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ईशा अंबानी को स्लो इंटरनेट ने परेशान किया, तो उन्होंने पिता मुकेश को दिया जियो का आइडिया; 4 साल में इसने ही रिलायंस को कर्ज मुक्त कराया

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  • Mukesh Ambani Reliance Jio 4 Year Journey | Know How Did Reliance Jio Changed The Telecom Industry? All You Need To Know Reliance Jio – 4G Internet RI History In Timeline

नई दिल्ली3 घंटे पहले

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  • 5 सितंबर 2016 को लॉन्च हुई थी जियो, सिर्फ 83 दिन में 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स आ गए थे, एक साल में 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स थे
  • जियो जब लॉन्च हुई, तब टेलीकॉम मार्केट में 12 कंपनियां हुआ करती थीं, अब सिर्फ 5 बचीं, उनमें भी बीएसएनएल और एमटीएनएल सरकारी

तारीख थी 5 सितंबर 2016। मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को देश के आम यूजर्स के लिए लॉन्च कर दिया था। वो भी बिल्कुल फ्री। 4जी डेटा और वॉयस कॉलिंग के साथ। मुकेश अंबानी की इस घोषणा के बाद उस समय देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल के शेयर 8.5% लुढ़क गए। दूसरी बड़ी कंपनी आइडिया की मार्केट वैल्यू 7% कम हो गई। यहां तक कि रिलायंस के शेयर में भी 3% की गिरावट आ गई।

मुकेश अंबानी ने जियो की लॉन्चिंग के साथ ही टेलीकॉम मार्केट में प्राइस वॉर छेड़ दिया। रिलायंस के मुताबिक, उस समय 1 जीबी डेटा की कीमत 200 रुपए तक थी, लेकिन आज 5 रुपए हो गई है।

मुकेश अंबानी, पत्नी नीता, बेटी ईशा, बेटे अनंत और आकाश के साथ।

मुकेश अंबानी, पत्नी नीता, बेटी ईशा, बेटे अनंत और आकाश के साथ।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस रिलायंस जियो ने टेलीकॉम इंडस्ट्री को इतना बदल कर रख दिया, उसका आइडिया मुकेश अंबानी को कैसे आया? 4 साल में जियो कैसे बढ़ी? टेलीकॉम इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ा? ऐसे कई सवालों के जवाब इस स्टोरी में समझने की कोशिश करते हैं…

बेटी ईशा और बेटे आकाश ने दिया जियो का आइडिया
मार्च 2018 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक प्रोग्राम में मुकेश अंबानी ने जियो का आइडिया कैसे आया? इस बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि जियो का आइडिया उन्हें अपनी बेटी ईशा से आया था।

उन्होंने एक किस्सा सुनाया था, ‘जियो का आइडिया पहली बार मेरी बेटी ईशा ने मुझे दिया था। वो 2011 में अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती थी और छुट्टियों में कुछ दिन के लिए घर आई थी। उसे यूनिवर्सिटी में कुछ कोर्स वर्क सबमिट करना था। उसने मुझसे कहा- पापा, हमारे घर का इंटरनेट कितना बेकार है।’

अंबानी ने उस समय ये भी बताया था कि उनके बेटे आकाश ने भी उनसे कहा था कि पहले लोगों के लिए टेलीकॉम का मतलब सिर्फ वॉयस कॉलिंग होता था, लेकिन अब सब डिजिटल हो गया है। इसमें बातों के अलावा बहुत सारे काम इंटरनेट के जरिए ही किए जा सकते हैं।

बेटी की परेशानी और बेटे के सुझाव के बाद ही उनके दिमाग में टेलीकॉम सेक्टर में वापसी की बात आई और जियो शुरू करने का आइडिया आया।

फिर हुई जियो की शुरुआत
जियो की शुरुआत भले ही सितंबर 2016 में हुई हो और ईशा को परेशानी 2011 में हुई हो, लेकिन शायद उससे पहले ही मुकेश अंबानी टेलीकॉम में आने का मूड बना चुके थे। ऐसा इसलिए क्योंकि 2010 में ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आईबीएसएल की 95% हिस्सेदारी खरीद ली थी। बाद में इसी का नाम ‘रिलायंस जियो’ पड़ा।

5 सितंबर 2016 को मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो लॉन्च कर दी। शुरुआत में कंपनी ने 6 महीने तक 4जी डेटा और वॉइस कॉलिंग फ्री रखी। इसका नतीजा ये हुआ कि रिलायंस जियो तेजी से बढ़ने लगी।

रिलायंस के मुताबिक, जियो की लॉन्चिंग के 83 दिन के अंदर ही कंपनी के 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हो गए थे। दिसंबर 2016 तक कंपनी के पास 7 करोड़ से ज्यादा यूजर्स आ गए थे। जबकि, लॉन्चिंग के एक साल में ही सितंबर 2017 तक जियो के 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हो गए थे।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2020 तक कंपनी के पास 39.8 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। महज 4 साल के अंदर जियो देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है।

जब जियो आई, तब देश में 12 टेलीकॉम कंपनियां थीं, अब 5 ही बचीं
सितंबर 2016 में जब रिलायंस जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में कदम रखा, तब भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुआ करती थी। उस समय एयरटेल के पास 26 करोड़ के आसपास यूजर्स थे। लेकिन, अब एयरटेल दूसरे नंबर की कंपनी बन गई है और अभी उसके पास 32 करोड़ के आसपास यूजर्स हैं।

