May 10, 2024 : 2:15 PM
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मोदी से ‘पबजी वाले’ नाराज; लेकिन आप जान लीजिए इस पबजी के बारे में वह सब कुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है

3 घंटे पहलेलेखक: रवींद्र भजनी

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  • गेमर्स को झटका; उन्हें अब भी उम्मीद है कि चीनी कंपनी से 10% हिस्सेदारी खरीदकर मार्केट में लौटेगा पबजी
  • पर्सनल कंप्यूटर पर नहीं थमेगा पबजी, सिर्फ पबजी मोबाइल बनाने में रहा है चीनी कंपनी टेनसेंट का योगदान

आपको याद होगा, पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब “परीक्षा पे चर्चा” कर रहे थे तो एक महिला ने अपने नवीं में पढ़ने वाले बेटे की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा पहले अच्छा पढ़ता था। लेकिन पिछले कुछ दिन से ऑनलाइन गेम्स पर ज्यादा वक्त देता है। इस पर मोदी ने तुरंत कहा था, “पबजी वाला है क्या?”

यहीं, पबजी वालों को अब मोदी सरकार से नाराजी है। उनका लोकप्रिय गेम पबजी 118 प्रतिबंधित ऐप्स की सूची में आ गया है। इधर बैन की घोषणा हुई और उधर यह मैसेज वायरल हो गया कि पबजी में चीनी कंपनी टेनसेंट की हिस्सेदारी सिर्फ 10% है। पबजी वह 10% हिस्सेदारी बेच देगा और एक हफ्ते में लौट आएगा। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि आप इस लोकप्रिय गेम के बारे में जाने, जिसने भारतीयों को इस कदर दीवाना बना रखा था।

सबसे पहले, यह पबजी आखिर है क्या?

  • पबजी असल में प्लेयर्स अननोन्स बैटलग्राउंड्स (Player Unknown’s Battlegrounds) है। यह जापानी थ्रिलर फिल्म बैटल रोयाल से प्रभावित है, जिसमें सरकार छात्रों के एक ग्रुप को खतरनाक मिशन पर भेज देती है।
  • पबजी में करीब 100 खिलाड़ी एक साथ किसी टापू पर पैराशूट से छलांग लगाते हैं। हथियार खोजते हैं। एक-दूसरे को मारते रहते हैं। और जो जीत जाता है, उसे कथित तौर पर “चिकन डिनर” मिलता है।
  • इस वीडियो गेम को दक्षिण कोरियाई कंपनी ब्लूहोल के लिए ब्रेंडन ग्रीन ने 2017 में बनाया था। जब यह गेम चीन पहुंचा तो ब्लूहोल ने टेनसेंट को पार्टनर बनाया। उसने ही 2018 में पबजी का मोबाइल वर्जन बनाया है।
  • चीनी मार्केट में यह गेम इंस्टेंट हिट रहा। लेकिन, चीन सरकार से शुरुआत में मंजूरी नहीं मिलने से पैसा नहीं बना सका। दूसरी ओर, चीन सरकार ने कहा कि इस गेम की लत युवा पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। पिछले साल नए नाम से लॉन्च हुआ।
  • पबजी के दुनियाभर में 50 करोड़ डाउनलोड्स हुए हैं। 5 करोड़ डेली एक्टिव यूजर हैं, जो रोज ही यह गेम खेलते हैं। माइनक्राफ्ट, फोर्टनाइट, काउंटर-स्ट्राइक, वर्ल्ड ऑफ वारक्राफ्ट और क्लैश ऑफ क्लैन्स है भी लोकप्रिय गेम्स हैं, लेकिन पबजी जैसा कोई और नहीं है।

भारत क्यों खास है पबजी के लिए?

  • भारत में गूगल का प्ले स्टोर हो या एपल ऐप स्टोर, पबजी हमेशा से मोस्ट डाउनलोडेड गेम्स की लिस्ट में टॉप करता आया है। एक तरह से यह इस लिस्ट का स्थायी फीचर ही है।
  • ऑनलाइन एनालिटिक्स फर्म सेंसर टॉवर के अनुसार दुनियाभर में पबजी खेलने वालों में सबसे ज्यादा 25% भारतीय है। आंकड़ों में 17.5 करोड़ डाउनलोड्स हुए हैं। चीन में पबजी के कुल 17% यूजर है, वहीं अमेरिका में 6% प्लेयर।
  • क्वार्ट्ज ने 2018 में एक हजार पबजी प्लेयर्स पर स्टडी की। पाया कि उसमें 62% प्लेयर तो भारतीय हैं। भारत में लॉकडाउन के दौरान पबजी को सबसे ज्यादा खेला गया। मई में 22 लाख लोगों ने इसे खेला।
  • 2019 में ईस्पोर्ट्स के मामले में भारत 17वें नंबर पर था। गेमिंग फर्म्स के अंदाज के मुताबिक भारत में गेमिंग प्रोफेशनल्स तेजी से बढ़ रहे हैं। एक-दो साल में ही यह एक बिलियन डॉलर की इंडस्ट्री हो जाएगी।

भारत से कैसे और कितना कमाता है पबजी?

