May 19, 2024 : 5:12 AM
Breaking News
राष्ट्रीय

दिल्ली, एनसीआर में 140 किमी रेलवे लाइन के किनारों से हटेंगी 48 हजार झुग्गियां, आदेश के खिलाफ देश की कोई अन्य कोर्ट स्टे आर्डर न दे

  • Hindi News
  • Local
  • Delhi ncr
  • 48 Thousand Slums To Be Removed From The Edges Of 140 Km Railway Line In Delhi, NCR, No Other Court Stay Orders Against The Order

नई दिल्ली3 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

राजनीतिक दखल के कारण नहीं हट पाता अतिक्रमण, तभी जाना पड़ा था सुप्रीम कोर्ट।

  • अगर कोई अदालत आदेश जारी करती है तो वह प्रभावी नहीं माना जाएगा: सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में रेलवे लाइनाें के इर्द-गिर्द बसी 48 हजार से अधिक झुग्गी झोपड़ियों को अब जल्द ही हटाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरुण मिश्रा, बीआर गवई और कृष्णा मुरारी की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर की 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइनों के इर्द-गिर्द बनी झोपड़ियों के अतिक्रमण काे हटाने का आदेश जारी किया है। रेलवे, नगर निगम सहित सरकारी एजेंसियाें को तीन महीने के भीतर यह काम पूरा करने काे कहा है। फैसले में यह भी कहा है कि इन झुग्गियों के मामले में कोई भी हाईकोर्ट या अदालत स्टे आर्डर न दें। अगर कोई अदालत आदेश जारी करती है तो वह प्रभावी नहीं माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश वर्ष 1985 में एक सामाजिक कार्यकर्ता एमसी मेहता की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया है। इस याचिका में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण व अतिक्रमण इत्यादि की समस्या को उठाया गया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट पिछले 35 सालों में समय-समय पर बहुत से सुधारात्मक आदेश जारी करती रही है। रेलवे ने हलफनामा दायर कर कहा था कि राजनीतिक दखलंदाजी के चलते अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। अभी जैसे ही कार्यवाही शुरू की जाएगी। वोटबैंक के चलते राजनीतिक दखल होगा। लोग कोर्ट की शरण लेंगे और अतिक्रमण कार्रवाई पर स्टे लेे लेंगे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया कि उनके इस आदेश के खिलाफ कोई भी कोर्ट या हाईकोर्ट रेलवे जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई स्टे नहीं देगी।

रेलवे ने कहा, राजनीतिक दखल के कारण नहीं हट पाता अतिक्रमण, तभी जाना पड़ा था सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली मंडल के रेल अधिकारियों ने कहा है कि रेल पटरियों के कारण बसी इन झुग्गी-झोपड़ियाें के कारण ट्रैक पर लोगों के साथ ही उनके मवेशियों के आने के कारण ट्रेन को खतरा बना रहता था। लेकिन कोई भी सरकार वोट बैंक के कारण अतिक्रमण को हटा नहीं रही थी। इस कारण कोशिश के बावजूद ट्रेनों के स्पीड बढ़ाने में सफलता नहीं मिल रही थी।

ट्रेन के पायलट को झुग्गी वाले क्षेत्र में गति को सीमित स्पीड में चलाना पड़ता था जिससे अचानक पटरी किसी बच्चे या फिर उनके भैंस, बकरी के आने से ट्रेन रोककर खतरा से बचा जा सके। रेल अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में कांग्रेस के कार्यकाल में ही दिल्ली मंडल ने 140 किलोमीटर दिल्ली-एनसीआर के लंबे रेल मार्ग पर दोनों ओर झुग्गियों को हटाकर इसमें रह रहे लोगों को पुनर्वास के लिए करोड़ों रुपए दिल्ली सरकार को दिए थे। अधिकारियों ने बताया कि आठ साल में दिल्ली में सरकार बदलने के बाद रेल पटरियों के पास अतिक्रमण में दो गुणा से भी अधिक वृद्धि हो गई। इसके बाद रेलवे दिल्ली सरकार को जब इस अतिक्रमण को हटाने के लिए कई पत्र लिखने के बाद कार्रवाई नहीं होने पर मामले को हाई कोर्ट बाद में सुप्रीम कोर्ट में जाना पड़ा।

10 महीने में दिल्ली में स्मॉग टॉवर लगवाने का काम पूरा किया जाए : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में वायु प्रदूषण पर रोक लगाने के उद्देश्य से स्मॉग टावरों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए 10 महीने का समय दिया है। केंद्र व दिल्ली सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तय समय में काम पूरा नहीं हुआ तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।

0

Related posts

लॉकडाउन से बंद थी इंडस्ट्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लाइसेंस रिन्यू कराने को भेज रहा नोटिस

News Blast

मिरांडा हाउस श्रेष्ठ कॉलेज, जेएनयू को पीछे छोड़ आईआईएससी बेंगलुरू बेस्ट यूनिवर्सिटी बनी; आईआईटी मद्रास ओवरऑल टॉप

News Blast

मोबाइल छीन भाग रहे बदमाश तार से उलझकर गिरे, गिरफ्तार

News Blast

टिप्पणी दें