नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपित को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अमरपाटन अरविंद कुमार शर्मा की अदालत ने 28 जनवरी को बीस साल के कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त को अर्थदंड से भी दंडित किया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक उमेश कुमार शर्मा ने पैरवी की।
यह मामला जिले के सनसनीखेज मामलों की सूची में था। अभियोजन के अनुसार 30 जून 2020 को पीड़िता की मां द्वारा अपने पति एवं पीड़िता के साथ थाना रामनगर में उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई गई थी कि 29 जून 2020 को सुबह दस बजे खेत गई थी, तब घर में उसकी ननद, उसकी लड़कियां, पीड़िता एवं उसकी बहन तथा भाई थे। शाम चार बजे वह खेत से वापस घर आई तब उसकी ननद ने बताई कि उसकी लड़की आज आरोपित को गाली दे रही थी तब उसने अपनी लड़की से पूछा कि गाली क्यों दे रही थीं। आरोपित नाना हैं तब वह रो-रो कर कहने लगी कि जब तुम घर पर नहीं थी तभी आरोपित आए और उसके भाई को भगा दिए थे।
इसके बाद गैलरी का दरवाजा बंद कर लिए थे और उसे जमीन में लेटाकर गलत काम किया। वह चिल्लाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन आरोपित उसका मुंह दबाया था तो आवाज नहीं निकल रही थी। पीड़िता ने बताया कि आरोपित उठकर जाते समय बोल रहा था कि यह बात अगर किसी से बताई तो पूरे परिवार को जान से खत्म कर दूंगा। इस मामले में दुष्कर्म सहित पास्को एक्ट के तहत रामनगर थाने में शिकायत दर्ज की गई थी जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह अहम फैसला सुनाया है।