  • पबजी की कमाई को समझना है तो उसे दो हिस्सों में बांटना होगा। पबजी मोबाइल से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा टेनसेंट (चीन) को जाता है, लेकिन यदि आप कंप्यूटर पर खेल रहे हैं तो कोरियाई कंपनी को वह मिलता है।
  • पबजी मोबाइल की कमाई का जरिया इन-गेम आइटम्स जैसे स्किन, आउटफिट आदि हैं। उन्हें प्लेयर इन-गेम करेंसी (यूसी) का इस्तेमाल कर खरीद सकते हैं। इन-गेम पर्चेज से ही पबजी को कमाई होती है।
  • पबजी कॉर्प 800 से 3000 रुपए के सीजन पास बेचती है। इससे खिलाड़ियों को अपने रैंक बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही वे अपने पर्सनलाइज्ड कैरेक्टर की रैंक अपग्रेड करते हैं।
  • अलग-अलग रिपोर्ट्स देखें तो भारत से अकेले 7 मिलियन डॉलर यानी करीब 52 करोड़ रुपए हर महीने कमाता है पबजी मोबाइल। हालांकि, पबजी मोबाइल ने पूरी दुनिया से 2019 में 9,541 करोड़ रुपए कमाए।
  • पबजी मोबाइल मार्च 2018 में लॉन्च हुआ और तब से अब तक यह 3 बिलियन डॉलर (22 हजार करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट कर चुका है। सेंसर टावर के अनुमान के मुताबिक पबजी मोबाइल का रेवेन्यू दूसरे पापुलर टाइटल गारेना फ्री फायर से चार गुना ज्यादा है।
  • पबजी मोबाइल की कमाई का 72% हिस्सा ऐपल के ऐप स्टोर से आया जबकि गूगल प्ले स्टोर से सिर्फ 28% हिस्सा उसे मिला। यदि हम डाउनलोड्स की बात करें प्ले स्टोर ने जरूर इसमें बाजी मारी है। इसमें बड़ी हिस्सेदारी भारत में एंड्रॉइड फोन पर पबजी डाउनलोड्स की है।

ईस्पोर्ट्स से कैसे कमाता है पबजी?

  • ईस्पोर्ट्स से पबजी की डायरेक्ट कमाई नहीं है। लेकिन, पबजी खुद ईस्पोर्ट्स कम्पीटिशन में मदद करता है। टेनसेंट ने भारत में ही 50 से 75 करोड़ रुपए ईस्पोर्ट्स ऑर्गेनाइज करने के लिए खर्च किए। यह राशि भी लॉकडाउन के दौरान 100 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी।
  • चैम्पियनशिप्स में खिलाड़ी अपनी टीम बनाते हैं और आपस में कम्पीट करते हैं। मार्केटिंग और सर्वर की लागत तो बहुत कम है। टेनसेंट को पिछले साल नवंबर तक भारत से लाभ नहीं हुआ था। रेवेन्यू के मामले में भारत पबजी के 11वें नंबर का देश है।
  • सेलिब्रिटी प्लेयर्स एक्शन को लाइवस्ट्रीम करते हैं। फैन्स उन्हें यूट्यूब के सुपर चैट फीचर के जरिये पेमेंट करते हैं। इसके तहत उनके चैट मैसेज हाइलाइट होते हैं। पबजी पब्लिशर टेनसेंट के साथ टाई-अप के साथ यूट्यूब अब अमेजन के ट्विच का मुकाबला कर रहा है।
  • कैजुअल गेमर्स आम तौर पर ग्रुप्स, वॉट्सऐप, टेलीग्राम, डिस्कॉर्ड जैसे ऐप्स पर आपस में जुड़ते हैं और शर्त लगाकर कम्पीट करते हैं। इस वजह से इसके रेवेन्यू का अंदाज लगाना मुश्किल है।

तब तो पबजी को भारत लौटना ही होगा?

  • गेमिंग एनालिस्ट के मुताबिक, भारत में डाउनलोड्स भले ही सबसे ज्यादा हो, टेनसेंट को भारत से उतना प्रॉफिट नहीं मिल पाया। दुनियाभर में बदनामी अलग मिल रही है। ऐसे में उसके यहां लौटकर आने की संभावना काफी कम है।
  • पबजी ने मई में 226 मिलियन डॉलर का रेवेन्यू कमाया और यह दुनियाभर का सबसे ज्यादा कमाई करने वाला गेम साबित हुआ। पिछले साल मई में जो इसने कमाई की थी, उससे इस साल की कमाई 41% ज्यादा रही।
  • सेंसरटॉवर के अनुसार, टेनसेंट के पबजी मोबाइल ने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा चीन से करीब 53 प्रतिशत कमाया। इसके बाद 10.2 प्रतिशत अमेरिका और 5.5 प्रतिशत सऊदी अरब से। ऐसे में भारत से कमाई बहुत ज्यादा नहीं है।

पबजी के विकल्प क्या बन सकते हैं?

  • वैसे, गेमर्स अभी पबजी के सदमे में हैं। अभी मोबाइल में गेम ब्लॉक नहीं हुआ है। इस वजह से जिनके मोबाइल में यह है, वह इसे खेले जा रहे हैं। भारत में पबजी ने लाइव गेम स्ट्रीमिंग इंडस्ट्री को ताकत दी है।
  • पबजी मोबाइल के लोकप्रिय विकल्पों में क्रिएटिव डिस्ट्रक्शन, साइबर हंटर और रूल्स ऑफ सरवाइल भी बैन हो गए हैं। लेकिन गारेना फ्री फायर, कॉल ऑफ ड्यूटी के साथ-साथ अन्य गेमिंग ऐप्स डाउनलोड कर सकते हैं।
  • कॉल ऑफ ड्यूटी वैसे तो अमेरिकी वीडियो गेम पब्लिशर एक्टविजन की प्रॉपर्टी है। लेकिन इसका मोबाइल वर्जन टेनसेंट की ही सब्सिडियरी टिमी स्पोर्ट्स ने किया है। लिहाजा, इस पर भी टिके रहना मुश्किल है।

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