लखनऊ40 मिनट पहले
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पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को जमानत मिल गई है। हाईकोर्ट ने तीन महीने की राहत दी है।
- सामूहिक दुष्कर्म के मामले में लखनऊ जेल में कैद हैं पूर्व मंत्री प्रजापति
- 5 लाख रुपए के पर्सनल बॉन्ड तथा दो लोगों की जमानत देनी होगी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को अंतरिम जमानत दी है। अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे प्रजापति सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद हैं। कोर्ट ने पांच लाख रुपया के पर्सनल बॉन्ड तथा दो जमानतदारों की शर्त के साथ जमानत दी है।
गायत्री प्रसाद प्रजापति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपनी अंतरिम बेल की अर्जी डाली थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद दो महीने की अंतरिम जमानत की मंजूरी दी है। कोर्ट की शर्त है कि वह अंतरिम जमानत के दौरान देश छोड़कर बाहर नहीं जाएंगे।
3 साल 5 महीना 20 दिन बाद मिली गायत्री को जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के जस्टिस वेद प्रकाश वैश्य ने जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए 2 महीने की अंतरिम बेल मंजूर की है। 2 महीने बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को सरेंडर करना पड़ेगा। गायत्री को 3 साल में पहली बार जमानत मिली है। इस अंतरिम जमानत के लिए गायत्री को 3 साल 5 महीना 20 दिन का इंतजार करना पड़ा। बता दें कि गायत्री ने 15 मार्च 2017 को सरेंडर किया था।
मेडिकल ग्राउंड पर मिली है जमानत
गायत्री को मेडिकल ग्राउंड पर बेल की मंजूरी मिली है। गायत्री ने अपनी एप्लिकेशन में हार्ट, इंफेक्शन इत्यादि की दिक्कत बताई थी। यह बेल लखनऊ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज रेप के मुकदमे में मिली है। बताते चलें कि गायत्री प्रसाद प्रजापति इस समय अपना इलाज पीजीआई में करा रहे हैं। वहीं कोर्ट ने साफ कहा है कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान गायत्री द्वारा किसी भी तरह से पीड़ित परिवार को न डराया जाएगा न ही धमकाया जाएगा साथ ही किसी भी तरह से उन्हें प्रभवित नही किया जाएगा।
2017 में प्रजापति के खिलाफ दर्ज हुआ था सामूहिक दुष्कर्म का केस
अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के खिलाफ 2017 में सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। केस में तीन जून, 2017 को गायत्री के अलावा छह अन्य पर चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसके बाद 18 जुलाई, 2017 को लखनऊ की पॉक्सो स्पेशल कोर्ट ने सातों आरोपियों पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था।
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