जियो की एंट्री के बाद टेलीकॉम सेक्टर में कितना असर पड़ा है, इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि जियो के आने से पहले तक देश में 12 टेलीकॉम कंपनियां थीं, लेकिन अब सिर्फ 5 कंपनियां ही बची हैं। इनमें भी दो बीएसएनएल और एमटीएनएल सरकारी हैं।

सितंबर 2016 तक जियो का मार्केट शेयर 1.5% था, जो मई 2020 तक बढ़कर 34% से ज्यादा हो गया है। जियो के आने के बाद सिर्फ वोडाफोन और आइडिया में ही मर्जर नहीं हुआ है, बल्कि दूसरी छोटी कंपनियां भी बड़ी कंपनियों में मर्ज हो गईं या फिर बंद हो गईं।

रिलायंस जियो के टेलीकॉम में आने का सबसे बड़ा नुकसान मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन को हुआ। जब जियो आई थी, तब रिलायंस कम्युनिकेशन के पास 8.71 करोड़ से ज्यादा यूजर्स थे और उसका मार्केट शेयर 8.30% के आसपास था। लेकिन, अब रिलायंस कम्युनिकेशन के पास 18 हजार से भी कम यूजर्स हैं और मार्केट शेयर तो 0.002% हो गया है।

जियो से रिलायंस इंडस्ट्रीज और मुकेश अंबानी को कितना फायदा?
1. रेवेन्यू : जियो आने से रिलायंस का रेवेन्यू बढ़ा

  • 2019-20 के एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज को 6.59 लाख करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था, इसमें से 68 हजार 462 करोड़ रुपए यानी 10% से ज्यादा जियो से आया था।
  • वहीं, जून तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू मिला, जिसमें से 16% से ज्यादा रेवेन्यू जियो से आया था। इस तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज को जियो से 16 हजार 557 करोड़ रुपए का रेवेन्यू आया था।

2. कर्ज मुक्त : चार साल में रिलायंस कर्ज से मुक्त हुई

  • 31 मार्च 2020 तक रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। लेकिन, जियो में आए इन्वेस्टमेंट ने कंपनी को तय समय से पहले ही कर्ज मुक्त कर दिया। मुकेश अंबानी ने मार्च 2021 तक खुद को कर्ज मुक्त करने का ऐलान किया था, लेकिन 18 जून 2020 को ही कंपनी ने खुद को कर्ज मुक्त घोषित कर दिया।
  • इसी साल अप्रैल में जियो में फेसबुक ने 1.17 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्ट किया और 9.9% की हिस्सेदारी खरीद ली। अगले 58 दिन में कंपनी ने 11 इन्वेस्टर्स को जियो प्लेटफॉर्म्स के 24.70% स्टेक बेचकर 1.15 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट जुटाया।
  • इसी दौरान 20 मई से 3 जून के बीच आरआईएल के राइट्स इश्यू से 53 हजार 124 करोड़ रुपए की रकम जुटाई। इस तरह से कंपनी कुल 1,68,818.15 करोड़ जुटाकर 18 जून को कर्ज मुक्त हो गई।

3. नेटवर्थ : मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 4 गुना बढ़ी

  • फोर्ब्स के मुताबिक, जियो की लॉन्चिंग से पहले मार्च 2016 में मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 19.3 अरब डॉलर थी। उस समय अंबानी दुनिया के 36वें सबसे अमीर शख्स थे। वहीं, फोर्ब्स की रियल टाइम नेटवर्थ के मुताबिक, 4 सितंबर को अंबानी की नेटवर्थ 80 अरब डॉलर (5.92 लाख करोड़ रुपए) है और वो दुनिया के 7वें सबसे अमीर हैं।
  • यानी, जियो के आने के बाद अंबानी की नेटवर्थ 4 गुना तक बढ़ गई। जियो की लॉन्चिंग से लेकर अब तक मुकेश अंबानी की नेटवर्थ 60 अरब डॉलर यानी 4.44 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है।
  • हालांकि, फोर्ब्स के मुताबिक, जियो के अलावा अंबानी की नेटवर्थ के इजाफे की वजह रिलायंस इंडस्ट्रीज का तेल और गैस से जुड़ा कारोबार भी है। इन दोनों सेक्टर से कंपनी को 88 अरब डॉलर (करीब 6.50 लाख करोड़ रुपए) का सालाना रेवेन्यू मिलता है।

ये खबरें भी आप पढ़ सकते हैंः
#1. अमीरों के पास कितनी दौलत?:मुकेश अंबानी की नेटवर्थ देश के 9 छोटे राज्यों की जीडीपी के बराबर; दुनिया के टॉप-3 अरबपतियों की संपत्ति भारत के बजट से भी ज्यादा
#2. 200 अरब डॉलर की नेटवर्थ वाले बेजोस:21 साल पहले बिल गेट्स के मुकाबले 12% भी नहीं थी जेफ बेजोस की नेटवर्थ, आज उनसे 77% ज्यादा; 22 साल से एक रुपए भी नहीं बढ़ाई अपनी सैलरी
#3. एपल 2 ट्रिलियन डॉलर की कंपनी:एपल के रेवेन्यू में आईफोन का हिस्सा 50% से भी कम, लेकिन कमाई के रास्ते और भी हैं; जानें दुनिया की 5 बड़ी कंपनियां कैसे कमाती हैं

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