इंदौर40 मिनट पहले
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जिला जेल में सुबह से हलचल बढ़ गई थी। पुलिस की आवाजाही सुबह से ही जारी रही।
- जेलर और आरोपी श्वेता का बात करते फोटो वायरल होने के बाद डीआईजी पांडे जांच के लिए पहुंचे
- अफसर बोले- जेलर को हक है बात करने का, लेकिन फोटो क्यों और कैसे वायरल हुआ, ये जांच करेंगे
जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ और हनीट्रैप की आरोपी श्वेता विजय जैन के बीच बातचीत का एक फोटो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। भोपाल मुख्यालय ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद डीआईजी संजय पांडे जांच के लिए बुधवार शाम इंदौर पहुंचे। जेल सूत्रों के अनुसार, वे गुरुवार अलसुबह 5 बजे ही जेल पहुंच गए। यहां करीब ढाई घंटे रहे और करीब साढ़े 7 बजे वापस लौट गए। उन्होंने यहां महिला बैरक का ही दौरा किया।
जेलर और श्वेता का यह फोटो वायरल होने के बाद मामला गरमा गया है।
यह है मामला
फोटो में कुलश्रेष्ठ महिला वार्ड के बाहर कुर्सी पर बैठे हुए हैं और श्वेता से बात कर रहे हैं। जेल मैन्युअल के अनुसार, महिला वार्ड में पुरुष अफसर जाकर किसी महिला कैदी से अकेले में बात नहीं कर सकते। इनके बीच क्या बात हुई, इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन जो फोटो वायरल हुआ, उसके साथ मुख्यालय तक ये शिकायत भी पहुंची कि श्वेता और हनीट्रैप की अन्य आरोपियों को जेल में वीआईपी सुविधाएं देने पर बात हो रही थी। इस फोटो को किसी जेलकर्मी ने ही खींचा और वायरल किया।
जेल डीआईजी पांडे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि फोटो किसने लिया। बताते हैं कि पहले भी कुलश्रेष्ठ के महिला वार्ड में जाकर कैदियों से बात करने की शिकायत हो चुकी है। महीनेभर में ये दूसरा मामला है, जब हनीट्रैप की आरोपियों के कारण कोई जेल अफसर फंसा है। इससे पहले जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी का इन्हीं आरोपियों की पैरोल की चिट्ठी लिखने पर तबादला हो गया था।
जेलर बोले- खुली जगह पर बैठा था
जेलर का कहना है कि जिस स्थान पर मैं बैठा था, वह खुला स्थान है। कोई भी महिला बंदिनी आ सकती हैं तो वह अपनी समस्या को लेकर बात कर सकती है। मैं भी उनकी बात सुन रहा था। इसी दौरान का यह वाक्या है। बिना साजिश के यह नहीं हो सकता। जेल में मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
जेल अधिकारी सक्षम है, किसी से भी बात कर सकता है: पांडे
डीआईजी पांडे के मुताबिक, जेल अधिकारी को हक होता है कि वह किसी भी महिला कैदी से बात करे। जहां तक वहां किसी महिला अफसर के मौजूद रहने की बात है, तो कोई न कोई अफसर-कर्मी तो साथ रहती ही है। यह फोटो क्यों और किन परिस्थितियों में वायरल किया, यह जांच का विषय है।
कोरोना कैसे फैला, इसकी भी जांच
जेल में पांडे ने 50 से ज्यादा कैदियों और स्टाफ के कोरोना संक्रमित निकलने को लेकर व्यवस्थाएं भी देखीं। कई बंदियों ने आवेदन दिए हैं कि कोरोनाकाल में उन्हें रिहा किया जाए या पैरोल दी जाए।
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