम कर रही है। कृषि विभाग के प्राथमिक आंकलन में 60 से 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। अभी सर्वे का कार्य चल रहा है।
-एसएस राजपूत, उप संचालक कृषि
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